कादियाम (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में एक दलित युवक ने पुलिस पर एक मामले की जांच के बहाने उसे प्रताड़ित करने और पेशाब पीने के लिए कहने का आरोप लगाया है (Forced To Drink Urine). चागल्लु मंडल के कुंकुडुपल्ली के युवक वड्डी वेंकटप्रसाद ने शिकायत की कि उसे इस महीने की 17 तारीख को इंस्पेक्टर ने पुलिस स्टेशन बुलाया. यहां एक लापता महिला के मामले में बुरी तरह पीटा गया.
प्रसाद ने आरोप लगाया कि मामले की वास्तविक जांच के बजाय, पुलिस स्टेशन के एसआई ने बिना किसी कारण के उन्हें पीटा. वेंकटप्रसाद ने थाने के सब-इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्यास लगने पर थाने के एसआई ने उन्हें पानी की जगह पेशाब पीने को कहा. उन्होंने कहा कि गंभीर यातना के बाद वह थाने में बेहोश हो गए.
उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन उस एसआई ने जगाया और मामले में अपनी संलिप्तता कबूल करने के लिए फिर से पीटा. पीड़ित ने बताया कि कुछ देर बाद उसे इलाज के लिए राजामहेंद्रवरम अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे छुट्टी दे दी गई. पीड़ित की पत्नी शिरिषा ने कहा कि उनके पति को आधी रात में पुलिस उठाकर ले गई.
उसने कहा कि पुलिस ने बिना किसी वास्तविक मामले के उस पर समझौता करने का दबाव डाला. शिरिषा ने अपने पति को बुरी तरह पीटने वाले एसआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. नागरिक अधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुप्पल्ला सुब्बाराव ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दलित युवक के खिलाफ थर्ड-डिग्री यातना का इस्तेमाल किया. उन्होंने मांग की कि जिम्मेदार एसआई शिवाजी को सरकारी सेवा से हटाया जाए.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना को लेकर कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. एएसपी राजमहेंद्रवरम राजानी ने अस्पताल में पीड़ित से मुलाकात की और उसका बयान दर्ज किया.