दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने दावा किया है कि 2 से 3 दिन के अंदर 10 से अधिक नक्सलियों की मौत फूड प्वाइजनिंग और कोरोना संक्रमण से हुई है. करीब 100 से अधिक नक्सली पीड़ित हैं. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि करीब 15 दिन पहले बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर गंगालूर क्षेत्र में नक्सलियों की बड़ी बैठक की जानकारी मिली थी. इस मीटिंग में 400-500 नक्सली शामिल हुए थे. इसके बाद ही नक्सलियों में फूड प्वाइजनिंग और कोरोना संक्रमण की बात सामने आई है. उन्होंने कहा कि सूत्रों से पता चला है कि गांववालों ने 8 से 10 नक्सलियों का शव जलते देखा है.
'नक्सलियों से ग्रामीणों में संक्रमण फैलने का खतरा'
एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि नक्सली लगातार गांव-गांव जा रहे हैं. ग्रामीणों से मीटिंग कर रहे हैं. इससे गांववालों में संक्रमण फैलने का खतरा है. ये पहुंचविहीन इलाके हैं. नक्सलियों ने सड़क काट दी है. फोन लाइन्स काट दी हैं. ऐसे में गांववालों की मदद करना मुश्किल होगा.
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'सरेंडर करेंगे, तो इलाज मिलेगा'
एसपी ने नक्सलियों से अपील की है कि वे सरेंडर करें. लोन वर्राटू अभियान का फायदा उठाएं. पुलिस प्रशासन की मदद से उन्हें इलाज मुहैया कराया जाएगा. इससे नक्सलियों की जान भी बचेगी. गांववाले भी महामारी के खतरे से निकल पाएंगे. एसपी ने कहा कि नक्सलियों ने फिलहाल प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने चुप्पी साध रखी है, उससे साफ होता है कि बड़ी संख्या में नक्सली पीड़ित हैं और स्थिति गंभीर है.
आईजी ने भी किया दावा
दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव के बाद बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने भी नक्सलियों के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने की बात कही है.
आईजी ने कहा कि अगर नक्सली मुख्यधारा से जुड़ने के लिए समर्पण करते हैं, तो बस्तर पुलिस उनका इलाज करवाएगी. आईजी ने दावा किया है कि 12 से अधिक बड़े नक्सली लीडर्स को भी कोरोना होने की जानकारी उन्हें सूत्रों से मिली है.