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राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है.

राकेश अस्थाना दिल्ली हाईकोर्ट
राकेश अस्थाना दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Sep 20, 2021, 3:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच आज नहीं बैठी जिसके बाद इस मामले पर सुनवाई 23 सितंबर को नियत की गई.

16 सितंबर को केंद्र सरकार ने इस मामले पर अपना जवाब दाखिल किया था. जवाब में केंद्र सरकार ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति का बचाव किया था. राकेश अस्थाना ने भी अपने जवाब में कहा था कि कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नामक एनजीओ उनके खिलाफ लगातार अभियान चलाए हुए हैं. पिछले 1 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र सरकार और राकेश अस्थाना को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने जो याचिका दायर किया है, उसी का कट एंड पेस्ट कर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. तब कोर्ट ने कहा था कि कई लोग आपकी याचिकाओं की कॉपी करते हैं, इसमें नया क्या है। आपकी मांग क्या है. तब भूषण ने कहा था कि हम इस याचिका में हस्तक्षेप करना चाहते हैं.

पढ़ें: जावेद अख्तर मानहानि मामले में कोर्ट में पेश हुईं कंगना

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण के रास्ते पर हैं. ये एक खतरनाक बात है. याचिकाकर्ताओं को किसी की नियुक्ति को चुनौती देने की क्या जरूरत है. उन्हें इसकी प्रेरणा कहां से मिलती है. कोर्ट को उस अधिकारी को भी सुनना चाहिए जिसकी नियुक्ति को चुनौती दी गई है. मेहता ने कहा था की प्रशांत भूषण ने याचिका की कॉपी मीडिया को शेयर की, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने वहां से ले लिया होगा. प्रशांत भूषण ने कहा था कि जैसे ही मीडिया को याचिका दाखिल होने के बारे में पता चलता है वे हमसे मांगते हैं और मैं मीडियाकर्मियों को याचिका की कॉपी दे देता हूं. उसके बाद कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.

पढ़ें: टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा की याचिका पर दिल्ली HC का केंद्र सरकार के वकील को निर्देश

24 अगस्त सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती दी है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का आदेश दिया था. 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई से मना किया था और दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वे दो हफ्ते में उसका निपटारा करें. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को हाईकोर्ट में अपनी बात रखने का निर्देश दिया था.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच आज नहीं बैठी जिसके बाद इस मामले पर सुनवाई 23 सितंबर को नियत की गई.

16 सितंबर को केंद्र सरकार ने इस मामले पर अपना जवाब दाखिल किया था. जवाब में केंद्र सरकार ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति का बचाव किया था. राकेश अस्थाना ने भी अपने जवाब में कहा था कि कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नामक एनजीओ उनके खिलाफ लगातार अभियान चलाए हुए हैं. पिछले 1 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र सरकार और राकेश अस्थाना को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने जो याचिका दायर किया है, उसी का कट एंड पेस्ट कर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. तब कोर्ट ने कहा था कि कई लोग आपकी याचिकाओं की कॉपी करते हैं, इसमें नया क्या है। आपकी मांग क्या है. तब भूषण ने कहा था कि हम इस याचिका में हस्तक्षेप करना चाहते हैं.

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सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण के रास्ते पर हैं. ये एक खतरनाक बात है. याचिकाकर्ताओं को किसी की नियुक्ति को चुनौती देने की क्या जरूरत है. उन्हें इसकी प्रेरणा कहां से मिलती है. कोर्ट को उस अधिकारी को भी सुनना चाहिए जिसकी नियुक्ति को चुनौती दी गई है. मेहता ने कहा था की प्रशांत भूषण ने याचिका की कॉपी मीडिया को शेयर की, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने वहां से ले लिया होगा. प्रशांत भूषण ने कहा था कि जैसे ही मीडिया को याचिका दाखिल होने के बारे में पता चलता है वे हमसे मांगते हैं और मैं मीडियाकर्मियों को याचिका की कॉपी दे देता हूं. उसके बाद कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.

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24 अगस्त सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती दी है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का आदेश दिया था. 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई से मना किया था और दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वे दो हफ्ते में उसका निपटारा करें. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को हाईकोर्ट में अपनी बात रखने का निर्देश दिया था.

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