दतिया। मध्य प्रदेश सरकार भले ही गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए लाख प्रयास कर रही है. विद्यालयों में पढ़ाई के नाम पर एक बहुत बड़ा फंड भी खर्च किया जाता हो, परंतु जमीनी हकीकत क्या है यह ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में पढ़ाई का स्तर देखने पर समझ में आ जायेगा. ऐसा ही एक वाकया दतिया जिले के आनंदपुर गांव के शासकीय माध्यमिक स्कूल का है. दतिया कलेक्टर संजय कुमार अचानक स्कूल आनंदपुर स्कूल पहुंचे, जहां कक्षा छठी की क्लास के छात्रों को कलेक्टर ने हिंदी की किताब पढ़ने को कहा तो छात्र एवं छात्राएं हिंदी की किताब नहीं पड़ सके, जिस पर कलेक्टर संजय कुमार भड़क गए.
शिक्षकों से कहा किस बात की ले रहे हो तनख्वाह: कलेक्टर ने विद्यालय में मौजूद शिक्षकों को फटकार लगाते हुए कहा तुम्हें शर्म आना चाहिए, सभी को मिलाकर शासन साढ़े चार लाख रुपए से ज्यादा तनख्वाह दे रही होगी. कक्षा छठवीं के छात्र हिंदी की किताब नहीं पड़ पा रहे हैं, कलेक्टर को नाराज होते देख एक शिक्षक ने कहा सर क्षमा करें, आगे से सुधार हो जायेगा, इस पर कलेक्टर ने कड़क लहजे में कहा क्षमा मुझसे नहीं उन छात्र से मांगों, जिसका तुम जीवन खराब कर रहे हो.
अनुपस्थित मिले शिक्षकों को लगाई फटकार: जिला कलेक्टर संजय कुमार ने बुधवार दुपहर जिले के स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान वह तल्ख अंदाज में नजर आए. स्कूलों से नदारद मिले शिक्षकों को जमकर फटकार लगाई. जिला कलेक्टर संजय कुमार सबसे पहले माध्यमिक विद्यालय अगोरा पहुंचे जहां तीन शिक्षक अनुपस्थित मिले, जिनमें महेश कुमार शर्मा, सुरेंद्र सिंह प्रजापति और सुशीला शामिल हैं. इस पर उन्होंने विद्यालय के प्राचार्य हरीश कुमार रावत को फोन लगाया और फोन पर ही फटकर लगते हुए तत्काल विद्यालय में तीनों शिक्षकों को उपस्थित करने को कहा. इसके बाद कलेक्टर माध्यमिक विद्यालय गांव आनंदपुर पहुंचे, यहां शिक्षक प्रवेंद्र शर्मा नदारद मिले, इस पर कलेक्टर ने उन्हें फोन लगाया और नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें तत्काल विद्यालय में मौजूद होने को कहा.
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छात्रा नहीं पड़ सकी किताब तो भड़के कलेक्टर: निरीक्षण के दौरान आनंदपुर गांव के माध्यमिक विद्यालय में कलेक्टर संजय कुमार ने जब छठी कक्षा में पड़ने वाली एक छात्रा से हिंदी की किताब पढ़वाई, तो वह किताब नहीं पड़ सकी. इस बात से नाराज कलेक्टर ने विद्यालय में उपस्थित प्रधानाध्यापक सहित पूरे स्टाफ को लताड़ा. इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि पूरे स्टाफ की तनख्वाह मिलाकर करीब साढ़े चार लाख से ऊपर होगी, यानी एक शिक्षक 80 हजार से लेकर एक लाख रुपए तनख्वाह शासन से ले रहा है, इसके बावजूद भी यह हाल है तुम लोगों को शर्म आनी चाहिए, किस बात की तनख्वाह ले रहे हो.
इन मासूमों से मांगों माफी: कलेक्टर की इस नाराजगी से विद्यालय में उपस्थित शिक्षकों ने कलेक्टर से क्षमा मांगी तो वह कड़क लहजे में कहते नजर आए की हमसे किस बात की क्षमा मांग रहे हो. क्षमा तो उन मासूम छात्रों से मांगों जिनका भविष्य तुम लोग खराब कर रहे हो. कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि 'शिक्षा में सुधार करना हमारा परम कर्तव्य है, अगर हमारे बच्चे पड़ेंगे तो वह देश का नाम रोशन करेंगे, इसलिए शिक्षा ही मेरी पहली प्राथमिकता है'.
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