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Delhi Liquor Scam: सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट की टिप्पणी- आप पर भरोसा नहीं...

कथित दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने घोटाले के अन्य आरोपियों अभिषेक बोइनपल्ली की भी जमानत रद्द कर दी. पढ़ें कोर्ट ने क्या कहा...

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Published : Jul 3, 2023, 2:54 PM IST

Updated : Jul 3, 2023, 4:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आम आदमी पार्टी (AAP) नेता विजय नायर, कारोबारी बिनॉय बाबू और अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत याचिका खारिज कर दी. दोपहर ढाई बजे चारों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने फैसला सुनाया. सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि वह दिल्ली सरकार में प्रभावशाली पद पर रहे हैं, जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

साथ ही कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया पीएमएलए (प्रोटेक्शन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों के साथ-साथ जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने में विफल रहे हैं. इसलिए भी इन्हें जमानत नहीं दी जा सकती. इससे पहले हाईकोर्ट ने दो जून को सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिन्होंने मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित अपनी पत्नी के बिगड़ते स्वास्थ्य सहित विभिन्न आधारों पर जमानत मांगी थी.

क्या है जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट नियम, जानिए

  1. अभियुक्त की उपस्थितिः अधिवक्ता मनीष भदौरिया ने बताया कि ऐसा करने में अदालतें अभियुक्त के आचरण से निर्देशित होती हैं. यदि आरोपी ने अतीत में आवश्यकता पड़ने पर हर समय खुद को उपलब्ध कराया है और जांच में सहयोग कर रहा है तो अदालतें अग्रिम जमानत देते समय इस कारण को आरोपी के पक्ष में लेती हैं.
  2. शामिल साक्ष्य की प्रकृतिः यदि मामला मुख्य रूप से दस्तावेजों पर आधारित है और सभी दस्तावेज पहले से ही जांच एजेंसी की हिरासत में थे तो छेड़छाड़ की गुंजाइश असंभव हो जाती है और आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
  3. समाज में गहरी जड़ेंः आरोपी की समाज में गहरी जड़ें हैं. वह लंबे समय से अपने स्थायी पते पर रह रहा है. उसकी सभी संपत्तियां और परिवार स्थानीय सीमा के भीतर हैं और वह पहले किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं था.

इन तीनों शर्तों को पूरा करने पर कोर्ट यह मानता है कि आरोपी ने ट्रिपल टेस्ट का नियम पूरा किया है. लेकिन, सिसोदिया को लेकर कोर्ट आश्वस्त नहीं है कि जमानत देने पर वह गवाह और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे. साथ ही CBI और ED शुरू से ही सिसोदिया पर जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप लगाती रही हैं. इसलिए सिसोदिया जमानत देने के इस दायरे से भी बाहर हैं.

ये भी पढ़ें: Delhi liquor scam: ED केस में भी सिसोदिया ने हाईकोर्ट में दायर की नियमित जमानत याचिका, कोर्ट ने मांगा जवाब

सिसोदिया के साथ तीन अन्य की भी जमानत याचिकाएं खारिजः इसके साथ ही हाईकोर्ट ने AAP संचार विभाग के प्रमुख रहे विजय नायर की भी यह कहते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी कि नायर के खिलाफ आरोप गंभीर हैं. वह मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी थे और ट्रायल कोर्ट के आदेश में कोई खामी नहीं है, जिसने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. नायर पर साउथ ग्रुप से ली गई 100 करोड़ रुपए की कथित रिश्वत के पैसे को ठिकाने लगाने का आरोप है.

इसके साथ ही कोर्ट ने व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली और परनोर्ड रिकॉर्ड कंपनी के कर्मचारी बेनॉय बाबू की भी जमानत याचिका खारिज कर दीं. दोनों भी आबकारी घोटाले में ED द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में सह-आरोपी हैं. बोइनपल्ली पर साउथ ग्रुप को शराब के लाइसेंस दिलाने के लिए लॉबिंग करने का आरोप है और बिनॉय बाबू पर रिश्वत के अवैध पैसे को वैध पैसे के रूप में परिवर्तित करने का आरोप है.

26 फरवरी से जेल में सिसोदियाः सिसोदिया को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. तब से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. इससे पहले हाईकोर्ट 30 मई को मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर चुका है. उन्हें ईडी द्वारा दर्ज मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं. राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

हाईकोर्ट ने सिसोदिया को पत्नी से मिलने के लिए एक दिन सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक की छूट दी थी. तब सिसोदिया दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच पिछले महीने पत्नी से मिले थे. उस दौरान सिसोदिया की पत्नी ने सोशल मीडिया पर एक पत्र जारी कर मुलाकात के दौरान पुलिसकर्मियों की मौजूदगी को लेकर अपना दर्द जाहिर किया था.

ये भी पढ़ें: Money Laundering Case: सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 19 जुलाई तक टली

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आम आदमी पार्टी (AAP) नेता विजय नायर, कारोबारी बिनॉय बाबू और अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत याचिका खारिज कर दी. दोपहर ढाई बजे चारों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने फैसला सुनाया. सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि वह दिल्ली सरकार में प्रभावशाली पद पर रहे हैं, जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

साथ ही कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया पीएमएलए (प्रोटेक्शन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों के साथ-साथ जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने में विफल रहे हैं. इसलिए भी इन्हें जमानत नहीं दी जा सकती. इससे पहले हाईकोर्ट ने दो जून को सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिन्होंने मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित अपनी पत्नी के बिगड़ते स्वास्थ्य सहित विभिन्न आधारों पर जमानत मांगी थी.

क्या है जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट नियम, जानिए

  1. अभियुक्त की उपस्थितिः अधिवक्ता मनीष भदौरिया ने बताया कि ऐसा करने में अदालतें अभियुक्त के आचरण से निर्देशित होती हैं. यदि आरोपी ने अतीत में आवश्यकता पड़ने पर हर समय खुद को उपलब्ध कराया है और जांच में सहयोग कर रहा है तो अदालतें अग्रिम जमानत देते समय इस कारण को आरोपी के पक्ष में लेती हैं.
  2. शामिल साक्ष्य की प्रकृतिः यदि मामला मुख्य रूप से दस्तावेजों पर आधारित है और सभी दस्तावेज पहले से ही जांच एजेंसी की हिरासत में थे तो छेड़छाड़ की गुंजाइश असंभव हो जाती है और आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
  3. समाज में गहरी जड़ेंः आरोपी की समाज में गहरी जड़ें हैं. वह लंबे समय से अपने स्थायी पते पर रह रहा है. उसकी सभी संपत्तियां और परिवार स्थानीय सीमा के भीतर हैं और वह पहले किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं था.

इन तीनों शर्तों को पूरा करने पर कोर्ट यह मानता है कि आरोपी ने ट्रिपल टेस्ट का नियम पूरा किया है. लेकिन, सिसोदिया को लेकर कोर्ट आश्वस्त नहीं है कि जमानत देने पर वह गवाह और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे. साथ ही CBI और ED शुरू से ही सिसोदिया पर जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप लगाती रही हैं. इसलिए सिसोदिया जमानत देने के इस दायरे से भी बाहर हैं.

ये भी पढ़ें: Delhi liquor scam: ED केस में भी सिसोदिया ने हाईकोर्ट में दायर की नियमित जमानत याचिका, कोर्ट ने मांगा जवाब

सिसोदिया के साथ तीन अन्य की भी जमानत याचिकाएं खारिजः इसके साथ ही हाईकोर्ट ने AAP संचार विभाग के प्रमुख रहे विजय नायर की भी यह कहते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी कि नायर के खिलाफ आरोप गंभीर हैं. वह मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी थे और ट्रायल कोर्ट के आदेश में कोई खामी नहीं है, जिसने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. नायर पर साउथ ग्रुप से ली गई 100 करोड़ रुपए की कथित रिश्वत के पैसे को ठिकाने लगाने का आरोप है.

इसके साथ ही कोर्ट ने व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली और परनोर्ड रिकॉर्ड कंपनी के कर्मचारी बेनॉय बाबू की भी जमानत याचिका खारिज कर दीं. दोनों भी आबकारी घोटाले में ED द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में सह-आरोपी हैं. बोइनपल्ली पर साउथ ग्रुप को शराब के लाइसेंस दिलाने के लिए लॉबिंग करने का आरोप है और बिनॉय बाबू पर रिश्वत के अवैध पैसे को वैध पैसे के रूप में परिवर्तित करने का आरोप है.

26 फरवरी से जेल में सिसोदियाः सिसोदिया को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. तब से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. इससे पहले हाईकोर्ट 30 मई को मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर चुका है. उन्हें ईडी द्वारा दर्ज मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं. राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

हाईकोर्ट ने सिसोदिया को पत्नी से मिलने के लिए एक दिन सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक की छूट दी थी. तब सिसोदिया दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच पिछले महीने पत्नी से मिले थे. उस दौरान सिसोदिया की पत्नी ने सोशल मीडिया पर एक पत्र जारी कर मुलाकात के दौरान पुलिसकर्मियों की मौजूदगी को लेकर अपना दर्द जाहिर किया था.

ये भी पढ़ें: Money Laundering Case: सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 19 जुलाई तक टली

Last Updated : Jul 3, 2023, 4:17 PM IST
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