धनबाद: कोयलांचल धनबाद में प्रधानखंता स्टेशन के समीप हुए हादसे (Dhanbad Pradhankhanta Accident) के बाद रेलवे अधिकारी और ग्रामीणों के बीच लगभग 12 घंटे की वार्ता के बाद मुआवजे को लेकर सहमति बन गई है. सहमति के बाद सभी चारों शवों को बाहर निकाल लिया गया. जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है. घटना मंगलावार देर रात की है.
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कैसे हुआ हादसा: धनबाद रेल मंडल (Dhanbad Rail Division) में रेलवे की लापरवाही का एक बड़ा नमूना मंगलवार की देर रात देखने को मिला. जहां पर निर्माणाधीन अंडरपास के बगल से मालगाड़ी के गुजरने के बाद अंडरपास के नीचे मिट्टी भर भराकर गिर गई, जिसमें छह मजदूर दब गए. 2 मजदूर किसी तरह अपनी जान बचाने में कामयाब रहे लेकिन, 4 मजदूरों की मिट्टी में दबकर मौत हो गई.
रेलवे पर लापरवाही का आरोप: बता दें कि घटना की सूचना तत्काल रेलवे के अधिकारियों को दी गई थी. लेकिन रेलवे अधिकारी रात 11ः00 बजे के बाद ही घटनास्थल पर पहुंचे. रेलवे अधिकारियों की इस लापरवाही की वजह से ग्रामीण आक्रोशित थे. ग्रामीणों ने बताया कि निर्माणाधीन अंडरपास के ऊपर से रात 9 बजे के बाद मालगाड़ी गुजरी, जिससे मिट्टी धंसने की घटना घटी. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद काफी देर बाद कार्रवाई शुरू हुई. जिससे मलबे में दबे 4 मजदूरों की मौत हो गई. ग्रामीण इस घटना के लिए रेलवे के अधिकारियों को दोषी ठहरा रहे थे. घटना के बाद ग्रामीणों ने शव को बाहर निकालने से मना कर दिया. रात में कई दौर की बातचीत असफल रहने के बाद आज सुबह (13 जुलाई) को रेलवे अधिकारियों और परिजनों के बीच मुआवजे को लेकर सहमति बनी. इसके अनुसार मृतक के परिजनों को 20 लाख रूपये मुआवजा और उनके एक आश्रित को रेलवे में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी दी जाएगी. फिलहाल आश्रितों को दाह संस्कार के खर्च के तौर पर 50000 दे दिए गए हैं.
क्या कहते हैं मृतक के आश्रित: जब इस पूरे मामले में मृतक के आश्रित से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्थाई नौकरी (Temporary Job) हमें नहीं चाहिए. पूरे परिवार का जिम्मा हमारे पिताजी पर था और अब पूरा परिवार का जिम्मा मेरे ऊपर है ऐसे में अस्थाई नौकरी से कुछ नहीं होने वाला. मुझे हर हाल में स्थाई नौकरी (Permanent Job) ही चाहिए. फिलहाल सभी शवों को बाहर निकाल लिया गया है और पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेज दिया गया है.
मजदूरों को नहीं उपलब्ध कराई गई थी सुरक्षा: स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जितने भी मजदूर कार्यरत थे और जिनकी मौत हुई है, सभी बगल के गांव छाताकुल्ही के ही रहने वाले हैं. मजदूरों को किसी प्रकार की सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई थी. घटनास्थल पर सुरक्षा मानकों की भी अनदेखी की गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी दुर्घटना को लेकर रेलवे किस प्रकार की कार्रवाई आगे आने वाले दिनों में करेंगे यह भी देखने वाली बात होगी.