ETV Bharat / bharat

Rafale deal में टालमटोल, रक्षा मंत्रालय ने लगाया MBDA पर करोड़ों का जुर्माना - ऑफसेट दायित्वों को पूरा करने में देरी

राफेल सौदे के तहत ऑफसेट दायित्वों को पूरा करने में देरी के लिए रक्षा मंत्रालय ने एमबीडीए पर जुर्माना लगाया है.

Rafale
राफेल
author img

By

Published : Dec 22, 2021, 1:02 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 1:13 PM IST

नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने राफेल विमान सौदे के तहत ऑफसेट दायित्वों को पूरा करने में देरी के लिए यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए पर 10 लाख यूरो से कम का जुर्माना लगाया है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन राफेल जेट का निर्माता है, जबकि एमबीडीए विमान के लिए मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करता है.

भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, और ऑफसेट दायित्व अनुबंध का हिस्सा थे.

Rafale
राफेल

सौदे के एक हिस्से के रूप में, कुल अनुबंध मूल्य का 50 प्रतिशत भारत में सितंबर 2019 और सितंबर 2022 के बीच प्रत्येक वर्ष ऑफसेट के रूप में पुनर्निवेश किया जाना है.

सूत्रों ने कहा कि एमबीडीए ने अपना जुर्माना जमा कर दिया है, लेकिन रक्षा मंत्रालय के समक्ष अपना विरोध भी दर्ज कराया है.

पढ़ें :- राफेल विमानों की आपूर्ति अप्रैल 2022 तक पूरी हो जाएगी : फ्रांसीसी राजदूत

एमबीडीए ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया. बता दें कि, राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप पिछले साल जुलाई में भारत आई थी.

बुधवार को जारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, कैग ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि दसॉल्ट एविएशन और एमबीडीए ने राफेल विमान सौदे के तहत भारत को उच्च प्रौद्योगिकी की पेशकश करने के अपने ऑफसेट दायित्वों को अभी तक पूरा नहीं किया है.

नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने राफेल विमान सौदे के तहत ऑफसेट दायित्वों को पूरा करने में देरी के लिए यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए पर 10 लाख यूरो से कम का जुर्माना लगाया है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन राफेल जेट का निर्माता है, जबकि एमबीडीए विमान के लिए मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करता है.

भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, और ऑफसेट दायित्व अनुबंध का हिस्सा थे.

Rafale
राफेल

सौदे के एक हिस्से के रूप में, कुल अनुबंध मूल्य का 50 प्रतिशत भारत में सितंबर 2019 और सितंबर 2022 के बीच प्रत्येक वर्ष ऑफसेट के रूप में पुनर्निवेश किया जाना है.

सूत्रों ने कहा कि एमबीडीए ने अपना जुर्माना जमा कर दिया है, लेकिन रक्षा मंत्रालय के समक्ष अपना विरोध भी दर्ज कराया है.

पढ़ें :- राफेल विमानों की आपूर्ति अप्रैल 2022 तक पूरी हो जाएगी : फ्रांसीसी राजदूत

एमबीडीए ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया. बता दें कि, राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप पिछले साल जुलाई में भारत आई थी.

बुधवार को जारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, कैग ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि दसॉल्ट एविएशन और एमबीडीए ने राफेल विमान सौदे के तहत भारत को उच्च प्रौद्योगिकी की पेशकश करने के अपने ऑफसेट दायित्वों को अभी तक पूरा नहीं किया है.

Last Updated : Dec 22, 2021, 1:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.