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दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, संसद को इससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार : शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (amit Shah) ने कहा कि दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न ही पूर्ण संघ शासित प्रदेश है. उन्होंने कहा कि संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
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Published : Aug 3, 2023, 3:46 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 8:31 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक' संसद में लाकर उच्चतम न्यायालय के फैसले का किसी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है और संविधान के तहत संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है.

  • #WATCH | Pt Jawaharlal Nehru, Sardar Patel, Rajaji, Rajendra Prasad and Dr Ambedkar were opposed to Delhi being given the status of a full state: Union Home Minister Amit Shah on Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2023, in Lok Sabha pic.twitter.com/4sWWatQJko

    — ANI (@ANI) August 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक, 2023' को चर्चा एवं पारित होने के लिए निचले सदन में रखते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा, 'दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न ही पूर्ण संघ शासित प्रदेश है. राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए में इसके लिए एक विशेष प्रावधान है.'

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए के तहत इस संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र या इससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है.

शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि इस विधेयक को उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन करके लाया गया है, लेकिन वह उन सदस्यों से कहना चाहते हैं कि न्यायालय के फैसले के मनपसंद हिस्से की बजाए पूरा संदर्भ दिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में पैरा 86, पैरा 95 और पैरा 164 (एफ) में स्पष्ट किया गया है कि अनुच्छेद 239 ए ए में संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के विषय पर कानून बनाने का अधिकार है.

दिल्ली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि पट्टाभि सीतारमैया समिति ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की सिफारिश की थी. उन्होंने कहा कि जब यह विषय तत्कालीन संविधान सभा के समक्ष आया तब पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी (राजगोपालाचारी), डॉ राजेंद्र प्रसाद और डॉ भीमराव आंबेडकर ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का विरोध किया था.

शाह के अनुसार, पंडित नेहरू ने तब कहा था कि रिपोर्ट आने के दो साल बाद आज दुनिया बदल गई है, भारत बदल गया है, ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसे स्वीकार करना वास्तविकता से मुंह मोड़ना होगा.

शाह ने विधेयक का विरोध करने वाले कांग्रेस सदस्यों से कहा कि आज वे जिसका विरोध कर रहे हैं, उसकी सिफारिश पंडित नेहरू ने की थी.

उन्होंने कहा कि 1993 के बाद दिल्ली में कभी कांग्रेस और कभी भाजपा की सरकार आईं और दोनों में से किसी दल ने दूसरे (विपक्ष) के साथ झगड़ा नहीं किया, लेकिन 2015 में ऐसी सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, केवल झगड़ा करना है.

केजरीवाल सरकार पर साधा निशाना : शाह ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वास्तव में इनका मकसद कानून व्यवस्था और स्थानांतरण पर नियंत्रण नहीं, बल्कि विजिलेंस को नियंत्रण में लेकर 'बंगले' का और भ्रष्टाचार का सच छिपाना है.

शाह ने कहा, 'मेरी सभी सदस्यों से विनती है कि चुनाव जीतने के लिए, किसी का समर्थन हासिल करने के लिए, किसी विधेयक का समर्थन या विरोध करने की राजनीति नहीं करनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं, विधेयक और कानून देश के भले के लिए लाए जाते हैं और इसका विरोध या समर्थन भी देश और दिल्ली के भले के लिए करना चाहिए.

गृह मंत्री ने कहा, 'मेरी विपक्ष के सदस्यों से अपील है कि आप दिल्ली की सोचिए, गठबंधन की मत सोचिए. क्योंकि गठबंधन होने के बाद भी पूर्ण बहुमत से नरेंद्र मोदी ही अगली बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं.'

ये भी पढ़ें-

Monsoon Session 2023: विपक्षी सांसदों ने मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा में नोटिस दिया

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक' संसद में लाकर उच्चतम न्यायालय के फैसले का किसी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है और संविधान के तहत संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है.

  • #WATCH | Pt Jawaharlal Nehru, Sardar Patel, Rajaji, Rajendra Prasad and Dr Ambedkar were opposed to Delhi being given the status of a full state: Union Home Minister Amit Shah on Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2023, in Lok Sabha pic.twitter.com/4sWWatQJko

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'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक, 2023' को चर्चा एवं पारित होने के लिए निचले सदन में रखते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा, 'दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न ही पूर्ण संघ शासित प्रदेश है. राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए में इसके लिए एक विशेष प्रावधान है.'

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए के तहत इस संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र या इससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है.

शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि इस विधेयक को उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन करके लाया गया है, लेकिन वह उन सदस्यों से कहना चाहते हैं कि न्यायालय के फैसले के मनपसंद हिस्से की बजाए पूरा संदर्भ दिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में पैरा 86, पैरा 95 और पैरा 164 (एफ) में स्पष्ट किया गया है कि अनुच्छेद 239 ए ए में संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के विषय पर कानून बनाने का अधिकार है.

दिल्ली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि पट्टाभि सीतारमैया समिति ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की सिफारिश की थी. उन्होंने कहा कि जब यह विषय तत्कालीन संविधान सभा के समक्ष आया तब पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी (राजगोपालाचारी), डॉ राजेंद्र प्रसाद और डॉ भीमराव आंबेडकर ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का विरोध किया था.

शाह के अनुसार, पंडित नेहरू ने तब कहा था कि रिपोर्ट आने के दो साल बाद आज दुनिया बदल गई है, भारत बदल गया है, ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसे स्वीकार करना वास्तविकता से मुंह मोड़ना होगा.

शाह ने विधेयक का विरोध करने वाले कांग्रेस सदस्यों से कहा कि आज वे जिसका विरोध कर रहे हैं, उसकी सिफारिश पंडित नेहरू ने की थी.

उन्होंने कहा कि 1993 के बाद दिल्ली में कभी कांग्रेस और कभी भाजपा की सरकार आईं और दोनों में से किसी दल ने दूसरे (विपक्ष) के साथ झगड़ा नहीं किया, लेकिन 2015 में ऐसी सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, केवल झगड़ा करना है.

केजरीवाल सरकार पर साधा निशाना : शाह ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वास्तव में इनका मकसद कानून व्यवस्था और स्थानांतरण पर नियंत्रण नहीं, बल्कि विजिलेंस को नियंत्रण में लेकर 'बंगले' का और भ्रष्टाचार का सच छिपाना है.

शाह ने कहा, 'मेरी सभी सदस्यों से विनती है कि चुनाव जीतने के लिए, किसी का समर्थन हासिल करने के लिए, किसी विधेयक का समर्थन या विरोध करने की राजनीति नहीं करनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं, विधेयक और कानून देश के भले के लिए लाए जाते हैं और इसका विरोध या समर्थन भी देश और दिल्ली के भले के लिए करना चाहिए.

गृह मंत्री ने कहा, 'मेरी विपक्ष के सदस्यों से अपील है कि आप दिल्ली की सोचिए, गठबंधन की मत सोचिए. क्योंकि गठबंधन होने के बाद भी पूर्ण बहुमत से नरेंद्र मोदी ही अगली बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं.'

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 3, 2023, 8:31 PM IST
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