नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर याचिका पर जल्द सुनवाई (petition for election of deputy speaker in loksabha) करने से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा कि सुनवाई के लिए जल्दबाजी क्या है?
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 29 नवंबर को होनी थी, लेकिन बेंच सुनवाई के लिए नहीं बैठी और अगली सुनवाई की तिथि 28 फरवरी 2022 के लिए नियत कर दी गई. उन्होंने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की. 30 सितंबर को कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय को अपना पक्ष रखने के लिए समय दे दिया था.
सुनवाई के दौरान लोकसभा सचिवालय की ओर से वरिष्ठ वकील राजशेखर राव ने कहा था कि ये पहली बार नहीं है, जब लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद खाली है. राव ने हाईकोर्ट से इस मामले पर कानूनी पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की थी. एक सितंबर को कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय और केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा से कहा था कि हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, आप निर्देश लें. याचिका पवन रिले (Petitioner pawan riley) ने दायर की है.
याचिका में कहा गया है कि लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद दो साल से अधिक समय से खाली रखकर संविधान की धारा 93 का उल्लंघन किया गया है. याचिका में कहा गया है कि 830 दिन बीत गए हैं, लेकिन डिप्टी स्पीकर नहीं चुना गया है. यह बहुत गंभीर मामला है.
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याचिका में कहा गया है कि लोकसभा में प्रक्रिया और उसके कार्य संचालन के नियम 8 के तहत डिप्टी स्पीकर के चुनाव की तारीख तय करना लोकसभा के स्पीकर का प्राथमिक कर्तव्य है. याचिका में कहा गया है कि धारा 93 के तहत डिप्टी स्पीकर का चुनाव जितनी जल्दी हो कराने की बात कही गई है. इसका मतलब ये नहीं है कि डिप्टी स्पीकर का चुनाव दो साल या उससे अधिक की अवधि तक बढ़ाए जा सकते हैं. डिप्टी स्पीकर के संवैधानिक पद के चुनाव में और देरी नियमों का उल्लंघन होगा.