नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने गुरुवार को कुतुब मीनार परिसर में हिंदू और जैन देवताओं की स्थापना (restoration of deities inside Qutub Minar complex) और पूजा के अधिकार की मांग करने वाले याचिका को खारिज कर दिया है. अयोध्या भूमि विवाद मामला में सुनाए गए फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली बार की गई गलतियां दोबारा नहीं की जा सकतीं हैं, जिससे वर्तमान और भविष्य में शांति भंग हो.
याचिका को खारिज करते हुए सिविल जज नेहा शर्मा (Civil Judge Neha Sharma) ने कहा कि भारत का सांस्कृतिक रूप से समृद्ध इतिहास है. इस पर कई राजवंशों का शासन रहा है. लेकिन, इसने चुनौतीपूर्ण समय भी देखा है. फिर भी, इतिहास को समग्र रूप से स्वीकार करना होगा. क्या हमारे इतिहास से अच्छाइयों को बरकरार रखा जा सकता है और बुराइयों को मिटाया जा सकता है?
बहस के दौरान वादी के वकील ने अपनी बात पर जोरदार तर्क दिया. हालांकि, इस दौरान किसी ने भी इस बात से इनकार नहीं किया है कि अतीत में गलतियां की गई थीं, लेकिन ऐसी गलतियां हमारे वर्तमान और भविष्य की शांति को भंग करने का आधार नहीं हो सकती हैं.
(पीटीआई)