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भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील इमाम को साकेत कोर्ट ने दी जमानत

भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील इमाम को साकेत कोर्ट ने जमानत (Saket court granted bail to Sharjeel Imam) दी. एफ आई आर दर्ज होने के 31 माह बाद मिली जमानत. इससे पहले अगस्त 2021 में साकेत कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद हाल ही में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को जमानत याचिका पर दोबारा विचार करने के लिए कहा था. मामला न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में दर्ज शिकायत का है जिसमें शरजील इमाम पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. सरजील के खिलाफ भारतीय संहिता की धारा 124 ए और 153a के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. हालांकि शरजील को अभी दिल्ली दंगा मामले में राहत नहीं मिली है.

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Published : Sep 30, 2022, 5:54 PM IST

नई दिल्ली: जेएनयू (Jawaharlal Nehru University) के पूर्व छात्र और दिल्ली दंगे तथा भड़काऊ भाषण के कई मामलों में आरोपी शरजील इमाम को साकेत कोर्ट ने जमानत दे दी (Saket court granted bail to Sharjeel Imam). कोर्ट नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) के खिलाफ शरजील इमाम द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण मामले की सुनवाई कर रहा था.

इस मामले में इमाम के खिलाफ देशद्रोह दो समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने आरोप लगाया था कि 2019 में दिल्ली के जामिया नगर में हुई हिंसा इमाम के भाषण की वजह से हुई थी. हालांकि अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनके खिलाफ दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले में जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है.

साकेत कोर्ट परिसर स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल की अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इस तथ्य को ध्यान में रखा की इमाम के ऊपर लगाई गई धारा 153 ए के तहत अपराध के लिए अनिवार्य कैद की अवधि को आधे से अधिक समय के लिए गुजार चुके हैं. वहीं देशद्रोह का मामला सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगित किया जा चुका है. ऐसे में इमाम को शर्तों के साथ जमानत दी जा सकती है.

ये भी पढ़ें: शरजील इमाम ने राजद्रोह के मामले में अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

इससे पहले वर्ष 2021 में साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह इमाम की जमानत याचिका पर सीआरपीसी की धारा 436 ए के तहत विचार करें क्योंकि सरजील इमाम एफआईआर दर्ज होने के 31 माह बाद भी लगातार जेल में है. हालांकी जमानत मिलने के बाद भी शरजील इमाम को अभी जेल में रहना होगा क्योंकि वह दिल्ली दंगा मामले में मुख्य आरोपी हैं और उनकी जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है.

ये भी पढ़ें: जेल में तलाशी के दौरान शरजील इमाम के पास मिली घड़ी : तिहाड़ जेल प्रशासन

यह था मामला: दिल्ली पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को पुलिस को सूचना मिली कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में कुछ प्रदर्शनकारियों ने CAA और NRC के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी हैं. इस मामले में जांच के दौरान यह साफ हुआ कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने जामिया इलाके में एक भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया. जिसके बाद शरजील इमाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह और दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.

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नई दिल्ली: जेएनयू (Jawaharlal Nehru University) के पूर्व छात्र और दिल्ली दंगे तथा भड़काऊ भाषण के कई मामलों में आरोपी शरजील इमाम को साकेत कोर्ट ने जमानत दे दी (Saket court granted bail to Sharjeel Imam). कोर्ट नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) के खिलाफ शरजील इमाम द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण मामले की सुनवाई कर रहा था.

इस मामले में इमाम के खिलाफ देशद्रोह दो समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने आरोप लगाया था कि 2019 में दिल्ली के जामिया नगर में हुई हिंसा इमाम के भाषण की वजह से हुई थी. हालांकि अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनके खिलाफ दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले में जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है.

साकेत कोर्ट परिसर स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल की अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इस तथ्य को ध्यान में रखा की इमाम के ऊपर लगाई गई धारा 153 ए के तहत अपराध के लिए अनिवार्य कैद की अवधि को आधे से अधिक समय के लिए गुजार चुके हैं. वहीं देशद्रोह का मामला सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगित किया जा चुका है. ऐसे में इमाम को शर्तों के साथ जमानत दी जा सकती है.

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इससे पहले वर्ष 2021 में साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह इमाम की जमानत याचिका पर सीआरपीसी की धारा 436 ए के तहत विचार करें क्योंकि सरजील इमाम एफआईआर दर्ज होने के 31 माह बाद भी लगातार जेल में है. हालांकी जमानत मिलने के बाद भी शरजील इमाम को अभी जेल में रहना होगा क्योंकि वह दिल्ली दंगा मामले में मुख्य आरोपी हैं और उनकी जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है.

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यह था मामला: दिल्ली पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को पुलिस को सूचना मिली कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में कुछ प्रदर्शनकारियों ने CAA और NRC के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी हैं. इस मामले में जांच के दौरान यह साफ हुआ कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने जामिया इलाके में एक भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया. जिसके बाद शरजील इमाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह और दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.

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