सिलचर: असम के सिलचर के एक निजी अस्पताल में एक नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन जब अंतिम संस्कार के लिए उसे श्मशान लाया गया, तो वह चमत्कारिक रूप से जीवित हो गया. यह अनोखी घटना सिलचर के लाइफ लाइन नर्सिंग होम में सामने आई, जिससे स्थानीय समुदाय हैरान है और खुश भी है. मामला तब सामने आया, जब सिलचर के रतनपुर की एक महिला को प्रसव पीड़ा के चलते लाइफ लाइन नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया.
बीती रात उस महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. परिजन उस समय दुख में डूब गए, जब डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि बच्ची की जन्म होते ही मृत्यु हो गई. इस दुखद जानकारी के बाद पूरा परिवार आहत हुआ और बच्चे को लेकर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए सिलचर श्मशान घाट की ओर चल पड़े. लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. जब परिवार बच्चे का दाह संस्कार करने की तैयारी कर रहा था, तो एक आश्चर्यजनक घटना हुई.
कथित तौर पर वह बेजान शिशु अचानक रोने लगा, जिससे वहां मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए. बिना देर किए, परिवार नवजात को वापस नर्सिंग होम ले गया, जहां फिलहाल उसे आईसीयू में चिकित्सा देखभाल मिल रही है. अस्पताल के डॉ. एएफ नुमान ने इस हैरान कर देने वाली घटना की पुष्टि की है. उनके मुताबिक, सिलचर मेडिकल कॉलेज में छह दिन रहने के बाद मां को नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था.
मां और समय से पहले जन्मा बच्चा, जो गर्भ में सिर्फ छह महीने का था, दोनों की हालत गंभीर थी. जन्म के समय केवल 500 ग्राम वजन वाली बच्ची के महत्वपूर्ण लक्षणों की गहन जांच के बाद शुरू में उसे मृत घोषित कर दिया गया था. अस्पताल की मेडिकल टीम इस बात से हैरान है कि शिशु चमत्कारिक ढंग से कैसे पुनर्जीवित हो गया.