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मनी लाउंड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को नियमित जमानत मिली

दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को मंगलवार को कोर्ट से राहत मिल गई. उनको मनी लाउंड्रिंग के मामले में नियमित जमानत दे दी है. अभी वह अंतरिम जमानत पर बाहर थीं.

पूनम जैन
पूनम जैन
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Published : Aug 23, 2022, 4:36 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के मामले की सह-आरोपी और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को नियमित जमानत दे दी है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने नियमित जमानत देने का आदेश दिया है. इसके पहले 6 अगस्त को कोर्ट ने पूनम जैन को अंतरिम जमानत दी थी. 29 जुलाई को कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 29 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले के आरोपी अजीत प्रसाद और सुनील कुमार जैन को अंतरिम जमानत दी थी.

चार्जशीट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ईडी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ईडी जिन तीन कंपनियों का नाम ले रही है उस कंपनी के सत्येंद्र जैन डायरेक्टर ही नहीं हैं तो आपने उन्हें आरोपी कैसे बनाया. कोर्ट ने पूछा था कि क्या ईडी इस तरीके से काम करती है? कोर्ट ने कहा था कि फोटो कॉपी को वैध साक्ष्य नहीं माना जा सकता है.

बता दें, 27 जुलाई को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपियों और चार कंपनियों को आरोपी बनाया है. ईडी ने चार्जशीट में जिन आरोपियों को आरोपी बनाया है, उनमें सत्येंद्र जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, उनके करीबी वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आईडियल नाम कंपनियों के नाम शामिल हैं. इस मामले में सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन पहले से न्यायिक हिरासत में हैं. सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. जबकि वैभव जैन और अंकुश जैन को 1 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था.

ईडी के मुताबिक, इस मामले में कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंचा. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. फर्जी कंपनियां थी। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिए कृषि भूमि खरीदी गई.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के मामले की सह-आरोपी और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को नियमित जमानत दे दी है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने नियमित जमानत देने का आदेश दिया है. इसके पहले 6 अगस्त को कोर्ट ने पूनम जैन को अंतरिम जमानत दी थी. 29 जुलाई को कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 29 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले के आरोपी अजीत प्रसाद और सुनील कुमार जैन को अंतरिम जमानत दी थी.

चार्जशीट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ईडी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ईडी जिन तीन कंपनियों का नाम ले रही है उस कंपनी के सत्येंद्र जैन डायरेक्टर ही नहीं हैं तो आपने उन्हें आरोपी कैसे बनाया. कोर्ट ने पूछा था कि क्या ईडी इस तरीके से काम करती है? कोर्ट ने कहा था कि फोटो कॉपी को वैध साक्ष्य नहीं माना जा सकता है.

बता दें, 27 जुलाई को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपियों और चार कंपनियों को आरोपी बनाया है. ईडी ने चार्जशीट में जिन आरोपियों को आरोपी बनाया है, उनमें सत्येंद्र जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, उनके करीबी वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आईडियल नाम कंपनियों के नाम शामिल हैं. इस मामले में सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन पहले से न्यायिक हिरासत में हैं. सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. जबकि वैभव जैन और अंकुश जैन को 1 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था.

ईडी के मुताबिक, इस मामले में कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंचा. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. फर्जी कंपनियां थी। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिए कृषि भूमि खरीदी गई.

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