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हवा की गति बढ़ने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार

प्रदूषण का कहर लगातार दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता ही जा रहा था. एयर क्वालिटी इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन मौसम अनुकूल गतिविधियों की वजह से बुधवार को वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार आया है.

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार
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Published : Nov 4, 2020, 1:26 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में मौसम अनुकूल गतिविधियों की वजह से बुधवार को वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार आया. हालांकि यह अब भी 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है.

दिल्ली में केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया कि मंगलवार को पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं (करीब 2,400) में कमी आई, लेकिन इनकी संख्या अब भी काफी ज्यादा है और दिल्ली और पश्चिमोत्तर भारत की वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं. दिल्ली में हवाओं की दिशा बदलने की वजह से मंगलवार को यहां प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गिरकर 10 प्रतिशत पर आ गई. दिल्ली में हवा की गति बढ़ने की वजह से सुबह दस बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 279 दर्ज किया गया.

दिल्ली में मंगलवार को गत 24 घंटे का एक्यूआई 302 रहा जबकि सोमवार और रविवार को यह क्रमश: 293 व 364 दर्ज किया गया था.

  1. 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा'
  2. 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक'
  3. 101 और 200 के बीच 'मध्यम'
  4. 201 और 300 के बीच 'खराब'
  5. 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब'
  6. 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी 'सफर' के अनुसार दिल्ली के प्रदूषण में सोमवार को पराली जलाने की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत रही जबकि रविवार को यह हिस्सेदारी 40 प्रतिशत रही जो इस मौसम में सबसे अधिक है. सफर के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गत शनिवार, शुक्रवार और गुरुवार को क्रमश: 32,19 और 36 प्रतिशत रही. पिछले साल दिल्ली के प्रदूषण में एक नवंबर को पराली जलने की हिस्सेदारी 44 फीसदी तक पहुंच गई थी.

भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को अधिकतम 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. दिल्ली में न्यूनतम तापामान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हवाओं की मंद गति और कम तामपान की वजह से प्रदूषण फैलाने वाले तत्व सतह के करीब जमा हो जाते हैं लेकिन हवा की गति तेज होने से इनके बिखरने में मदद मिलती है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक दिल्ली का वेंटिलेशन सूचकांक (हवा में वस्तुओं के घुलने की दर और औसत गति) बुधवार को 9,500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहेगा जो प्रदूषकों में बिखराव के लिए सहायक है.

पढ़ें : दिल्ली-NCR के प्रदूषण स्तर में लगातार बढ़ोतरी, 279 दर्ज किया गया AQI

उल्लेखनीय है कि वेंटिलेशन सूचकांक 6,000 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड और वायु की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम होने पर प्रदूषकों के बिखराव के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में मौसम अनुकूल गतिविधियों की वजह से बुधवार को वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार आया. हालांकि यह अब भी 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है.

दिल्ली में केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया कि मंगलवार को पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं (करीब 2,400) में कमी आई, लेकिन इनकी संख्या अब भी काफी ज्यादा है और दिल्ली और पश्चिमोत्तर भारत की वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं. दिल्ली में हवाओं की दिशा बदलने की वजह से मंगलवार को यहां प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गिरकर 10 प्रतिशत पर आ गई. दिल्ली में हवा की गति बढ़ने की वजह से सुबह दस बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 279 दर्ज किया गया.

दिल्ली में मंगलवार को गत 24 घंटे का एक्यूआई 302 रहा जबकि सोमवार और रविवार को यह क्रमश: 293 व 364 दर्ज किया गया था.

  1. 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा'
  2. 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक'
  3. 101 और 200 के बीच 'मध्यम'
  4. 201 और 300 के बीच 'खराब'
  5. 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब'
  6. 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी 'सफर' के अनुसार दिल्ली के प्रदूषण में सोमवार को पराली जलाने की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत रही जबकि रविवार को यह हिस्सेदारी 40 प्रतिशत रही जो इस मौसम में सबसे अधिक है. सफर के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गत शनिवार, शुक्रवार और गुरुवार को क्रमश: 32,19 और 36 प्रतिशत रही. पिछले साल दिल्ली के प्रदूषण में एक नवंबर को पराली जलने की हिस्सेदारी 44 फीसदी तक पहुंच गई थी.

भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को अधिकतम 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. दिल्ली में न्यूनतम तापामान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हवाओं की मंद गति और कम तामपान की वजह से प्रदूषण फैलाने वाले तत्व सतह के करीब जमा हो जाते हैं लेकिन हवा की गति तेज होने से इनके बिखरने में मदद मिलती है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक दिल्ली का वेंटिलेशन सूचकांक (हवा में वस्तुओं के घुलने की दर और औसत गति) बुधवार को 9,500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहेगा जो प्रदूषकों में बिखराव के लिए सहायक है.

पढ़ें : दिल्ली-NCR के प्रदूषण स्तर में लगातार बढ़ोतरी, 279 दर्ज किया गया AQI

उल्लेखनीय है कि वेंटिलेशन सूचकांक 6,000 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड और वायु की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम होने पर प्रदूषकों के बिखराव के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं.

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