नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत (Delhi court) ने आज (मंगलवार) कांग्रेस नेता शशि थरूर (Congress leader Shashi Tharoor) की पत्नी सुनंदा पुष्कर (Sunanda Pushkar) की मौत से संबंधित मामले में थरूर के खिलाफ मुकदमा (Case against Tharoor) चलाने या न चलाने पर आदेश को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया.
सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात दिल्ली के एक लग्जरी होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं. सुनंदा पुष्कर और थरूर होटल में ठहरे हुए थे, क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था.
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल थरूर के खिलाफ आरोप तय करने पर आदेश सुनाने वाली थीं. उन्होंने अभियोजन पक्ष को कुछ दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति देते हुए मामले की सुनवाई को 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया. दस्तावेजों में लिखित टिप्पणियों के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के विभिन्न निर्णयों के साथ-साथ लिखित दलीलें शामिल हैं.
इससे पहले, अदालत ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए मामले की सुनवाई को मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया था. अदालत ने दिल्ली पुलिस के साथ-साथ थरूर के वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
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दलीलों के दौरान, एक ओर पुलिस ने 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) सहित विभिन्न आरोप तय करने की मांग की थी, तो दूसरी ओर थरूर की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत को बताया था कि एसआईटी द्वारा की गई जांच में थरूर को पूरी तरह आरोपमुक्त करार दिया गया था.
पाहवा ने मामले में थरूर को आरोपमुक्त करने की अपील करते हुए कहा, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए या 306 के तहत दंडनीय अपराध साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है.
थरूर पर दिल्ली पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोप लगाए गए थे, लेकिन इस मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था. उन्हें पांच जुलाई 2018 को जमानत दे दी गई थी.
(भाषा)