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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कोरोना की चौथी लहर का खतरा, मरीजों की संख्या 200 के करीब पहुंची

मौसम बदलने के साथ ही छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में भी तेजी आ गई है. तीन दिन पहले तक प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या जहां 113 थी, वहीं तीन दिन में ही कोरोना के 117 केस सामने आए हैं. मंगलवार को बिलासपुर में फिर कोरोना से एक मौत हुई है. संक्रमण दर 4.9 फीसदी पहुंचते ही विभाग लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है. कोरोना से निबटने की तैयारी परखने अगले सप्ताह माॅकड्रिल भी किया जाएगा. patients of corona in Chhattisgarh

patients of corona in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में कोरोना की चौथी लहर का खतरा
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Published : Apr 4, 2023, 9:55 PM IST

कोरोना की चौथी लहर का खतरा !

रायपुर: छत्तीसगढ़ के आठ जिलों में कोरोना के मामले बीते दो तीन दिन में तेजी से बढ़े हैं. प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 190 हो गई है. मंगलवार को बिलासपुर में कोविड के साथ दूसरी बीमारी से ग्रसित एक मरीज की मौत हुई है तो वहीं प्रदेश में कुल 975 सैंपलों की जांच में 48 नए मरीज मिले हैं. वहीं होम आइसोलेशन के 12 मरीजों को स्वस्थ घोषित किया गया है. सोमवार को छत्तीसगढ़ में 47 तो वहीं रविवार के 22 मरीज मिले थे. छत्तीसगढ़ में संक्रमण दर 4.9 फीसदी पहुंच गई है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है और 10 व 12 अप्रैल को माॅकड्रिल की तैयारी में है.

परखी जाएगी 112 अक्सीजन प्लांट की तैयारी: प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था है. छत्तीसगढ़ में 112 ऑक्सीजन प्लांट हैं. इनकी क्षमता 80 हजार एलपीएम है. 17 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हैं, जिनमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, जशपुर, कांकेर, कोरबा, कोरिया, महासमुंद, रायगढ़ और राजनंदगांव शामिल हैं. 49 ऑक्सीजन प्लांट पीएम केयर्स फंड, 46 प्लांट छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल और 17 प्लांट एनजीओ संचालित करती हैं. 10 और 12 अप्रैल को मॉकड्रिल करके इन्हें चेक भी किया जाएगा. एपिडेमिक कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ सुभाष मिश्रा के मुताबिक "जहां पर जो कमी होगी उसे ठीक किया जाएगा. क्योंकि केसेस बढ़ने की संभावनाएं अभी दिख रही हैं. सावधानी के लिए सभी सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है. अभी तक की कोई खतरनाक वैरिएंट नहीं मिला है लेकिन सावधान रहने की जरूरत है."

रोजाना 386 मीट्रिक टन अक्सीजन का उत्पादन: प्रदेश के 112 ऑक्सीजन प्लांट में से वर्तमान में 386.92 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पाद रोज हो रहा है. छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की खपत 169 मीट्रिक टन थी. वहीं तीसरी लहर में ऑक्सीजन की खपत घटकर 105 मैट्रिक टन तक रह गई थी. क्योंकि तीसरी लहर में मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही थी.

यह भी पढ़ें- Chhattisgarh Corona Update छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की संख्या डेढ़ सौ के पार

ऑक्सीजन बेड 10490 और 1132 वेंटिलेटर: छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में 7403 नॉर्मल बेड उपलब्ध हैं. 10490 ऑक्सीजन बेड से साथ ही 1282 एचडीयू और 1571 आईसीयू बेड भी हैं. गंभीर मरीजों के लिए 1132 वेंटिलेटर बेड भी हैं. इसके साथ ही 10881 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध हैं.

गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग बरतें सावधानी: एपिडेमिक कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ सुभाष मिश्रा का कहना है कि "कोरोना के केसेस बढ़ते जा रहे हैं. हमें सावधान रहने की जरूरत है. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराइड, लिवर की बीमारी से पीड़ित लोग, छोटे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सावधान रहना चाहिए. हाथों को बार-बार धोएं. मास्क पहने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और भीड़ से दूर रहें. सावधानियों से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है. फिर भी अगर किसी को सर्दी खांसी बुखार है और दवा लेने के 2 दिन बाद भी ठीक नहीं हो रहा है तो तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच कराएं."

कोरोना की चौथी लहर का खतरा !

रायपुर: छत्तीसगढ़ के आठ जिलों में कोरोना के मामले बीते दो तीन दिन में तेजी से बढ़े हैं. प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 190 हो गई है. मंगलवार को बिलासपुर में कोविड के साथ दूसरी बीमारी से ग्रसित एक मरीज की मौत हुई है तो वहीं प्रदेश में कुल 975 सैंपलों की जांच में 48 नए मरीज मिले हैं. वहीं होम आइसोलेशन के 12 मरीजों को स्वस्थ घोषित किया गया है. सोमवार को छत्तीसगढ़ में 47 तो वहीं रविवार के 22 मरीज मिले थे. छत्तीसगढ़ में संक्रमण दर 4.9 फीसदी पहुंच गई है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है और 10 व 12 अप्रैल को माॅकड्रिल की तैयारी में है.

परखी जाएगी 112 अक्सीजन प्लांट की तैयारी: प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था है. छत्तीसगढ़ में 112 ऑक्सीजन प्लांट हैं. इनकी क्षमता 80 हजार एलपीएम है. 17 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हैं, जिनमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, जशपुर, कांकेर, कोरबा, कोरिया, महासमुंद, रायगढ़ और राजनंदगांव शामिल हैं. 49 ऑक्सीजन प्लांट पीएम केयर्स फंड, 46 प्लांट छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल और 17 प्लांट एनजीओ संचालित करती हैं. 10 और 12 अप्रैल को मॉकड्रिल करके इन्हें चेक भी किया जाएगा. एपिडेमिक कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ सुभाष मिश्रा के मुताबिक "जहां पर जो कमी होगी उसे ठीक किया जाएगा. क्योंकि केसेस बढ़ने की संभावनाएं अभी दिख रही हैं. सावधानी के लिए सभी सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है. अभी तक की कोई खतरनाक वैरिएंट नहीं मिला है लेकिन सावधान रहने की जरूरत है."

रोजाना 386 मीट्रिक टन अक्सीजन का उत्पादन: प्रदेश के 112 ऑक्सीजन प्लांट में से वर्तमान में 386.92 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पाद रोज हो रहा है. छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की खपत 169 मीट्रिक टन थी. वहीं तीसरी लहर में ऑक्सीजन की खपत घटकर 105 मैट्रिक टन तक रह गई थी. क्योंकि तीसरी लहर में मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही थी.

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ऑक्सीजन बेड 10490 और 1132 वेंटिलेटर: छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में 7403 नॉर्मल बेड उपलब्ध हैं. 10490 ऑक्सीजन बेड से साथ ही 1282 एचडीयू और 1571 आईसीयू बेड भी हैं. गंभीर मरीजों के लिए 1132 वेंटिलेटर बेड भी हैं. इसके साथ ही 10881 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध हैं.

गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग बरतें सावधानी: एपिडेमिक कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ सुभाष मिश्रा का कहना है कि "कोरोना के केसेस बढ़ते जा रहे हैं. हमें सावधान रहने की जरूरत है. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराइड, लिवर की बीमारी से पीड़ित लोग, छोटे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सावधान रहना चाहिए. हाथों को बार-बार धोएं. मास्क पहने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और भीड़ से दूर रहें. सावधानियों से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है. फिर भी अगर किसी को सर्दी खांसी बुखार है और दवा लेने के 2 दिन बाद भी ठीक नहीं हो रहा है तो तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच कराएं."

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