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Cyclone Jawad : पीएम मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक में की तैयारियों की समीक्षा - आंध्र प्रदेश ओडिशा में चक्रवात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात जवाद (Cyclone Jawad) के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें ओडिशा, बंगाल और आंध्र प्रदेश में चक्रवात के असर को लेकर तैयारियों की समीक्षा की गई. मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात जवाद चार दिसंबर की सुबह आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट से टकरा सकता है.

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नरेंद्र मोदी साइक्लोन समीक्षा बैठक
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Published : Dec 2, 2021, 1:35 PM IST

Updated : Dec 2, 2021, 2:07 PM IST

नई दिल्ली : बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात जवाद (Cyclone Jawad) के ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में असर की आशंका के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में ओडिशा और आंध्र प्रदेश में चक्रवात के कारण पैदा हुए हालात की समीक्षा की गई. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनडीआरएफ डीजी, कैबिनेट सचिव राजीव कुमार गौबा समेत मौसम विभाग के कई अधिकारी भी शामिल हुए.

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ओडिशा और आंध्र में चक्रवात : पीएम मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक में की समीक्षा

इससे पहले, बुधवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की थी. उन्होंने विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को 'किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान से बचने और संपत्ति, बुनियादी ढांचे और फसलों को कम से कम नुकसान पहुंचने देने' का निर्देश दिया था.

कैबिनेट सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया है कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए कि मछुआरों और समुद्र में सभी नौकाओं को तुरंत वापस बुला लिया जाए और चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकाला जाए.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक कम दबाव वाले क्षेत्र के तीन दिसंबर तक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. इस चक्रवात का नाम जवाद (Cyclone Jawad) दिया गया है. इसका असर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हो सकता है.

मौसम विभाग के मुताबिक, चार दिसंबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे से 100 किलोमीटर प्रति घंटे के साथ होगी, साथ ही भारी वर्षा होने की भी आशंका है.

बयान में कहा गया है, 'चक्रवाती तूफान के आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम और ओडिशा के तटीय जिलों को प्रभावित करने की आशंका है. इसके साथ ही तटीय क्षेत्रों और पश्चिम बंगाल के भागों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है.'

यह भी पढ़ें- गुजरात : समुद्र में नौका डूबने से कई मछुआरे लापता, बचाव अभियान जारी

बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इन राज्यों में 32 टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा जा रहा है. थल सेना और नौसेना के बचाव दल जहाजों और विमानों के साथ जरूरत पड़ने पर तैनाती के लिए तैयार हैं.

मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान के कारण ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी और अति भारी बारिश होने का अनुमान है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिलों और आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटवर्ती क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात जवाद (Cyclone Jawad) के ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में असर की आशंका के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में ओडिशा और आंध्र प्रदेश में चक्रवात के कारण पैदा हुए हालात की समीक्षा की गई. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनडीआरएफ डीजी, कैबिनेट सचिव राजीव कुमार गौबा समेत मौसम विभाग के कई अधिकारी भी शामिल हुए.

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ओडिशा और आंध्र में चक्रवात : पीएम मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक में की समीक्षा

इससे पहले, बुधवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की थी. उन्होंने विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को 'किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान से बचने और संपत्ति, बुनियादी ढांचे और फसलों को कम से कम नुकसान पहुंचने देने' का निर्देश दिया था.

कैबिनेट सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया है कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए कि मछुआरों और समुद्र में सभी नौकाओं को तुरंत वापस बुला लिया जाए और चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकाला जाए.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक कम दबाव वाले क्षेत्र के तीन दिसंबर तक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. इस चक्रवात का नाम जवाद (Cyclone Jawad) दिया गया है. इसका असर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हो सकता है.

मौसम विभाग के मुताबिक, चार दिसंबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे से 100 किलोमीटर प्रति घंटे के साथ होगी, साथ ही भारी वर्षा होने की भी आशंका है.

बयान में कहा गया है, 'चक्रवाती तूफान के आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम और ओडिशा के तटीय जिलों को प्रभावित करने की आशंका है. इसके साथ ही तटीय क्षेत्रों और पश्चिम बंगाल के भागों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है.'

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बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इन राज्यों में 32 टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा जा रहा है. थल सेना और नौसेना के बचाव दल जहाजों और विमानों के साथ जरूरत पड़ने पर तैनाती के लिए तैयार हैं.

मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान के कारण ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी और अति भारी बारिश होने का अनुमान है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिलों और आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटवर्ती क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Dec 2, 2021, 2:07 PM IST
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