इंदौर। अक्सर आपको जिला अस्पतालों की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर खबरें सुनने मिलती है. जहां कई बार प्रशासन की लापरवाही और लचर स्वास्थ्य सिस्टम के चलते पीड़ित इनका शिकार होते हैं, लेकिन इस बार किसी पीड़ित या जिंदा व्यक्ति को नहीं बल्कि एक शव लचर स्वास्थ्य सुविधाओं का शिकार हुआ. जी हां एमपी की आर्थिक राजधानी इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल के मर्चुरी से एक व्यक्ति का शव ही गायब हो गया. वहीं जब यह जानकारी सामने आई तो परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया.
मर्चुरी से शव हुआ गायब: दरअसल, मामला इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र का है. बाणगंगा थाना क्षेत्र में मौजूद अरविंदो हॉस्पिटल की मर्चुरी से अचानक से मृतक युवक का शव गायब हो गया. जैसे ही परिनजों को शव गायब होने की जानकारी मिली तो उन्होंने जमकर हंगामा किया. इसके बाद मामले की सूचना बाणगंगा पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची बाणगंगा पुलिस ने जब जांच पड़ताल की, तो पता चला कि पोस्टमार्टम विभाग में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों ने शव को गलती से एक्सचेंज कर दिया था और बड़वाह के एक परिजन को शव सुपुर्द कर दिया है.
इसके बाद पुलिस ने बड़वाह के परिजनों से संपर्क किया और शव को वापस बुलाया, फिर शव का पोस्टमार्टम कराया गया. इस बीच दलित समाज से जुड़े हुए युवक का शव गायब होने की जानकारी मिलने पर बलाई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार लोगों के साथ अस्पताल पहुंचे.
किसी दूसरे के परिजनों को प्रबंधन ने सौंपा शव: मामले में बाणगंगा थाना प्रभारी नीरज बिरथरे का कहना है कि हातोद के रहने वाले 23 साल के युवक को डेंगू होने के चलते अरविंदो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहां शनिवार देर रात उसकी मौत हो गई. वहीं शव को मर्चुरी में रखवा दिया गया था. दूसरे दिन करीब 9 बजे जब परिजन मृतक के शव को लेने पहुंचा, तो यहां शव मौके पर नहीं था. इसके बाद परिवार ने काफी देर तक शव के लिए हंगामा किया. उसके बाद अस्पताल प्रबंधन में रजिस्टर चेक किया गया तो पता चला कि बड़वाह के एक परिजनों को गलती शव दे दिया था. यानि की मर्चुरी में रखे दो शव को एक्सचेंज कर दिया गया था.
जहां चेहरा देखने पर परिजनों ने फिर हंगामा किया था. पुलिस ने तुरंत बड़वाह वाले परिजनों से संपर्क कर शव को वापस बुलाया और उन्हें उनका शव दिया, जिन लोगों ने हंगामा किया था, उन्हें उनका बच्चे का शव सुपुर्द किया. साथ ही समझाइश देकर मामले की शांत कराया.