अगरतला : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब ने बांग्लादेश में हुई हिंसा व हमलों पर गहरा दुख व्यक्त किया है. त्रिपुरा, भारत-बांग्लादेश सीमाओं के निकट भौगोलिक निकटता में स्थित है.
देब ने घटनाओं को दुखद और निराशाजनक बताया. साथ ही इस तरह के हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. जाहिर तौर पर सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि उन्होंने इस मामले पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सख्त रुख की सराहना की.
उम्मीद जताई कि त्वरित कार्रवाई की जाएगी. हमलों के तुरंत बाद देब ने नबामी रात को बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त वीके दुरईस्वामी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और श्रृंखला के बारे में पूछताछ की.
कथित तौर पर इस्लामी कट्टरवादी संगठनों द्वारा की गई भयानक हिंसा की गई है. जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं, के बारे में जानना चाहा.
भारतीय दूत ने मुख्यमंत्री को बताया स्थिति नियंत्रण में है और वह उन इलाकों का दौरा कर रहे हैं जहां से ऐसी खबरें आ रही हैं. यहां तक कि उच्चायुक्त कार्यालय के अन्य कर्मचारियों को भी स्पॉट का दौरा करने और हिंदू समुदाय के लोगों के लिए उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई में लगाया गया है.
देब को यह भी बताया गया कि बांग्लादेश सरकार भारतीय उच्चायुक्त कार्यालय के साथ मिलकर काम कर रही है. इस बीच इन घटनाओं की राज्य के बुद्धिजीवियों, विद्वानों और शिक्षाविदों ने भी आलोचना की है. जिन्होंने त्रिपुरा में तैनात बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त मोहम्मद जोबायद हुसैन से मुलाकात की.
बैठक के बाद जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश के कोमिला और नोआखली क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में दुर्गा पूजा पंडालों में अकारण हमले और तोड़फोड़ बंगबंधु शेख मजीबुर रहमान के आदर्शों पर सीधा हमला है.
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इन जघन्य हमलों के माध्यम से जो धार्मिक उत्पीड़न की भावना सामने आई है, वह बंगबंधु के सोनार बांग्ला के विचार के विपरीत है. हम घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं और बांग्लादेश सरकार से उचित कदम उठाने का आग्रह करते हैं. धार्मिक संबद्धता के बावजूद एक समृद्ध जीवन जीने का अधिकार अक्षर और भावना में सुनिश्चित किया जाना चाहिए. चाहे वह भारत हो या बांग्लादेश हो.