नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने राफेल विमान सौदे के तहत ऑफसेट दायित्वों को पूरा करने में देरी के लिए यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए पर 10 लाख यूरो से कम का जुर्माना लगाया है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन राफेल जेट का निर्माता है, जबकि एमबीडीए विमान के लिए मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करता है.
भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, और ऑफसेट दायित्व अनुबंध का हिस्सा थे.
सौदे के एक हिस्से के रूप में, कुल अनुबंध मूल्य का 50 प्रतिशत भारत में सितंबर 2019 और सितंबर 2022 के बीच प्रत्येक वर्ष ऑफसेट के रूप में पुनर्निवेश किया जाना है.
सूत्रों ने कहा कि एमबीडीए ने अपना जुर्माना जमा कर दिया है, लेकिन रक्षा मंत्रालय के समक्ष अपना विरोध भी दर्ज कराया है.
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एमबीडीए ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया. बता दें कि, राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप पिछले साल जुलाई में भारत आई थी.
बुधवार को जारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, कैग ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि दसॉल्ट एविएशन और एमबीडीए ने राफेल विमान सौदे के तहत भारत को उच्च प्रौद्योगिकी की पेशकश करने के अपने ऑफसेट दायित्वों को अभी तक पूरा नहीं किया है.