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इस गांव में पहली बार घोड़ी पर चढ़ा दलित दूल्हा, ऐसा था नजारा

हरियाणा स्थित भिवानी के गोविंदपुरा गांव की पंचायत ने 300 साल पुरानी प्रथा को तोड़ कर भाईचारे का संदेश दिया है. गांव पंचायत के ऐतिहासिक फैसले के बाद गांव के लोगों में खुशी है.

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Published : Jun 21, 2021, 11:48 AM IST

दलित दूल्हा
दलित दूल्हा

चंडीगढ़ : हरियाणा के गोविंदपुरा गांव की पंचायत ने 300 साल पुरानी प्रथा को तोड़ कर भाईचारे का संदेश दिया है. गांव पंचायत ने फैसला किया कि जो भी हेड़ी यानी दलित समाज का व्यक्ति शादी में घुड़चढ़ी (विवाह की एक रीति जिसमें वर घोड़े पर चढ़कर दुल्हिन के घर जाता है )करना चाहता है तो पंचायत उसके साथ है. हेड़ी समाज के लोगों ने इस फैसले के लिए राजपूत समाज के लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि उनके समाज का ये पहला विवाह है, जिसमें घोड़ी पर बारात निकाल रही हैं.

दलित दूल्हा

हेड़ी समाज के लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके लिए ये एक ऐतिहासिक पल है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. कहा जाता है कि गोविंदपुरा गांव 300 साल पहले बसा था. तब से इस गांव में राजपूत और हेड़ी समाज के लोग ही रहते हैं. इस गांव में शुरू से ही हेड़ी समाज के लोगों को शादी में घुड़चढ़ी की इजाजत नहीं थी. ऐसा पिछले 300 वर्षों से चल रहा था. सरपंच पति बीरसिंह ने इस प्रथा को तोड़ते हुए भाईचारे का अनोखा संदेश दिया है.

पढ़ें- बाल संरक्षण अधिकारी ने रुकवाई 14 वर्षीय किशोरी की शादी

गांव गोविंदपुरा में राजपूत और हेड़ी (दलित) समाज के लोग रहते हैं. इस गांव में हेड़ी समाज के लोगों को शादी में घोड़ी पर निकलने की इजाजत नहीं थी, इस बार गांव में बनी पंचायत ने ऐतिहासक फैसला लेते हुए इस प्रथा को खत्म कर दिया है. जिसके बाद रविवार को गांव में विजय कुमार नाम के शख्स की शादी धूमधाम से हुई. शादी में विजय कुमार की घुड़चढ़ी भी हई.

चंडीगढ़ : हरियाणा के गोविंदपुरा गांव की पंचायत ने 300 साल पुरानी प्रथा को तोड़ कर भाईचारे का संदेश दिया है. गांव पंचायत ने फैसला किया कि जो भी हेड़ी यानी दलित समाज का व्यक्ति शादी में घुड़चढ़ी (विवाह की एक रीति जिसमें वर घोड़े पर चढ़कर दुल्हिन के घर जाता है )करना चाहता है तो पंचायत उसके साथ है. हेड़ी समाज के लोगों ने इस फैसले के लिए राजपूत समाज के लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि उनके समाज का ये पहला विवाह है, जिसमें घोड़ी पर बारात निकाल रही हैं.

दलित दूल्हा

हेड़ी समाज के लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके लिए ये एक ऐतिहासिक पल है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. कहा जाता है कि गोविंदपुरा गांव 300 साल पहले बसा था. तब से इस गांव में राजपूत और हेड़ी समाज के लोग ही रहते हैं. इस गांव में शुरू से ही हेड़ी समाज के लोगों को शादी में घुड़चढ़ी की इजाजत नहीं थी. ऐसा पिछले 300 वर्षों से चल रहा था. सरपंच पति बीरसिंह ने इस प्रथा को तोड़ते हुए भाईचारे का अनोखा संदेश दिया है.

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गांव गोविंदपुरा में राजपूत और हेड़ी (दलित) समाज के लोग रहते हैं. इस गांव में हेड़ी समाज के लोगों को शादी में घोड़ी पर निकलने की इजाजत नहीं थी, इस बार गांव में बनी पंचायत ने ऐतिहासक फैसला लेते हुए इस प्रथा को खत्म कर दिया है. जिसके बाद रविवार को गांव में विजय कुमार नाम के शख्स की शादी धूमधाम से हुई. शादी में विजय कुमार की घुड़चढ़ी भी हई.

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