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Bharat Biotech को इंट्रानेजल बूस्टर डोज ट्रायल के लिए मिली मंजूरी

भारत के औषधि नियामक ने भारत बायोटेक कंपनी को नाक से दिये जा सकने वाले (इंट्रानेजल) कोविड टीके के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के रूप में करने की अनुमति दे दी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 के टीके दिये जा चुके हैं. ये ट्रायल नौ अलग-अलग स्थानों पर होगी.

भारत बायोटेक
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Published : Jan 28, 2022, 2:07 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 7:09 PM IST

नई दिल्ली : ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को इसके कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के इंट्रानेजल बूस्टर डोज ट्रायल (Intranasal booster dose trial) के लिए अनुमति दे दी है. ये ट्रायल नौ अलग-अलग स्थानों पर होगी. भारत के औषधि नियामक ने भारत बायोटेक कंपनी को नाक से दिये जा सकने वाले (इंट्रानेजल) कोविड टीके के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के रूप में करने की अनुमति दे दी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 के टीके दिये जा चुके हैं. हालांकि, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित इंट्रानेजल कोविड-19 टीके बीबीवी154 के भारत में इस्तेमाल की मंजूरी अभी तक नहीं दी गयी है.

DCGI ने 27 जनवरी को भारत बायोटेक को उसके इंट्रानेजल टीके की सुरक्षा का आकलन करने के लिए उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के तौर पर तीसरे चरण का बहुकेंद्रीय क्लीनिकल अध्ययन करने की मंजूरी दे दी थी जिन्हें पहले नये औषधि और क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019 के अंतर्गत नई दवाओं के तहत स्वीकृत कोविड-19 टीकों की खुराक दी जा चुकी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एम्स दिल्ली समेत पांच स्थानों पर परीक्षण किया जाएगा.

बता दें कि भारत बायोटेक ने दिसंबर में DCGI से इंट्रानेजल कोविड-19 टीके का उन प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का अध्ययन करने की अनुमति मांगी थी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 टीके लग चुके हों. DCGI ने गुरुवार को बीबीवी-154 (इंट्रानेजल) टीके की प्रतिरक्षा क्षमता तैयार करने की शक्ति और सुरक्षा की तुलना कोवैक्सीन से करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति भी दे दी थी. परीक्षण को नौ स्थान पर संचालित करने की अनुमति दी गयी है. अगस्त में इंट्रानेजल टीके के दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए नियामक की स्वीकृति मिली थी.

भारत बायोटेक के एक सूत्र ने कहा कि बीबीवी154 (इंट्रानेजल कोविड टीके) को तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गयी है. परीक्षण में दोनों खुराकों के प्राथमिक कार्यक्रम और बूस्टर खुराक दोनों के लिए बीबीवी154 टीके का आकलन किया जाएगा. भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा था कि इंट्रानेजल टीका न केवल देने में आसान होगा बल्कि सिरिंज और सुइयों के इस्तेमाल को भी घटाएगा. उन्होंने कहा था कि इससे टीकाकरण अभियान की कुल लागत पर भी असर पड़ेगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को इसके कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के इंट्रानेजल बूस्टर डोज ट्रायल (Intranasal booster dose trial) के लिए अनुमति दे दी है. ये ट्रायल नौ अलग-अलग स्थानों पर होगी. भारत के औषधि नियामक ने भारत बायोटेक कंपनी को नाक से दिये जा सकने वाले (इंट्रानेजल) कोविड टीके के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के रूप में करने की अनुमति दे दी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 के टीके दिये जा चुके हैं. हालांकि, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित इंट्रानेजल कोविड-19 टीके बीबीवी154 के भारत में इस्तेमाल की मंजूरी अभी तक नहीं दी गयी है.

DCGI ने 27 जनवरी को भारत बायोटेक को उसके इंट्रानेजल टीके की सुरक्षा का आकलन करने के लिए उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के तौर पर तीसरे चरण का बहुकेंद्रीय क्लीनिकल अध्ययन करने की मंजूरी दे दी थी जिन्हें पहले नये औषधि और क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019 के अंतर्गत नई दवाओं के तहत स्वीकृत कोविड-19 टीकों की खुराक दी जा चुकी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एम्स दिल्ली समेत पांच स्थानों पर परीक्षण किया जाएगा.

बता दें कि भारत बायोटेक ने दिसंबर में DCGI से इंट्रानेजल कोविड-19 टीके का उन प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का अध्ययन करने की अनुमति मांगी थी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 टीके लग चुके हों. DCGI ने गुरुवार को बीबीवी-154 (इंट्रानेजल) टीके की प्रतिरक्षा क्षमता तैयार करने की शक्ति और सुरक्षा की तुलना कोवैक्सीन से करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति भी दे दी थी. परीक्षण को नौ स्थान पर संचालित करने की अनुमति दी गयी है. अगस्त में इंट्रानेजल टीके के दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए नियामक की स्वीकृति मिली थी.

भारत बायोटेक के एक सूत्र ने कहा कि बीबीवी154 (इंट्रानेजल कोविड टीके) को तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गयी है. परीक्षण में दोनों खुराकों के प्राथमिक कार्यक्रम और बूस्टर खुराक दोनों के लिए बीबीवी154 टीके का आकलन किया जाएगा. भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा था कि इंट्रानेजल टीका न केवल देने में आसान होगा बल्कि सिरिंज और सुइयों के इस्तेमाल को भी घटाएगा. उन्होंने कहा था कि इससे टीकाकरण अभियान की कुल लागत पर भी असर पड़ेगा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jan 28, 2022, 7:09 PM IST
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