नई दिल्ली : ड्रग कंट्रोलर (Drug controller) ने दवाईयों की जमाखोरी (Drug hoarding) के मामले में सांसद गौतम गंभीर (MP Gautam Gambhir) और विधायक प्रवीण कुमार (MLA Praveen Kumar) को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट (Drugs and Cosmetics Act) के तहत आरोपी माना है.
ड्रग कंट्रोलर ने इस बात की सूचना गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) को दी. ड्रग कंट्रोलर की इस रिपोर्ट के बाद जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले में छह हफ्ते के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी.
फेबिफ्लू दवाई का स्टॉक रखने का आरोप
सुनवाई के दौरान ड्रग कंट्रोलर की ओर से वकील नंदिता राव ने कहा कि गौतम गंभीर फाउंडेशन (Gautam Gambhir Foundation) ने अनाधिकृत रूप से फेबिफ्लू दवाई (Febiflu medicine) का स्टॉक रखा था. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 18सी, 27बी, 27डी और रुल 61 के तहत अपराध किया है.
एमिकस क्युरी राजशेखर राव ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर रखने के मामले में भी जांच हुई है. ऑक्सीजन सिलेंडर के मामले में पूरी जांच होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ड्रग कंट्रोलर को न केवल गौतम गंभीर के मामले की जांच करनी चाहिए, बल्कि उन सभी मामलों की जांच होनी चाहिए, जिसमें ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट का उल्लंघन होता हो. कोर्ट ने पूछा कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने डीलर से इतनी दवाईयां कैसे हासिल कर ली.
चैरिटी से लोगों को असुविधा हुई
जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि गौतम गंभीर ने लोगों की सेवा करने के लिए दवाईयां लीं और उसके लिए काफी पैसे भी खर्च किए. गौतम गंभीर ने चैरिटी की लेकिन इससे काफी लोगों को असुविधा हुई. लोगों की सेवा दूसरे तरीके से करनी चाहिए थी.
अगर चैरिटी करना चाहते हैं, आप केवल चैरिटी के ख्याल से करें, उसमें कोई दूसरा एंगल न ढूंढ़ें. ड्रग कंट्रोलर इस पर कार्रवाई करे. नंदिता राव ने कहा कि कुछ लोगों ने स्टेरॉयड भी बांटे हैं, हम उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे. कोर्ट ने छह हफ्ते में एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
ऑक्सीजन इस्तेमाल की सीमा तय हो
एमिकस क्युरी राजशेखर राव ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर के व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए एक सीमा तय की जानी चाहिए. एक या दो इंजेक्शन ज्यादा रखने पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि लोग परेशानी में भी कालाबाजार से दवाइयां खरीद सकते हैं, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.
राव ने कहा कि इस मामले में बड़ी मछलियों को पकड़ना चाहते हैं, जिनसे समाज को नुकसान हुआ है. हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर से पूछा कि क्या स्टेटस रिपोर्ट केवल गौतम गंभीर पर है. नंदिता राव ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट विधायक प्रवीण कुमार और दूसरों पर भी है.
हाईकोर्ट ने सभी पर कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिन्होंने भी दवाईयों और ऑक्सीजन की सप्लाई को ब्लॉक किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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ड्रग कंट्रोलर को फटकार
पिछले 31 मई को हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर और प्रवीण कुमार को क्लीन चिट देने के लिए ड्रग कंट्रोलर को कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि आप जांच नहीं कर सकते हैं तो बताएं. हम आपको हटाकर किसी और को यह जिम्मा दे देते हैं. कोर्ट ने प्रीति तोमर को क्लीन चिट देने के ड्रग कंट्रोलर के स्टेटस रिपोर्ट को मंजूर कर लिया था.