नई दिल्लीः कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court)ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम के खिलाफ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिए गए भाषणों के मामले में 28 मार्च से रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने 28 मार्च से अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को दर्ज करने का आदेश दिया. पहले हुई सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई का संकेत दिये थे.
चार फरवरी को दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ दूसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. 24 जनवरी को कोर्ट ने शरजील की एक मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने 24 जनवरी को ही शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है. 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पहली पूरक चार्जशीट दाखिल की गयी थी.
पहली पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395,419,420,427,435,436,452,454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.
चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा. बता दें कि शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.