ETV Bharat / bharat

दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी : रिपोर्ट

दिल्ली पूरी दुनिया की सबसे अधिक प्रदूषित शहर है. यह दावा विश्व वायु गुणवत्ता की एक रिपोर्ट में किया गया है. इसके अनुसार दुनिया के 50 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में 35 शहर भारत के हैं.

concept photo
कॉन्सेप्ट फोटो
author img

By

Published : Mar 22, 2022, 7:11 PM IST

नई दिल्ली : देश की राजधानी नई दिल्ली दुनिया की सबसे अधिक प्रदूषित शहर बताई गई है. खराब वायु गुणवत्ता वाले दुनिया के 50 शहरों में से 35 शहर भारत के हैं. यह दावा एक रिपोर्ट में किया गया है. यह लगातार चौथी बार है कि दिल्ली को सबसे अधिक प्रदूषित शहर घोषित किया गया है.

यह रिपोर्ट स्विस संगठन आईक्यूएयर द्वारा तैयार की गई है और इसे मंगलवार को वैश्विक स्तर पर जारी किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत का कोई भी शहर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित वायु गुणवत्ता मानक (पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम-2.5 सांद्रता) पर खरा नहीं उतर सका.

साल 2021 में वैश्विक स्तर पर वायु गुणवत्ता की स्थिति बयां करने वाली यह रिपोर्ट 117 देशों के 6,475 शहरों की आबोहवा में पीएम-2.5 सूक्ष्म कणों की मौजूदगी से जुड़े डेटा पर आधारित है. इसमें सबसे प्रदूषित राजधानियों की सूची में ढाका (बांग्लादेश) दूसरे, एनजमीना (चाड) तीसरे, दुशांबे (ताजिकिस्तान) चौथे और मस्कट (ओमान) पांचवें स्थान पर है.

रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में नई दिल्ली में पीएम-2.5 सूक्ष्म कणों के स्तर में 14.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 2020 में 84 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से बढ़कर 2021 में 96.4 माइक्रोग्राम प्रति घट मीटर हो गया. इसमें कहा गया है कि दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 35 भारत में हैं. देश में पीएम-2.5 का वार्षिक औसत स्तर 2021 में 58.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया, जिससे इसमें तीन वर्षों से दर्ज किया जा रहा सुधार थम गया.

रिपोर्ट के मुताबिक कि भारत में पीएम-2.5 का वार्षिक औसत स्तर 2019 में लॉकडाउन से पहले के स्तर पर पहुंच गया है. चिंता की बात यह है कि 2021 में कोई भी भारतीय शहर पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के डब्ल्यूएचओ के मानक पर खरा नहीं उतरा. रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 48 फीसदी शहरों में पीएम-2.5 कणों का स्तर 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानक से दस गुना है.

air quality index
वायु गुणवत्ता का ग्राफ

ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेन मैनेजर अविनाश चंचल ने आईक्यूएयर के हालिया आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट सरकारों और निगमों के लिए आंखें खोलने वाली है. उन्होंने कहा कि इससे एक बार फिर साबित होता है कि लोग खतरनाक रूप से प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं. वाहनों से होने वाला उत्सर्जन शहरों की आबोहवा में पीएम-2.5 कणों की भारी मौजूदगी के प्रमुख कारकों में से एक है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2021 में वैश्विक स्तर पर कोई भी देश डब्ल्यूएचओ के मानक पर खतरा नहीं उतरा और दुनिया के केवल तीन देशों ने इसे पूरा किया.

ये भी पढे़ं : कई सालों से सबसे खराब रहा है दिल्ली का AQI

नई दिल्ली : देश की राजधानी नई दिल्ली दुनिया की सबसे अधिक प्रदूषित शहर बताई गई है. खराब वायु गुणवत्ता वाले दुनिया के 50 शहरों में से 35 शहर भारत के हैं. यह दावा एक रिपोर्ट में किया गया है. यह लगातार चौथी बार है कि दिल्ली को सबसे अधिक प्रदूषित शहर घोषित किया गया है.

यह रिपोर्ट स्विस संगठन आईक्यूएयर द्वारा तैयार की गई है और इसे मंगलवार को वैश्विक स्तर पर जारी किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत का कोई भी शहर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित वायु गुणवत्ता मानक (पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम-2.5 सांद्रता) पर खरा नहीं उतर सका.

साल 2021 में वैश्विक स्तर पर वायु गुणवत्ता की स्थिति बयां करने वाली यह रिपोर्ट 117 देशों के 6,475 शहरों की आबोहवा में पीएम-2.5 सूक्ष्म कणों की मौजूदगी से जुड़े डेटा पर आधारित है. इसमें सबसे प्रदूषित राजधानियों की सूची में ढाका (बांग्लादेश) दूसरे, एनजमीना (चाड) तीसरे, दुशांबे (ताजिकिस्तान) चौथे और मस्कट (ओमान) पांचवें स्थान पर है.

रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में नई दिल्ली में पीएम-2.5 सूक्ष्म कणों के स्तर में 14.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 2020 में 84 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से बढ़कर 2021 में 96.4 माइक्रोग्राम प्रति घट मीटर हो गया. इसमें कहा गया है कि दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 35 भारत में हैं. देश में पीएम-2.5 का वार्षिक औसत स्तर 2021 में 58.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया, जिससे इसमें तीन वर्षों से दर्ज किया जा रहा सुधार थम गया.

रिपोर्ट के मुताबिक कि भारत में पीएम-2.5 का वार्षिक औसत स्तर 2019 में लॉकडाउन से पहले के स्तर पर पहुंच गया है. चिंता की बात यह है कि 2021 में कोई भी भारतीय शहर पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के डब्ल्यूएचओ के मानक पर खरा नहीं उतरा. रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 48 फीसदी शहरों में पीएम-2.5 कणों का स्तर 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानक से दस गुना है.

air quality index
वायु गुणवत्ता का ग्राफ

ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेन मैनेजर अविनाश चंचल ने आईक्यूएयर के हालिया आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट सरकारों और निगमों के लिए आंखें खोलने वाली है. उन्होंने कहा कि इससे एक बार फिर साबित होता है कि लोग खतरनाक रूप से प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं. वाहनों से होने वाला उत्सर्जन शहरों की आबोहवा में पीएम-2.5 कणों की भारी मौजूदगी के प्रमुख कारकों में से एक है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2021 में वैश्विक स्तर पर कोई भी देश डब्ल्यूएचओ के मानक पर खतरा नहीं उतरा और दुनिया के केवल तीन देशों ने इसे पूरा किया.

ये भी पढे़ं : कई सालों से सबसे खराब रहा है दिल्ली का AQI

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.