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माफिया अतीक अहमद के नाबालिग बेटों की रिहाई पर एक सप्ताह में होगा फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश

माफिया अतीक अहमद के दो नाबलिग बेटे (Atiq sons release instructions) जेल में बंद हैं. अतीक की बहन शाहीन अहमद की ओर से दोनों की कस्टडी की मांग के लिए याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2023, 10:30 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को यूपी की एक बाल कल्याण समिति को माफिया अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों की रिहाई पर एक सप्ताह के अंदर फैसला लेने के निर्देश दिए. फरवरी 2023 में प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. पुलिस की चार्जशीट में इस बात की जानकारी हुई थी कि वारदात से पहले रेकी की गई थी. इसमें अतीक के दोनों नाबालिग बेटों का भी नाम सामने आया था. इस घटना के बाद 15 अप्रैल को प्रयागराज में ही माफिया अतीक और अशरफ की भी हत्या कर दी गई थी. अतीक की बहन ने दोनों नाबालिगों की कस्टडी के लिए याचिका दायर की थी.

गोली मारकर की गई थी अतीक और अशरफ की हत्या.
गोली मारकर की गई थी अतीक और अशरफ की हत्या.

रिश्तेदारों के साथ रखने की मांगी अनुमति : सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एसआर भट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने प्राधिकार को अतीक के बेटों की रिहाई पर फैसला करने के निर्देश दिए. इससे पहले, अतीक की बहन शाहीन अहमद की ओर से पेश हुए अधिवक्ता निजाम पाशा ने कहा कि इनमें से एक लड़का जल्द ही बालिग होने वाला है. इसलिए उसे कल्याण गृह में नहीं रखा जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने रिश्तेदार के साथ रहने की अनुमति दी जाए.

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के नाबालिग बेटों का नाम सामने आया था.
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के नाबालिग बेटों का नाम सामने आया था.

शीर्ष न्यायालय शाहीन की याचिका पर कर रहा सुनवाई : पीठ ने दलीलों पर गौर किया और बाल कल्याण समिति से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है. कहा कि इस बीच, शाहीन अहमद की याचिका लंबित रखी जाए. शीर्ष न्यायालय शाहीन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में 15 और 17 वर्षीय लड़कों को उनके संरक्षण में देने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने बच्चों पर एक रिपोर्ट पर विचार किया और कहा कि यह व्यापक रूप से संकेत देता है कि नाबालिग बाल देखभाल गृह में रहने को इच्छुक नहीं हैं.

कोर्ट ने रिहाई को लेकर दिए निर्देश.
कोर्ट ने रिहाई को लेकर दिए निर्देश.

न्यायालय ने विचार करने के दिए निर्देश : न्यायालय ने कहा कि कल्याण समिति को इस आलोक में विषय पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया जाता है, और वह एक सप्ताह में एक तार्किक आदेश जारी करें. साथ ही, विषय की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए निर्धारित कर दी. बता दें कि अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को उस वक्त तीन लोगों ने बहुत करीब से गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिसकर्मी उन दोनों को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले गए थे. (भाषा)

यह भी पढ़ें : उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अशरफ के साले सद्दाम का वीडियो वायरल, 1 लाख है इमाम घोषित

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गोली मारकर की गई थी अतीक और अशरफ की हत्या.
गोली मारकर की गई थी अतीक और अशरफ की हत्या.

रिश्तेदारों के साथ रखने की मांगी अनुमति : सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एसआर भट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने प्राधिकार को अतीक के बेटों की रिहाई पर फैसला करने के निर्देश दिए. इससे पहले, अतीक की बहन शाहीन अहमद की ओर से पेश हुए अधिवक्ता निजाम पाशा ने कहा कि इनमें से एक लड़का जल्द ही बालिग होने वाला है. इसलिए उसे कल्याण गृह में नहीं रखा जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने रिश्तेदार के साथ रहने की अनुमति दी जाए.

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के नाबालिग बेटों का नाम सामने आया था.
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के नाबालिग बेटों का नाम सामने आया था.

शीर्ष न्यायालय शाहीन की याचिका पर कर रहा सुनवाई : पीठ ने दलीलों पर गौर किया और बाल कल्याण समिति से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है. कहा कि इस बीच, शाहीन अहमद की याचिका लंबित रखी जाए. शीर्ष न्यायालय शाहीन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में 15 और 17 वर्षीय लड़कों को उनके संरक्षण में देने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने बच्चों पर एक रिपोर्ट पर विचार किया और कहा कि यह व्यापक रूप से संकेत देता है कि नाबालिग बाल देखभाल गृह में रहने को इच्छुक नहीं हैं.

कोर्ट ने रिहाई को लेकर दिए निर्देश.
कोर्ट ने रिहाई को लेकर दिए निर्देश.

न्यायालय ने विचार करने के दिए निर्देश : न्यायालय ने कहा कि कल्याण समिति को इस आलोक में विषय पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया जाता है, और वह एक सप्ताह में एक तार्किक आदेश जारी करें. साथ ही, विषय की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए निर्धारित कर दी. बता दें कि अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को उस वक्त तीन लोगों ने बहुत करीब से गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिसकर्मी उन दोनों को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले गए थे. (भाषा)

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