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दिवाली के एक दिन बाद कोलकाता में वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में पहुंची - कोलकाता में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंची

आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार सुबह 'विक्टोरिया मेमोरियल' में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 284 और कोलकाता के 'फोर्ट विलियम' में 262 दर्ज किया गया, जबकि पड़ोसी हावड़ा जिले के घुसुरी में यह 310 रहा. (Air quality poor in Kolkata west bengal, AIQ in Kolkata)

air quality poor in Kolkata west bengal
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में वायु गुणवत्ता खराब
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By PTI

Published : Nov 13, 2023, 11:43 AM IST

कोलकाता: काली पूजा और दिवाली के एक दिन बाद सोमवार सुबह कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ रही और महानगर में धुंध छाई रही. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि वायु गुणवत्ता के खराब होने की एक मात्र वजह रविवार को हुई आतिशबाजी ही नहीं, बल्कि मौजूदा मौसम भी है. इस मौमस में कोहरे और धुएं की उपस्थिति के कारण छोटे कण हवा में बने रहते हैं. पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार सुबह 'विक्टोरिया मेमोरियल' में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 284 और कोलकाता के 'फोर्ट विलियम' में 262 दर्ज किया गया, जबकि पड़ोसी हावड़ा जिले के घुसुरी में यह 310 रहा.

एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. उन्होंने बताया कि डब्ल्यूबीपीसीबी के मुख्यालय ‘परिवेश भवन’ स्थित नियंत्रण कक्ष रविवार देर रात तक निगरानी कार्य में लगा रहा, जबकि शहर और आस-पास के इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई.

पढ़ें: दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी, विजिबिलिटी 100 मीटर से हुई कम

पर्यावरणविद नबा दत्ता ने कहा कि रविवार को सूर्यास्त के बाद जैसे ही शहर के विभिन्न शहरों में आतिशबाजी शुरू हुई प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया/ उन्होंने आगाह किया, 'अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, तो इससे सांस संबंधी समस्याएं पैदा होंगी.' एक अन्य पर्यावरण कार्यकर्ता सोमेंद्र मोहन घोष ने कहा, 'हम प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए शाम को पौधों पर पानी छिड़कने की सलाह देते हैं.'

कोलकाता: काली पूजा और दिवाली के एक दिन बाद सोमवार सुबह कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ रही और महानगर में धुंध छाई रही. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि वायु गुणवत्ता के खराब होने की एक मात्र वजह रविवार को हुई आतिशबाजी ही नहीं, बल्कि मौजूदा मौसम भी है. इस मौमस में कोहरे और धुएं की उपस्थिति के कारण छोटे कण हवा में बने रहते हैं. पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार सुबह 'विक्टोरिया मेमोरियल' में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 284 और कोलकाता के 'फोर्ट विलियम' में 262 दर्ज किया गया, जबकि पड़ोसी हावड़ा जिले के घुसुरी में यह 310 रहा.

एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. उन्होंने बताया कि डब्ल्यूबीपीसीबी के मुख्यालय ‘परिवेश भवन’ स्थित नियंत्रण कक्ष रविवार देर रात तक निगरानी कार्य में लगा रहा, जबकि शहर और आस-पास के इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई.

पढ़ें: दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी, विजिबिलिटी 100 मीटर से हुई कम

पर्यावरणविद नबा दत्ता ने कहा कि रविवार को सूर्यास्त के बाद जैसे ही शहर के विभिन्न शहरों में आतिशबाजी शुरू हुई प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया/ उन्होंने आगाह किया, 'अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, तो इससे सांस संबंधी समस्याएं पैदा होंगी.' एक अन्य पर्यावरण कार्यकर्ता सोमेंद्र मोहन घोष ने कहा, 'हम प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए शाम को पौधों पर पानी छिड़कने की सलाह देते हैं.'

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