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ओडिशा : पत्नी का शव कंधे पर ढोने वाले माझी की सुपुत्री हुई दसवीं उत्तीर्ण

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Published : Jun 26, 2021, 2:11 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 2:46 PM IST

ओडिशा में शव वाहन न मिलने पर पत्नी का शव लेकर 10 किलोमीटर पैदल चलने वाले दाना माझी की बेटी ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है. आदिवासी स्कूल की छात्रा चांदनी को 600 में से 280 अंक मिले हैं.

छात्रा चांदनी
छात्रा चांदनी

भुवनेश्वर : ओडिशा में कालाहांडी जिले के एक सरकारी अस्पताल में शव वाहन कथित तौर पर नहीं मिलने के बाद पत्नी के शव को कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर तक पैदल चले दाना माझी की बेटी चांदनी माझी ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है.

परीक्षा परिणाम शुक्रवार को घोषित किए गए और वह उन 2,81,658 लड़कियों में शामिल है जिन्होंने बोर्ड परीक्षा पास कर ली है. भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस) द्वारा चलाए जा रहे एक आदिवासी स्कूल की छात्रा चांदनी को 600 में से 280 अंक मिले हैं. उसकी दो छोटी बहनें भी स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं.

पत्नी का शव लेकर 10 किलोमीटर पैदल चले थे माझी
जिले के थुआमुल-रामपुर मंडल में मेलाघर गांव के दाना माझी 2016 में पत्नी के शव के साथ 10 किलोमीटर तक पैदल चले थे. उस दौरान चांदनी भी अपने पिता के साथ पैदल चली थी.

इस घटना के सामने आने के बाद केआईएसएस के संस्थापक डॉ. ए सामंत ने माझी की गरीबी को देखते हुए उनकी तीनों बेटियों को अपने स्कूल में दाखिला दिया था. इस पर चांदनी ने सामंत का आभार जताया था.

पढ़ें- ईडी के समक्ष नहीं पेश हुए देशमुख, मांगा समय

सामंत ने बताया कि केआईएसएस का 100 फीसदी परीक्षा परिणाम रहा जबकि राज्य स्तर पर पास प्रतिशत 97.89 प्रतिशत रहा. इंस्टीट्यूट के 1,900 छात्र परीक्षा में बैठे थे. गजपति जिले के सौरा जनजाति के मोहन चरण राइता 540 अंकों के साथ केआईएएस टॉपर बने.

(पीटीआई-भाषा)

भुवनेश्वर : ओडिशा में कालाहांडी जिले के एक सरकारी अस्पताल में शव वाहन कथित तौर पर नहीं मिलने के बाद पत्नी के शव को कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर तक पैदल चले दाना माझी की बेटी चांदनी माझी ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है.

परीक्षा परिणाम शुक्रवार को घोषित किए गए और वह उन 2,81,658 लड़कियों में शामिल है जिन्होंने बोर्ड परीक्षा पास कर ली है. भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस) द्वारा चलाए जा रहे एक आदिवासी स्कूल की छात्रा चांदनी को 600 में से 280 अंक मिले हैं. उसकी दो छोटी बहनें भी स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं.

पत्नी का शव लेकर 10 किलोमीटर पैदल चले थे माझी
जिले के थुआमुल-रामपुर मंडल में मेलाघर गांव के दाना माझी 2016 में पत्नी के शव के साथ 10 किलोमीटर तक पैदल चले थे. उस दौरान चांदनी भी अपने पिता के साथ पैदल चली थी.

इस घटना के सामने आने के बाद केआईएसएस के संस्थापक डॉ. ए सामंत ने माझी की गरीबी को देखते हुए उनकी तीनों बेटियों को अपने स्कूल में दाखिला दिया था. इस पर चांदनी ने सामंत का आभार जताया था.

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सामंत ने बताया कि केआईएसएस का 100 फीसदी परीक्षा परिणाम रहा जबकि राज्य स्तर पर पास प्रतिशत 97.89 प्रतिशत रहा. इंस्टीट्यूट के 1,900 छात्र परीक्षा में बैठे थे. गजपति जिले के सौरा जनजाति के मोहन चरण राइता 540 अंकों के साथ केआईएएस टॉपर बने.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 26, 2021, 2:46 PM IST
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