नई दिल्ली : भारत में कोरोना महामारी के कारण गंभीर संकट पैदा होता दिख रहा है. ऑक्सीजन की कमी की खबरों के बीच अब कोरोना से बचाव के लिए विकसित किए गए टीकों की बर्बादी की खबरें भी सामने आ रही हैं. वैक्सीन की बर्बादी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोविड टीकों की 'भारी बर्बादी' पर काेर्ट ने केंद्र से कहा कि जो कोई टीका लगवाना चाहता हो, उसे टीका लगाया जाना चाहिए ताकि इसकी बर्बादी नहीं हो.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि खबरों के अनुसार रोज छह प्रतिशत टीके बर्बाद हो रहे हैं और अब तक 10 करोड़ में से 44 लाख टीके बर्बाद हो चुके हैं. टीकों की सबसे अधिक बर्बादी तमिलनाडु में हुई है.
महामारी भेदभाव नहीं करती
अदालत ने केंद्र से कहा, 'यह बहुत बड़ी बर्बादी है. यह टीका उन्हें दें जो लोग इसे लगवाना चाहते हैं. आप जिस किसी का भी टीकाकरण कर सकते हैं, उसे टीका लगाएं. चाहे 16 साल का व्यक्ति हो या 60 साल का, सबको टीकाकरण की जरूरत है. महामारी भेदभाव नहीं करती.'
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जरूरतमंद लोगों को दें वैक्सीन
पीठ ने कहा कि इस बार युवा अधिक प्रभावित हो रहे हैं और कई युवाओं की जान जा चुकी है. अदालत ने कहा कि यदि दिन के अंत में, शीशी में कुछ खुराकें बाकी हैं तो उन्हें जरूरतमंद लोगों को दिया जाए. भले ही ऐसे व्यक्ति टीकाकरण के लिए निर्धारित श्रेणी में नहीं आते हों.
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बता दें कि देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2,59,170 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,53,21,089 हुई. 1,761 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,80,530 हो गई है. देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 20,31,977 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,31,08,582 है.