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IAF Heritage Centre: देश को मिला पहला वायु सेना विरासत केंद्र, रक्षा मंत्री राजनाथ ने किया उद्घाटन

देश के पहले भारतीय वायु सेना विरासत केंद्र का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया. चंडीगढ़ के सेक्टर 18 में सरकारी प्रेस भवन में स्थित यह विरासत केंद्र 17,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां भारतीय वायुसेना की गौरव गाथा को देखा जा सकता है.

Defence Minister Rajnath Singh
रक्षा मंत्री राजनाथ
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Published : May 8, 2023, 4:10 PM IST

चंडीगढ़: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने सोमवार को चंडीगढ़ में देश के पहले भारतीय वायु सेना विरासत केंद्र का उद्घाटन किया (Indian Air Force Heritage Centre). एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ और भारतीय वायु सेना ने पिछले साल एक सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये थे जिसके तहत केंद्र स्थापित किया गया है.

3 जून 2022 को चंडीगढ़ प्रशासन और भारतीय वायु सेना के बीच पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की उपस्थिति में हेरिटेज सेंटर पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित, एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्र का दौरा किया.

चंडीगढ़ के सेक्टर 18 में सरकारी प्रेस भवन में स्थित यह विरासत केंद्र 17,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है. यह पहला ऐसा केंद्र है जो 1965, 1971 के युद्धों और करगिल युद्ध तथा बालाकोट हवाई हमले सहित विभिन्न युद्धों में निभाई गई वायु सेना की भूमिका को भित्तिचित्रों और स्मृति चिह्नों के जरिये बयां करता है.

रक्षा अधिकारी ने कहा कि 'यह भारतीय वायु सेना की समृद्ध विरासत को संरक्षित करता है और युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है.' IAF विरासत केंद्र की स्थापना के लिए कार्य अक्टूबर 2022 से शुरू हुआ था. हेरिटेज सेंटर के मुख्य आकर्षण पांच पुराने विमान और दशकों से भारतीय आसमान की रक्षा कर रहे SAM-III पिकोरा मिसाइल हैं. जिन्हें 1958 में दिवंगत एयर वाइस मार्शल हरजिंदर सिंह VSM-I MBE द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था. यह विमान आने वाली पीढ़ियों के लिए आत्मनिर्भरता, नवाचार और 'मेक इन इंडिया' के सपने को समझने के लिए गौरव के क्षण के रूप में देखे जाने का प्रमाण है.

केंद्र 1948 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायु सेना की भूमिका से शुरू होने वाले भारतीय वायु सेना के विभिन्न युद्ध अभियानों को चित्रित करने वाले भित्ति चित्रों की मदद से भारतीय वायु सेना के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करता है, जिसमें इलेक्ट्रो मैकेनिकल 3डी-डियोरामस आईएएफ के नवीनतम बालाकोट स्ट्राइक जैसे अभियानों का चित्रण है.

पढ़ें- Rajnath Singh jk visit: राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर के दौरे पर, उपराज्यपाल ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

(ANI)

चंडीगढ़: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने सोमवार को चंडीगढ़ में देश के पहले भारतीय वायु सेना विरासत केंद्र का उद्घाटन किया (Indian Air Force Heritage Centre). एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ और भारतीय वायु सेना ने पिछले साल एक सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये थे जिसके तहत केंद्र स्थापित किया गया है.

3 जून 2022 को चंडीगढ़ प्रशासन और भारतीय वायु सेना के बीच पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की उपस्थिति में हेरिटेज सेंटर पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित, एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्र का दौरा किया.

चंडीगढ़ के सेक्टर 18 में सरकारी प्रेस भवन में स्थित यह विरासत केंद्र 17,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है. यह पहला ऐसा केंद्र है जो 1965, 1971 के युद्धों और करगिल युद्ध तथा बालाकोट हवाई हमले सहित विभिन्न युद्धों में निभाई गई वायु सेना की भूमिका को भित्तिचित्रों और स्मृति चिह्नों के जरिये बयां करता है.

रक्षा अधिकारी ने कहा कि 'यह भारतीय वायु सेना की समृद्ध विरासत को संरक्षित करता है और युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है.' IAF विरासत केंद्र की स्थापना के लिए कार्य अक्टूबर 2022 से शुरू हुआ था. हेरिटेज सेंटर के मुख्य आकर्षण पांच पुराने विमान और दशकों से भारतीय आसमान की रक्षा कर रहे SAM-III पिकोरा मिसाइल हैं. जिन्हें 1958 में दिवंगत एयर वाइस मार्शल हरजिंदर सिंह VSM-I MBE द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था. यह विमान आने वाली पीढ़ियों के लिए आत्मनिर्भरता, नवाचार और 'मेक इन इंडिया' के सपने को समझने के लिए गौरव के क्षण के रूप में देखे जाने का प्रमाण है.

केंद्र 1948 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायु सेना की भूमिका से शुरू होने वाले भारतीय वायु सेना के विभिन्न युद्ध अभियानों को चित्रित करने वाले भित्ति चित्रों की मदद से भारतीय वायु सेना के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करता है, जिसमें इलेक्ट्रो मैकेनिकल 3डी-डियोरामस आईएएफ के नवीनतम बालाकोट स्ट्राइक जैसे अभियानों का चित्रण है.

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