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संसद सुरक्षा चूक मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस हिरासत के खिलाफ आरोपी नीलम की याचिका की खारिज

parliament security breach case: संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि नीलम ने ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया है, ऐसे में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का कोई मतलब नहीं है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2024, 12:14 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस सुरेश कैत ने कहा कि नीलम ने ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया है, ऐसे में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का कोई मतलब नहीं है. नीलम की याचिका पर हाईकोर्ट ने 28 दिसंबर 2023 को जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. नीलम की याचिका में मांग की गई थी कि नीलम को हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया जाए और उसे रिहा किया जाए. याचिका में कहा गया था कि ट्रायल कोर्ट में पेशी के दौरान नीलम को अपनी पसंद के वकील से सलाह नहीं लेने दी गई, जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया था कि हिरासत में रखना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.

नीलम ने 2 जनवरी के पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जमानत याचिका पर 5 जनवरी को सुनवाई होने वाली है. नीलम समेत इस मामले के छह आरोपी 5 जनवरी तक दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं. हाल ही में हाईकोर्ट ने नीलम को एफआईआर की कॉपी उसके परिजनों को देने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 21 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि वो संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें : संसद सुरक्षा में चूक की आरोपी नीलम को लगा झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने जल्द सुनवाई से किया इनकार

दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. एफआईआर की कॉपी उसके परिजनों को 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएं. एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने ये आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज किया है. बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूद गए थे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.

ये भी पढ़ें : संसद की सुरक्षा में चूक मामला: आरोपी नीलम को एफआईआर की कॉपी देने के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस सुरेश कैत ने कहा कि नीलम ने ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया है, ऐसे में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का कोई मतलब नहीं है. नीलम की याचिका पर हाईकोर्ट ने 28 दिसंबर 2023 को जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. नीलम की याचिका में मांग की गई थी कि नीलम को हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया जाए और उसे रिहा किया जाए. याचिका में कहा गया था कि ट्रायल कोर्ट में पेशी के दौरान नीलम को अपनी पसंद के वकील से सलाह नहीं लेने दी गई, जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया था कि हिरासत में रखना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.

नीलम ने 2 जनवरी के पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जमानत याचिका पर 5 जनवरी को सुनवाई होने वाली है. नीलम समेत इस मामले के छह आरोपी 5 जनवरी तक दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं. हाल ही में हाईकोर्ट ने नीलम को एफआईआर की कॉपी उसके परिजनों को देने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 21 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि वो संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का आदेश दिया था.

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दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. एफआईआर की कॉपी उसके परिजनों को 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएं. एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने ये आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज किया है. बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूद गए थे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.

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