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अगले 6 घंटे में और तेज हो सकता है चक्रवाती तूफान 'तौकते', पांच राज्यों में अलर्ट - तौकते

आईएमडी ने शनिवार को कहा कि अरब सागर के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान तौकते में तब्दील हो गया है और इसके 18 मई के आस-पास पोरबंदर तथा नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है. इस चक्रवात के अगले 6 घंटों में 'गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदलने की संभावना है.

Tauktae
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Published : May 15, 2021, 4:45 PM IST

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को जानकारी दी कि चक्रवाती तूफान तौकते अगले छह घंटे के दौरान 'भीषण चक्रवाती तूफान' में परिवर्तित होने की काफी संभावना है और फिर अगले 12 घंटे में इसके 'अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान' में बदलने की संभावना है. इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिमी दिशा की तरफ बढ़ने और लगभग 18 मई को अपराह्न/शाम के समय पोरबंदर तथा नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है.

बता दें कि चक्रवात 'तौकते' के कारण भारत के कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका जाहिर की गई है. मौसम विभाग ने महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक सहित पांच तटीय राज्यों को चेतावनी जारी की है.

मौसम विभाग के मुताबिक 18 मई सुबह तक चक्रवात तौकते गुजरात तट के पास पहुंच जाएगा. इसी बीच मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि केरल में मानसून 31 मई तक आ सकता है. चक्रवात भले ही केरल तट को न छूए, लेकिन राज्य में बहुत भारी बारिश और हवा चलेगी. कम दबाव शनिवार को कर्नाटक में तेज होकर चक्रवात में बदल जाएगा. इसके साथ ही उत्तरी केरल में चक्रवात के प्रभाव की संभावना है.

मौसम विभाग के मुताबिक 17 मई को दक्षिण कोंकण और गोवा में भारी बारिश की संभावना है. सौराष्ट्र और कच्छ में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है, जबकि जूनागढ़ और गिर, सोमनाथ जिलों के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक बारिश हो सकती है. अगले दिन, सौराष्ट्र और कच्छ में भारी वर्षा हो सकती है और पोरबंदर, द्वारका, जामनगर और कच्छ जिलों के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक वर्षा हो सकती है.

पढ़ें :- 'तौक्ताई' से केरल में बाढ़ की आशंका, पांच जिलों में रेड अलर्ट

इसके अलावा, मोरबी, कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों के तटीय क्षेत्रों में 2-3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं. वहीं पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर में तटीय क्षेत्रों में 1-2 मीटर ऊंती लहरें उठती दिखाई दे सकती हैं.

आईएमडी ने मछुआरों को दक्षिण-पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप, जिसमें मालदीव क्षेत्र, पूर्वी मध्य अरब सागर के साथ-साथ कर्नाटक तट, पूर्वी मध्य अरब सागर और महाराष्ट्र, गोवा तटों और पूर्व-मध्य के साथ ही आस-पास के पूर्वोत्तर अरब में जाने से मना किया है. वहीं जो लोग उत्तरी अरब सागर में समुद्र में हैं, उन्हें तट पर लौटने की सलाह दी गई है.

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को जानकारी दी कि चक्रवाती तूफान तौकते अगले छह घंटे के दौरान 'भीषण चक्रवाती तूफान' में परिवर्तित होने की काफी संभावना है और फिर अगले 12 घंटे में इसके 'अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान' में बदलने की संभावना है. इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिमी दिशा की तरफ बढ़ने और लगभग 18 मई को अपराह्न/शाम के समय पोरबंदर तथा नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है.

बता दें कि चक्रवात 'तौकते' के कारण भारत के कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका जाहिर की गई है. मौसम विभाग ने महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक सहित पांच तटीय राज्यों को चेतावनी जारी की है.

मौसम विभाग के मुताबिक 18 मई सुबह तक चक्रवात तौकते गुजरात तट के पास पहुंच जाएगा. इसी बीच मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि केरल में मानसून 31 मई तक आ सकता है. चक्रवात भले ही केरल तट को न छूए, लेकिन राज्य में बहुत भारी बारिश और हवा चलेगी. कम दबाव शनिवार को कर्नाटक में तेज होकर चक्रवात में बदल जाएगा. इसके साथ ही उत्तरी केरल में चक्रवात के प्रभाव की संभावना है.

मौसम विभाग के मुताबिक 17 मई को दक्षिण कोंकण और गोवा में भारी बारिश की संभावना है. सौराष्ट्र और कच्छ में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है, जबकि जूनागढ़ और गिर, सोमनाथ जिलों के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक बारिश हो सकती है. अगले दिन, सौराष्ट्र और कच्छ में भारी वर्षा हो सकती है और पोरबंदर, द्वारका, जामनगर और कच्छ जिलों के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक वर्षा हो सकती है.

पढ़ें :- 'तौक्ताई' से केरल में बाढ़ की आशंका, पांच जिलों में रेड अलर्ट

इसके अलावा, मोरबी, कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों के तटीय क्षेत्रों में 2-3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं. वहीं पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर में तटीय क्षेत्रों में 1-2 मीटर ऊंती लहरें उठती दिखाई दे सकती हैं.

आईएमडी ने मछुआरों को दक्षिण-पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप, जिसमें मालदीव क्षेत्र, पूर्वी मध्य अरब सागर के साथ-साथ कर्नाटक तट, पूर्वी मध्य अरब सागर और महाराष्ट्र, गोवा तटों और पूर्व-मध्य के साथ ही आस-पास के पूर्वोत्तर अरब में जाने से मना किया है. वहीं जो लोग उत्तरी अरब सागर में समुद्र में हैं, उन्हें तट पर लौटने की सलाह दी गई है.

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