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अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर राजनाथ सिंह, टेलीमेडिसिन नोड्स का किया उद्घाटन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और जम्मू कश्मीर में 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया. जिसमें चिकित्सा निरीक्षण कक्षों में टेलीमेडिसिन नोड्स भी शामिल है. इसके साथ ही उन्होंने सियोम पुल, तीन सड़कों और तीन अन्य परियोजनाओं सहित 22 पुल का भी उद्घाटन किया.

राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह
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Published : Jan 3, 2023, 12:50 PM IST

Updated : Jan 3, 2023, 7:19 PM IST

बोलेंग : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य तैयारियों और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और जम्मू कश्मीर के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलों और सड़कों समेत 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को देश को समर्पित किया. रक्षा मंत्री ने 724 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित परियोजनाओं का अनावरण अरुणाचल प्रदेश में अलोंग-यिंकिओंग रोड स्थित सियोम पुल पर आयोजित एक समारोह में किया. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ के प्रयास के साढ़े तीन हफ्ते बाद सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश का उन्होंने दौरा किया.

  • #WATCH | Arunachal Pradesh: India has always been against war. India has neither started a war against any country nor captured an inch of land from any country but this should not be taken for granted: Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/ieo6ejQ7tZ

    — ANI (@ANI) January 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रक्षा मंत्रालय के अनुसार परियोजनाओं में सियोम पुल, तीन सड़कों और तीन अन्य परियोजनाओं सहित 22 पुल शामिल हैं. इनमें से आठ परियोजनाएं लद्दाख में, पांच अरुणाचल प्रदेश में, चार जम्मू कश्मीर में, तीन-तीन सिक्किम, पंजाब और उत्तराखंड में तथा दो राजस्थान में हैं. अपने संबोधन में, सिंह ने एलएसी के साथ चीनी पीएलए के अतिक्रमण के प्रयासों का भी परोक्ष रूप से संदर्भ दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हाल में, हमारे सैन्य बलों ने बहादुरी तथा मुस्तैदी के साथ हालात से निपटते हुए उत्तरी क्षेत्र में दुश्मन का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया. यह क्षेत्र में पर्याप्त ढांचागत विकास के कारण संभव हुआ.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह हमें दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति के लिए और भी अधिक प्रेरित करता है.’’

बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन
बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन

नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से में एलएसी पर दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव और बढ़ा है. सिंह ने 13 दिसंबर को संसद को बताया कि चीनी सैनिकों ने यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना के दृढ़ और मजबूत कदम ने उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया. रक्षा मंत्री ने परियोजनाओं को सशस्त्र बलों की अभियानगत तैयारियों को बढ़ाने और दूर-दराज के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास की दिशा में सरकार और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के ठोस प्रयासों के रूप में वर्णित किया.

अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर राजनाथ सिंह
अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर राजनाथ सिंह
बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन
बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन

बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अलावा, सिंह ने लद्दाख में दो और मिजोरम में एक ‘टेलीमेडिसिन नोड्स’ का भी उद्घाटन किया. सिंह ने कहा, ‘‘दुनिया आज कई संघर्षों को देख रही है. भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है. यह हमारी नीति है. हाल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस संकल्प पर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है.’’ सिंह ने कहा, ‘‘हम युद्ध में विश्वास नहीं रखते, लेकिन अगर यह हम पर थोपा गया तो हम लड़ेंगे. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राष्ट्र सभी खतरों से सुरक्षित रहे. हमारे सशस्त्र बल तैयार हैं और यह देखकर खुशी हो रही है कि बीआरओ उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है.’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ना और अपने निवासियों के विकास को सुनिश्चित करना मोदी नीत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अलोंग-यिंकिओंग रोड के कार्यक्रम में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सियोम ब्रिज का प्रत्यक्ष तरीके से उद्घाटन हुआ, जबकि अन्य परियोजनाओं को डिजिटल तरीके से समर्पित किया गया.

बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन
बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन

सिंह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में बीआरओ द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया. सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को ‘परिवर्तनकारी ’ बताते हुए सिंह ने दूर-दराज के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए बीआरओ की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है. उन्होंने एक प्रसिद्ध कथन 'ये मंजिल नहीं ये तो शुरुआत है' का जिक्र करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क के बुनियादी ढांचे का निर्माण बीआरओ के लिए एक यात्रा है और एक मजबूत तथा समृद्ध भारत इसकी मंजिल होनी चाहिए.

बोलेंग : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य तैयारियों और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और जम्मू कश्मीर के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलों और सड़कों समेत 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को देश को समर्पित किया. रक्षा मंत्री ने 724 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित परियोजनाओं का अनावरण अरुणाचल प्रदेश में अलोंग-यिंकिओंग रोड स्थित सियोम पुल पर आयोजित एक समारोह में किया. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ के प्रयास के साढ़े तीन हफ्ते बाद सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश का उन्होंने दौरा किया.

  • #WATCH | Arunachal Pradesh: India has always been against war. India has neither started a war against any country nor captured an inch of land from any country but this should not be taken for granted: Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/ieo6ejQ7tZ

    — ANI (@ANI) January 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रक्षा मंत्रालय के अनुसार परियोजनाओं में सियोम पुल, तीन सड़कों और तीन अन्य परियोजनाओं सहित 22 पुल शामिल हैं. इनमें से आठ परियोजनाएं लद्दाख में, पांच अरुणाचल प्रदेश में, चार जम्मू कश्मीर में, तीन-तीन सिक्किम, पंजाब और उत्तराखंड में तथा दो राजस्थान में हैं. अपने संबोधन में, सिंह ने एलएसी के साथ चीनी पीएलए के अतिक्रमण के प्रयासों का भी परोक्ष रूप से संदर्भ दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हाल में, हमारे सैन्य बलों ने बहादुरी तथा मुस्तैदी के साथ हालात से निपटते हुए उत्तरी क्षेत्र में दुश्मन का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया. यह क्षेत्र में पर्याप्त ढांचागत विकास के कारण संभव हुआ.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह हमें दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति के लिए और भी अधिक प्रेरित करता है.’’

बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन
बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन

नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से में एलएसी पर दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव और बढ़ा है. सिंह ने 13 दिसंबर को संसद को बताया कि चीनी सैनिकों ने यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना के दृढ़ और मजबूत कदम ने उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया. रक्षा मंत्री ने परियोजनाओं को सशस्त्र बलों की अभियानगत तैयारियों को बढ़ाने और दूर-दराज के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास की दिशा में सरकार और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के ठोस प्रयासों के रूप में वर्णित किया.

अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर राजनाथ सिंह
अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर राजनाथ सिंह
बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन
बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन

बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अलावा, सिंह ने लद्दाख में दो और मिजोरम में एक ‘टेलीमेडिसिन नोड्स’ का भी उद्घाटन किया. सिंह ने कहा, ‘‘दुनिया आज कई संघर्षों को देख रही है. भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है. यह हमारी नीति है. हाल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस संकल्प पर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है.’’ सिंह ने कहा, ‘‘हम युद्ध में विश्वास नहीं रखते, लेकिन अगर यह हम पर थोपा गया तो हम लड़ेंगे. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राष्ट्र सभी खतरों से सुरक्षित रहे. हमारे सशस्त्र बल तैयार हैं और यह देखकर खुशी हो रही है कि बीआरओ उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है.’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ना और अपने निवासियों के विकास को सुनिश्चित करना मोदी नीत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अलोंग-यिंकिओंग रोड के कार्यक्रम में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सियोम ब्रिज का प्रत्यक्ष तरीके से उद्घाटन हुआ, जबकि अन्य परियोजनाओं को डिजिटल तरीके से समर्पित किया गया.

बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन
बीआरओ द्वारा बनाए पूल का उद्घाटन

सिंह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में बीआरओ द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया. सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को ‘परिवर्तनकारी ’ बताते हुए सिंह ने दूर-दराज के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए बीआरओ की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है. उन्होंने एक प्रसिद्ध कथन 'ये मंजिल नहीं ये तो शुरुआत है' का जिक्र करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क के बुनियादी ढांचे का निर्माण बीआरओ के लिए एक यात्रा है और एक मजबूत तथा समृद्ध भारत इसकी मंजिल होनी चाहिए.

Last Updated : Jan 3, 2023, 7:19 PM IST
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