नई दिल्ली : भारत और अमेरिका ने सेनाओं के बीच आपसी भागीदारी, सूचना साझा करने और साजो-सामान संबंधी सहयोग समेत वैश्विक रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने तथा एक मुक्त, खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत के लिए काम करने का शनिवार को संकल्प लिया.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों ने भारतीय सेना और अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान, मध्य कमान और अफ्रीका कमान के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.
सिंह ने मीडिया में जारी अपने बयान में कहा, 'मुझे यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि मेरी (अमेरिका के) रक्षा मंत्री ऑस्टिन और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ समग्र और सार्थक बातचीत हुई. हम भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं.'
उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंधों से जुड़े मूलभूत समझौतों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने आपसी हित के लिए एलईएमओए (साजो-सामान के आदान-प्रदान संबंधी समझौते), सीओएमसीएएसए (संचार संगतता और सुरक्षा समझौता) और बीईसीए (बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते) जैसे समझौतों को पूरी दक्षता के साथ लागू करने के लिए आवश्यक कदमों पर वार्ता की.
सिंह ने कहा कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं में हाल हुए क्वाड शिखर सम्मेलन में मुक्त, खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बरकरार रखने के संकल्प पर दिया गया.
मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का केंद्र हैं भार-अमेरिका के संबंध : ऑस्टिन
इस बीच, ऑस्टिन ने अपने बयान में भारत के साथ समग्र एवं प्रगतिशील रक्षा साझेदारी को लेकर प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की और भारत को क्षेत्र के लिए अमेरिकी रुख का 'मुख्य स्तम्भ' बताया.
उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंधों को मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का मजबूत केंद्र करार दिया. ऑस्टिन ने कहा, 'मेरे और सिंह के बीच काफी सार्थक वार्ता हुई. मैं हमारे सहयोगियों एवं साझेदारों के प्रति हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को लेकर बाइडन-हैरिस प्रशासन का संदेश पहुंचाना चाहता था.'
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उन्होंने कहा, 'भारत आज तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में एक बहुत महत्वपूर्ण साझेदार है.'
ऑस्टिन ने कहा, 'मैं भारत के साथ समग्र एवं प्रगतिशील रक्षा साझेदारी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की क्षेत्र में हमारे रुख के मुख्य स्तम्भ के तौर पर पुन: पुष्टि करता हूं. भारत और अमेरिका के संबंध मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का मजबूत केंद्र हैं.'