नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगा जिसमें तेजी से बदल रहे क्षेत्रीय सुरक्षा हालात, अफगानिस्तान के घटनाक्रम और आतंकवाद तथा उग्रवाद से प्रभावी तरीके से लड़ने में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हो सकती है. चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू, ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्जो, ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा घराई अष्तियानी और कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रसलन झाक्सिलिकोव सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गये हैं.
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और उज्बेकिस्तान तथा किर्गिस्तान के उनके समक्ष भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाले सम्मेलन में भाग लेंगे. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ वर्चुअल तरीके से बैठक में भाग ले सकते हैं. एससीओ की बैठक से पहले राजनाथ सिंह ने ली शांगफू, कर्नल जनरल झाक्सिलिकोव और कर्नल जनरल मिर्जो से द्विपक्षीय वार्ताएं कीं. उन्होंने ब्रिगेडियर जनरल अष्तियानी के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की.
बता दें, भारत 2023 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अध्यक्ष के रूप में बैठक की मेजबानी कर रहा है. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2001 में स्थापित एक अंतर सरकारी संगठन है. शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. सदस्य देशों के अलावा, दो पर्यवेक्षक देश बेलारूस और ईरान भी 28 अप्रैल 2023 को शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे.
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रक्षा मंत्री अन्य मुद्दों के अलावा क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, शंघाई सहयोग संगठन के भीतर आतंकवाद विरोधी प्रयासों और एक प्रभावी बहुपक्षवाद से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे. वर्ष 2023 में भारत की शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता का विषय 'शंघाई सहयोग संगठन को सुरक्षित करना' है. भारत इस क्षेत्र में बहुपक्षीय, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को प्रोत्साहन देने में शंघाई सहयोग संगठन को विशेष महत्व देता है.
पीटीआई-भाषा