मुंबई: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की. मुंबई के दो दिवसीय दौरे पर आए केजरीवाल के साथ दक्षिण मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में पवार से मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी थे. आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता ने बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर भाजपा शासित केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप की लड़ाई के लिए समर्थन मांगा.
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दिल्ली के लोगों के खिलाफ़ मोदी सरकार द्वारा लाया गया काला अध्यादेश हम सबको मिलकर संसद में रोकना है। इस विषय पर आज मुंबई में एनसीपी के वरिष्ठ नेता श्री शरद पवार साहब से मुलाक़ात हुई। एनसीपी और पवार साहब राज्यसभा में दिल्ली के लोगों का साथ देंगे। दिल्ली के लोगों की तरफ़ से मैं… pic.twitter.com/uIVKMhKJPE
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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केजरीवाल ने शरद पवार से उनके बांद्रा स्थित घर पर मुलाकात की. केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप की लड़ाई के लिए समर्थन जुटाने के लिए अपने देशव्यापी दौरे के तहत मंगलवार को केजरीवाल और भगवंत मान ने कोलकाता में पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात की. केंद्र ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था.
इस अध्यादेश से आम आदमी पार्टी सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ धोखा बताया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण चुनी हुई सरकार को सौंपे जाने के एक सप्ताह बाद यह अध्यादेश सामने आया है. इसमें निम्नलिखित समूह के स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण को डीएएनआईसीएस कैडर के एक अधिकारी स्थापित करने का प्रयास करता है.
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दिल्ली के लोगों का साथ देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया सर। ये लड़ाई देश के जनतंत्र और देश की आज़ादी को बचाने की लड़ाई है। हम सब मिलकर लड़ेंगे। https://t.co/PMIfOuvoUZ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यकारी नियंत्रण में थे. अध्यादेश को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया था और यह केंद्र बनाम दिल्ली मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को दरकिनार करता है. इससे पहले सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगा.