इम्फाल: मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भूस्खलन की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 10 हो गई. शुक्रवार तड़के मलबे से दो और शव बरामद किए गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. भूस्खलन टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में बुधवार रात हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनआरडीएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा खोज एवं बचाव अभियान चलाया जा है. अब भी करीब 55 लोग लापता हैं.
घटनास्थल से बृहस्पतिवार तक प्रादेशिक सेना के सात जवानों सहित आठ शव बरामद किए गए थे. एक अधिकारी ने कहा, सुबह खोज अभियान के दौरान प्रादेशिक सेना के दो और जवानों के शव बरामद किए गए. एनआरडीएफ, असम राइफल्स, जिला पुलिस, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, स्थानीय स्वयंसेवकों और अन्य के अतिरिक्त सहयोग से खराब मौसम के बीच भी बचाव अभियान जारी है. उन्होंने बताया कि अब तक प्रादेशिक सेना के 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया है.
पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने घायल प्रादेशिक सेना के जवानों से मुलाकात की, जिन्हें बृहस्पतिवार को लीमाकोंग सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, अब उनका इलाज मंत्रिपुखरी में असम राइफल्स के अस्पताल में चल रहा है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है.
मणिपुर के राज्यपाल एल गणेशन ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है. भूस्खलन के कारण मलबे ने बड़े पैमाने पर इजेई नदी को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे एक जलाशय बन गया है, जो निचले इलाकों को जलमग्न कर सकता है. नोनी जिले के उपायुक्त द्वारा जारी एक परामर्श में कहा गया, टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में भूस्खलन के कारण कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. भूस्खलन के कारण मलबे ने बड़े पैमाने पर इजेई नदी को अवरुद्ध कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप एक जलाशय बन गया है, जो नोनी जिला मुख्यालय के निचले इलाकों को जलमग्न कर सकता है.
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प्रशासन ने इन इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है. कई स्थानों पर सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग-37 से गुजरने से बचने की सलाह दी गई है.
पीटीआई-भाषा