नई दिल्ली : दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में एक नाबालिग दलित बच्ची की मौत के सिलसिले में दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने जांच शुरू की है और पुलिस को तलब किया है. पुलिस ने बताया कि संदिग्ध परिस्थितियों में नौ वर्षीय बच्ची की मौत हो गई और उसके माता पिता ने आरोप लगाया है कि बच्ची का बलात्कार हुआ जिसके बाद बिना उन्हें पूर्व सूचना दिए रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
पुलिस ने कहा कि इसके संबंध में पुजारी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आयोग ने कहा कि दिल्ली छावनी में बच्ची की मौत के मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. आयोग को एक अगस्त को अपराह्न 12 बजकर 35 मिनट पर महिला हेल्पलाइन पर कॉल आई थी जिसमें घटना के बारे में जानकारी दी गई.
आयोग ने तत्काल पुलिस थाने में एक टीम को भेजा और प्राथमिकी दर्ज कराने में परिवार की सहायता की. आयोग ने कहा कि मामला 'बेहद गंभीर' है और इसमें 'तत्काल ध्यान देने' की जरूरत है. इसके साथ ही आयोग ने दक्षिण पश्चिमी जिले के पुलिस उपायुक्त को पांच अगस्त या उससे पहले पेश होने और मामले की पूरी फाइल तथा प्राथमिकी की एक प्रति सौंपने को कहा है.
आयोग ने पुलिस उपायुक्त को बच्ची के परिवार वालों के बयान की प्रति, गिरफ्तार किये गए आरोपियों का विवरण और कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. पुलिस ने सोमवार को बताया था कि बच्ची अपने माता-पिता के साथ गांव में श्मशान घाट के सामने किराये के घर में रहती थी. रविवार शाम साढ़े पांच बजे वह अपनी मां को सूचित करके श्मशान घाट में लगे पानी के कूलर से ठंडा पानी लेने गई थी.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शाम छह बजे श्मशान घाट के पुजारी राधेश्याम और बच्ची की मां को जानने वाले दो-तीन अन्य लोगों ने उसे वहां बुलाया और बेटी का शव दिखाकर दावा किया कि कूलर से पानी लेने के दौरान करंट लगने से उसकी मौत हो गई.
उसकी बाईं कलाई और कोहनी के बीच जलने के निशान थे और उसके होंठ भी नीले पड़ गए थे. अधिकारी ने बताया कि पुजारी और अन्य लोगों ने उसकी मां को पुलिस को सूचना देने से मना करते हुए कहा कि पुलिस मामला बना देगी और पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सक बच्ची के अंगों को चुरा लेंगे, इसलिए उसका अंतिम संस्कार करना बेहतर है.
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