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कोरोना टीकाकरण पर सरकार की खिंचाई, हाईकोर्ट बोला- डायलर ट्यून 'परेशान करने वाला' - delhi hc criticises irritating tune

केंद्र के डायलर ट्यून संदेश जिसमें लोगों को टीका लगाने के लिए कहा जा रहा है, की दिल्ली उच्च न्यायालय ने आलोचना की है. अदालत ने कहा, आपके पास पर्याप्त टीका नहीं है और आप लोगों को 'परेशान करने वाले' डायलर ट्यून पर टीका लगवाने को कह रहे हैं.

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Published : May 13, 2021, 8:40 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना महामारी से बचाव के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. सरकार ज्यादा से ज्यादा टीके लगवाने की अपील कर रही है. इसी बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने लोगों को टीकाकरण कराने वाला संदेश देने वाली डायलर ट्यून की आलोचना की है. हाई कोर्ट ने कहा जब टीकाकरण नहीं हो रहा है तो डायलर ट्यून में लोगों को टीकाकरण करने के लिए कहा जा रहा है.

लोगों से टीका लगवाने का अनुरोध करने वाली केंद्र सरकार की डायलर ट्यून की आलोचना करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि 'हमें नहीं पता कितने दिनों से' यह 'परेशान करने वाला' संदेश बज रहा है और लोगों से टीका लगवाने को कह रहा है जबकि पर्याप्त संख्या में टीका उपलब्ध नहीं है.

सरकार के पास पर्याप्त वैक्सीन नहीं
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, लोग जब कॉल करते हैं तो, हमें नहीं पता कि आप कितने दिनों से एक परेशान करने वाला संदेश सुना रहे हैं कि लोगों को टीका लगवाना चाहिए, जबकि आपके (केन्द्र सरकार) पास पर्याप्त टीका नहीं है.

सरकार को नया सोचने की जरूरत
उन्होंने कहा, आप लोगों का टीकाकरण नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप फिर भी कह रहे हैं कि टीका लगवाएं. कौन लगवाएगा टीका, जबकि टीका ही नहीं है. इस संदेश का मतलब क्या है. सरकार को इन बातों में नया सोचने की जरुरत है, यह टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा, आपको यह सभी को देना चाहिए. अगर आप पैसे लेने वाले हैं, तभी भी यह दें. बच्चे भी यही कह रहे हैं.

अगले 10 साल तक बजाते रहेंगे ?
अदालत ने कहा कि सरकार को हमेशा एक ही संदेश बजाने की जगह अलग-अलग संदेश तैयार करने चाहिए. उसने कहा, जब तक यह टेप खराब ना हो जाए, आप इसे अगले 10 साल तक बजाते रहेंगे.

पढ़ें :- गंगा में लाश मामला : मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और बिहार को नोटिस जारी किया

शायद अलग-अलग संदेशों से मदद हो जाए
पीठ ने कहा कि राज्य या केन्द्र की सरकारों को जमीनी स्तर पर स्थिति के हिसाब से काम करना होगा. अदालत ने कहा, इसलिए कृपया कुछ और (डायलर संदेश) तैयार करें. जब लोग हर बार अलग-अलग (संदेश) सुनेंगे तो शायद उनकी मदद हो जाएगी.

लोकप्रिय लोगों से मदद का विकल्प
अदालत ने कहा कि टीवी प्रस्तोता, निर्माताओं से लोगों को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम बनाने, अमिताभ बच्चन जैसे लोकप्रिय लोगों से इसमें मदद करने को कहा जा सकता है.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी से बचाव के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. सरकार ज्यादा से ज्यादा टीके लगवाने की अपील कर रही है. इसी बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने लोगों को टीकाकरण कराने वाला संदेश देने वाली डायलर ट्यून की आलोचना की है. हाई कोर्ट ने कहा जब टीकाकरण नहीं हो रहा है तो डायलर ट्यून में लोगों को टीकाकरण करने के लिए कहा जा रहा है.

लोगों से टीका लगवाने का अनुरोध करने वाली केंद्र सरकार की डायलर ट्यून की आलोचना करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि 'हमें नहीं पता कितने दिनों से' यह 'परेशान करने वाला' संदेश बज रहा है और लोगों से टीका लगवाने को कह रहा है जबकि पर्याप्त संख्या में टीका उपलब्ध नहीं है.

सरकार के पास पर्याप्त वैक्सीन नहीं
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, लोग जब कॉल करते हैं तो, हमें नहीं पता कि आप कितने दिनों से एक परेशान करने वाला संदेश सुना रहे हैं कि लोगों को टीका लगवाना चाहिए, जबकि आपके (केन्द्र सरकार) पास पर्याप्त टीका नहीं है.

सरकार को नया सोचने की जरूरत
उन्होंने कहा, आप लोगों का टीकाकरण नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप फिर भी कह रहे हैं कि टीका लगवाएं. कौन लगवाएगा टीका, जबकि टीका ही नहीं है. इस संदेश का मतलब क्या है. सरकार को इन बातों में नया सोचने की जरुरत है, यह टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा, आपको यह सभी को देना चाहिए. अगर आप पैसे लेने वाले हैं, तभी भी यह दें. बच्चे भी यही कह रहे हैं.

अगले 10 साल तक बजाते रहेंगे ?
अदालत ने कहा कि सरकार को हमेशा एक ही संदेश बजाने की जगह अलग-अलग संदेश तैयार करने चाहिए. उसने कहा, जब तक यह टेप खराब ना हो जाए, आप इसे अगले 10 साल तक बजाते रहेंगे.

पढ़ें :- गंगा में लाश मामला : मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और बिहार को नोटिस जारी किया

शायद अलग-अलग संदेशों से मदद हो जाए
पीठ ने कहा कि राज्य या केन्द्र की सरकारों को जमीनी स्तर पर स्थिति के हिसाब से काम करना होगा. अदालत ने कहा, इसलिए कृपया कुछ और (डायलर संदेश) तैयार करें. जब लोग हर बार अलग-अलग (संदेश) सुनेंगे तो शायद उनकी मदद हो जाएगी.

लोकप्रिय लोगों से मदद का विकल्प
अदालत ने कहा कि टीवी प्रस्तोता, निर्माताओं से लोगों को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम बनाने, अमिताभ बच्चन जैसे लोकप्रिय लोगों से इसमें मदद करने को कहा जा सकता है.

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