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आबकारी घोटाला : ईडी ने AAP प्रभारी समेत दो लोगों को किया गिरफ्तार - money laundering case

ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के संचार प्रभारी विजय नायर और कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया है. इसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने नायर, व्यवसायी बोइनपल्ली को पांच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया.

Delhi Excise policy case
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Published : Nov 14, 2022, 7:35 PM IST

Updated : Nov 14, 2022, 7:47 PM IST

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले की जारी जांच के सिलसिले में आम आदमी पार्टी (AAP) के संचार प्रभारी विजय नायर और कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया है. ईडी ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया, इसके बाद विजय नायर और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को ईडी की पांच दिन की हिरासत में भेज दिया गया.

वहीं, अदालत ने इससे जुड़े सीबीआई की जांच वाले भ्रष्टाचार के मामले में दोनों को जमानत दे दी. विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें एजेंसी ने कहा था कि बड़ी साजिश और धन के लेन-देन का पता लगाने के लिए संबंधित आरोपियों से पूछताछ की जरूरत है.

धनशोधन रोधी एजेंसी ने यह भी कहा कि आरोपियों का गवाहों और दस्तावेजों से सामना कराए जाने की आवश्यकता है. दिल्ली सरकार की अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई की जांच वाले मामले में अदालत ने दोनों को दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का एक जमानतदार पेश करने की शर्त पर जमानत दे दी.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जहां नायर को सितंबर में गिरफ्तार किया था, वहीं बोइनपल्ली को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि नायर हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के विभिन्न होटलों में "हवाला ऑपरेटर के माध्यम से अवैध धन" की व्यवस्था करने के लिए अन्य सह-आरोपियों और शराब निर्माताओं तथा वितरकों के साथ बैठकें करने में शामिल था.

सीबीआई ने दावा किया है कि बोइनपल्ली भी बैठकों का हिस्सा था. केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया है कि बोइनपल्ली एक अन्य आरोपी शराब व्यवसायी समीर महेंद्रू के साथ धनशोधन की साजिश में शामिल था, जो गिरफ्तारी के बाद तिहाड़ जेल में बंद है. धनशोधन मामले में ईडी ने दिल्ली के जोर बाग स्थित शराब वितरक इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक महेंद्रू की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली और पंजाब में करीब तीन दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी.

मामले के अन्य आरोपियों में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर शामिल हैं. दोनों एजेंसियों के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितता की गई और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया.

ईडी ने इससे पहले शराब कंपनी 'इंडोस्पिरिट' के प्रवर्तक समीर महेंद्रू, शराब कंपनी 'पर्नोड रिकार्ड' के महाप्रबंधक बिनॉय बाबू और 'अरबिंदो फार्मा' के पूर्णकालिक निदेशक और प्रवर्तक पी शरत चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया था. ईडी ने हाल में एक स्थानीय अदालत को बताया था कि एजेंसी इस मामले में अबतक 169 तलाशी अभियान चला चुकी है.

यह भी पढ़ें- मनीष सिसोदिया को चाहिए आबकारी नीति से संबंधित दस्तावेज, विभाग ने देने से किया इनकार

एजेंसी ने बाबू, शरत और रेड्डी की हिरासत कार्यवाही के दौरान अदालत को यह भी बताया कि सार्वजनिक तौर पर जारी किए जाने से लगभग 45 दिन पहले कुछ शराब निर्माताओं को नीति लीक की गई थी और जांच में पाया गया कि उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत तीन दर्जन ‘वीआईपी’ लोगों ने कथित तौर पर डिजिटल साक्ष्य नष्ट करने के इरादे से 140 से अधिक मोबाइल फोन बदले. (पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले की जारी जांच के सिलसिले में आम आदमी पार्टी (AAP) के संचार प्रभारी विजय नायर और कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया है. ईडी ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया, इसके बाद विजय नायर और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को ईडी की पांच दिन की हिरासत में भेज दिया गया.

वहीं, अदालत ने इससे जुड़े सीबीआई की जांच वाले भ्रष्टाचार के मामले में दोनों को जमानत दे दी. विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें एजेंसी ने कहा था कि बड़ी साजिश और धन के लेन-देन का पता लगाने के लिए संबंधित आरोपियों से पूछताछ की जरूरत है.

धनशोधन रोधी एजेंसी ने यह भी कहा कि आरोपियों का गवाहों और दस्तावेजों से सामना कराए जाने की आवश्यकता है. दिल्ली सरकार की अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई की जांच वाले मामले में अदालत ने दोनों को दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का एक जमानतदार पेश करने की शर्त पर जमानत दे दी.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जहां नायर को सितंबर में गिरफ्तार किया था, वहीं बोइनपल्ली को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि नायर हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के विभिन्न होटलों में "हवाला ऑपरेटर के माध्यम से अवैध धन" की व्यवस्था करने के लिए अन्य सह-आरोपियों और शराब निर्माताओं तथा वितरकों के साथ बैठकें करने में शामिल था.

सीबीआई ने दावा किया है कि बोइनपल्ली भी बैठकों का हिस्सा था. केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया है कि बोइनपल्ली एक अन्य आरोपी शराब व्यवसायी समीर महेंद्रू के साथ धनशोधन की साजिश में शामिल था, जो गिरफ्तारी के बाद तिहाड़ जेल में बंद है. धनशोधन मामले में ईडी ने दिल्ली के जोर बाग स्थित शराब वितरक इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक महेंद्रू की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली और पंजाब में करीब तीन दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी.

मामले के अन्य आरोपियों में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर शामिल हैं. दोनों एजेंसियों के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितता की गई और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया.

ईडी ने इससे पहले शराब कंपनी 'इंडोस्पिरिट' के प्रवर्तक समीर महेंद्रू, शराब कंपनी 'पर्नोड रिकार्ड' के महाप्रबंधक बिनॉय बाबू और 'अरबिंदो फार्मा' के पूर्णकालिक निदेशक और प्रवर्तक पी शरत चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया था. ईडी ने हाल में एक स्थानीय अदालत को बताया था कि एजेंसी इस मामले में अबतक 169 तलाशी अभियान चला चुकी है.

यह भी पढ़ें- मनीष सिसोदिया को चाहिए आबकारी नीति से संबंधित दस्तावेज, विभाग ने देने से किया इनकार

एजेंसी ने बाबू, शरत और रेड्डी की हिरासत कार्यवाही के दौरान अदालत को यह भी बताया कि सार्वजनिक तौर पर जारी किए जाने से लगभग 45 दिन पहले कुछ शराब निर्माताओं को नीति लीक की गई थी और जांच में पाया गया कि उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत तीन दर्जन ‘वीआईपी’ लोगों ने कथित तौर पर डिजिटल साक्ष्य नष्ट करने के इरादे से 140 से अधिक मोबाइल फोन बदले. (पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 14, 2022, 7:47 PM IST
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