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Cyclone Biparjoy : बिपरजॉय हुआ विकराल, पांच की मौत, 20 हजार लोगों को किया गया रेस्क्यू

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का असर कई राज्यों पर दिख रहा है. इसका प्रभाव गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और गोवा तक पहुंच चुका है. अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है. तूफान से निपटने के लिए कैसी तैयारी है, इसका जायजा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया. गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों और राज्यों के मंत्रियों के साथ अलग बैठक की. एनडीआरएफ की टीम पूरी तरह से मुस्तैद है. पीएम ने केंद्र सरकार की ओर से सभी तरह की मदद देने का आश्वासन दिया है.

6 houses collapsed in Gir Somnath
गिर सोमनाथ में 6 घर गिरे
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Published : Jun 13, 2023, 4:50 PM IST

Updated : Jun 13, 2023, 11:04 PM IST

गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका के माढवाड गांव में भारी बारिश से छह घर गिर गए
द्वारका में इंडियन कोस्ट गार्ड ने रेस्क्यू कर 50 लोगों को बचाया.
एक रिपोर्ट

अहमदाबाद/नई दिल्ली/मुंबई : चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए गुजरात सरकार ने एक विशेष बैठक की. इसमें मुख्य सचिव ने तटीय जिले के कलेक्टरों से बात की. इस दौरान जरूरी निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया गया है. वहीं मौसम विभाग ने चक्रवाती हवाओं के साथ क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना जताई है. इस वजह से प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में मौसम में बदलाव देखा गया है. वहीं जूनागढ़ इलाके में भी मानसून की स्थिति देखी गई, जबकि वेरावल और सूत्रपाड़ा में भारी बारिश के कारण जगह-जगह जल जमाव की स्थिति पैदा हो गई. पांच इंच बारिश होने से निचले इलाकों में पानी भर गया है. दूसरी तरफ गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका के माढवाड गांव में कल रात भारी बारिश और विशाल समुद्री लहरों के कारण छह घर ढह गए. घरों में रहने वाले सभी लोगों को मंदिर, प्राथमिक विद्यालय और सामुदायिक वाडी में आश्रय दिया गया है. वहीं द्वारका के समुद्र में स्थित ऑयल रिंग में काम कर रहे 50 लोगों को इंडियन कोस्ट गार्ड ने रेस्क्यू कर बचाया है. इससे पहले कल द्वारका और ओखा के बीच समुद्र में एक ऑयल रिंग में फंसे एक निजी कंपनी के 11 कर्मचारियों को भारतीय तटरक्षक के हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया गया था. गुजरात सरकार ने 21,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को मौके पर तैनात कर दिया गया है. साथ ही सौराष्ट्र और कच्छ जाने वाली करीब 90 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. गुजरात एसटी निगम द्वारा आज 350 बसों को रद्द कर दिया गया है.

  • Cyclone Biparjoy | More than 20,000 people from the affected districts evacuated so far. Migration of 500 people in Junagadh district, 6,786 in Kutch, 1,500 in Jamnagar, 543 people in Porbandar, 4,820 in Dwarka, 408 in Gir-Somnath, 2,000 people in Morbi and 4,031 in Rajkot:…

    — ANI (@ANI) June 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चक्रवात की वजह से भुज, अंजार, भचाऊ, मांडवी, रापर और जामनगर में बारिश हुई. बारिश के साथ गांधीधाम और नलिया में जीरो विजिबिलिटी देखी गई. बता दें कि मौसम विभाग ने 15 और 16 जून को कच्छ, द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी में बेहद भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. हालांकि गुजरात राज्य मौसम विभाग ने तूफान की स्थिति को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट की घोषणा की है. मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय अरब सागर में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ सकता है. मंगलवार दोपहर को, यह पोरबंदर से 300 किमी, द्वारका से 290 किमी, जाखौ बंदरगाह से 340 किमी, नलिया से 340 किमी और कराची, पाकिस्तान से 480 किमी दूर केंद्रित देखा गया था. हालांकि, तेज गति के कारण यह तेजी से आगे बढ़ रहा है.

बिपरजॉय की वजह से दोपहर के दौरान हवा की गति 135 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई. वही बिपरजॉय की वजह से कच्छ और सौराष्ट्र के तट पर हल्की से भारी बारिश हो सकती है. जबकि कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. साथ ही 15 जून तक इस सिस्टम से भारी बारिश हो सकती है.

बिपरजॉय को देखते हुए मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी तटीय जिलों के कलेक्टरों के साथ स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान जिले के प्रभारी मंत्री एवं विशेष प्रभार वाले मंत्री भी मौजूद रहे. बिपरजॉय के कारण ओखा, जाखौ, मांडवी, मुंद्रा, कांडला, नवलखी, सिक्का और बेदीबंदर को खतरे के संकेत में रखा गया है. साथ ही राज्य सरकार के केंद्र सरकार के अनुरोध पर एनडीआरएफ की चार टीमों को महाराष्ट्र की राजधानी पुणे से और दो टीमों को जयपुर से बुलाया गया था. यानी राज्य के बाहर से कुल छह अतिरिक्त टीमों को बुलाया गया है. वडोदरा में कुल 13 टीमें इकट्ठी हुईं. इसके अलावा छह अन्य दस्तों को स्टैंड बाई रखा गया है.

बिपरजॉय 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कच्छ से गुजरेगा और राजस्थान राज्य में प्रवेश करेगा, जिससे भारी से बहुत भारी बारिश की पूरी संभावना है. मंगलवार को मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 12 तालुकों में बारिश हुई. इससे देखा गया कि सौराष्ट्र में मानसून सक्रिय हो गया है.

  • #WATCH 15 जून की शाम के आसपास यह चक्रवात सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के तटीय इलाके को पार करेगा। उस समय इसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा रहेगी, इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। 14 और 15 जून को भारी बारिश होगी: चक्रवात बिपरजोय पर डॉ मृत्युंजय महापात्र, महानिदेशक, IMD, दिल्ली pic.twitter.com/Ra8w8hFOK1

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भुज में दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत- भुज में दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई है. इनमें एक छह साल की लड़की और चार साल का लड़का शामिल है. इसके अलावा राजकोट जिले के जसदण तालुका में अपने पति के साथ जा रही हर्षबेन बावलिया की पेड़ गिरने से मौत हो गई. भारी बारिश के कारण कई पेड़ जड़ से उखड़ गए. बारिश की वजह से सौराष्ट्र कच्छ के आठ जिलों में कुल 6827 लोगों को सलामल स्थान पर स्थानांतरित किया गया है. जबकि बिजली विभाग की कुल 577 टीमों को स्टैंड बाई पर रखा गया है. फीडरों पर विशेष नजर रखी जा रही है.

चक्रवात बिपारजॉय गुजरात के कच्छ में जखौ बंदरगाह से तेजी से गुजरात की ओर बढ़ रहा है. इस वजह से यहां से 7 हजार लोगों को शिफ्ट किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को केंद्रीय अधिकारियों, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मुख्य सचिव राजकुमार के साथ साइक्लोन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात की थी.

सेना का दस्ता भी तैयार- इतना ही नहीं एनडीआरएफ ही नहीं सेना की टुकड़ी को भी स्टैंड बाई पर रखा गया है जामनगर से सेना की विशेष मदद ली जा सकती है. सेना के साथ ही तटरक्षक एजेंसी को भी विशेष आदेश दिए गए हैं. स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में एसटी विभाग का कामकाज भी रोक दिया गया है.

गिर सोमनाथ में 6 घर गिरे - चक्रवात बिपरजॉय की वजह से गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका के माढवाड गांव में कल रात भारी और विशाल समुद्री लहरों के कारण छह घर ढह गए. घरों में रहने वाले सभी लोगों को मंदिर, प्राथमिक विद्यालय और सामुदायिक वाडी में आश्रय दिया गया. माढवाड गांव मछुआरा समुदाय का गांव है. गांव ठीक तट पर स्थित है, इसलिए सामान्य मानसून के दिनों में भी समुद्र का पानी यहां लोगों के घरों में घुस जाता है. चक्रवात जैसी स्थिति में सरकारी सहायता को लेकर गांव के लोग सरकार और व्यवस्था के खिलाफ रोष व्यक्त कर रहे हैं. यहां के लोग वर्षों से वे मांग कर रहे हैं कि सरकार उन्हें तटीय क्षेत्र से स्थायी रूप से अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करे, लेकिन अभी तक कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों में अब सरकार व व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश है. माढवाड गांव में हुए नुकसान का जायजा लेने तालुका विकास अधिकारी वाई.एम. रावल गांव पहुंचे. उन्होंने कहा कि समुद्र की लहरों के कारण छह घर ढह गए हैं. इसके अलावा तटीय क्षेत्रों में अभी भी 100 से अधिक घर हैं. अगर इन घरों में रहने वाले लोगों को निकालने की स्थिति बनी तो माढवाड गांव से करीब 1500 से 2000 लोगों को शिफ्ट करना पड़ेगा. फिलहाल जिन लोगों के घर समुद्र की लहरों के कारण ढह गई हैं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.

  • प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा (बिपरजोय) से निपटने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं। आपदा प्रबंधन के सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। बचाव, राहत और पुनर्वास व्यवस्था सुनिश्चित की है। मैं सभी से अपील करता हूं कि समय-समय पर राज्य… pic.twitter.com/4F8aFDttCi

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गुजरात के भुज में तैयारी संबंधी कदमों की समीक्षा की

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को भुज में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश गणेशभाई के साथ मिलकर चक्रवात बिपरजॉय के मद्देनजर केंद्र और राज्य प्रशासन द्वारा तैयारी के सिलसिले में उठाये गये कदमों की समीक्षा की. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय गुजरात समेत पश्चिमी तट के सभी राज्यों के अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के निरंतर संपर्क में है और उन्हें चक्रवात के सिलसिले में तैयारी हेतु जरूरी सहयोग देने का निर्देश दिया गया है. वैसे अबतक सहयोग का कोई अनुरोध मंत्रालय को नहीं प्राप्त हुआ है.

  • #WATCH गुजरात: केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कच्छ में चक्रवाती तूफान बिपरजोय की तैयारियों का जायजा लेने के लिए कांडला पोर्ट का दौरा किया। pic.twitter.com/EtEbtuvqqA

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राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी), सफदरजंग अस्पताल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली, एम्स जोधपुर, और एम्स नागपुर के बहु-विषयक छह त्वरित कार्रवाई चिकित्सक दल आपात चिकित्सा देखभाल प्रदान करने की जरूरत की स्थिति के लिए तैयार रखे गए हैं. बयान के अनुसार बेंगलुरु के निमहैंस की कई टीम को भी प्रभावित लोगों को मनोचिकित्सा प्रदान करने के लिए तैयार रखा गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सभी राज्यों में समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम को राज्य एवं जिला निगरानी इकाइयों के मार्फत आपदा के बाद निगरानी/सर्वेक्षण का जिम्मा सौंपा गया है ताकि चक्रवात के बाद किसी भी संभावित महामारी का समय रहते पता लगा लिया जाए. उसने कहा कि राज्यों को किसी भी तरह के चिकित्सकीय उपकरणों की जरूरत की स्थिति के लिए एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड को उसकी आपूर्ति का जिम्मा सौंपा गया है. बयान के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार चक्रवात पर नजर रख रहा है और किसी भी आकस्मिक स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी कदम उठा रहा है.

  • #WATCH बिपरजोय के मद्देनजर द्वारका जिला प्रशासन ने समंदर के तट पर बसे 38 और आस-पास के 44 गांव के निचले इलाकों पर रहने वाले 4 हजार परिवारों को स्थानांतरित किया है। 138 महिलाओं की 20 तारीख से पहले डिलीवरी होनी है उन्हें उनके परिजन के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है: गुजरात के… pic.twitter.com/KDz9O4pn7l

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पुलिस ने 102 वर्षीय दिव्यांग महिला को शेल्टर में शिफ्ट किया

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के मद्देनजर प्रशासन तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए अलग-अलग शेल्टर होम में आश्रय उपलब्ध करा रहा है. इसी क्रम में दरिया कांठा क्षेत्र के गांवों और कंडला बंदरगाह पर काम करने वाले लोगों को किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने के विशेष निर्देश दिए गए हैं. इसलिए उन्हें बस से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. पलायन की प्रक्रिया के दौरान कंडला में पुलिस में 102 वर्षीय दिव्यांग महिला व उसके 65 वर्षीय बेटे को शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया.

कच्छ जिले में सभी शिक्षण संस्थान तीन दिन के लिए बंद

कच्छ के तटीय इलाकों से 8000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, बचाव कार्यों के लिए जिले में अब तक एनडीआरएफ की 4 और एसडीआरएफ की 2 टीमों को तैनात किया गया है. कच्छ के 18 मछली पकड़ने के केंद्रों पर 1900 नावों को मजबूती से बांध दिया गया है, जखौ बंदरगाह पर 70 बड़ी सौर नौकाओं की सुरक्षा तेज कर दी गई है. जखौ बंदरगाह पर समुद्री धाराएं देखी जा रही हैं और तूफानी लहरें भी देखी जा रही हैं. निकट भविष्य में जखौ बंदरगाह पर हवा की गति 130 से 150 किमी प्रति घंटा हो सकती है, भारी से बहुत भारी बारिश भी हो सकती है. इसी के मद्देनजर जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं में 13 से 15 जून तक छुटी घोषित कर दी गई है. वहीं कच्छ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कोटेश्वर, नारायण सरोवर और स्मृतिवन भूकंप संग्रहालय और स्मारक को 3 दिन के लिए बंद कर दिया गया है. कच्छ रूट की सभी ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. चक्रवात आपात स्थिति के कारण जिला कलेक्टर ने सुरक्षा कारणों से कच्छ जिले में खनन कार्यों पर रोक लगा दी है, इसलिए खनन कार्य 15 जून तक बंद रहेंगे.

  • #WATCH गुजरात: द्वारका के गोमती घाट पर चक्रवात 'बिपरजोय' का प्रभाव देखने को मिल रहा है। ज्वार की लहरें समुद्र में ऊंची उठ रही हैं। pic.twitter.com/uZuPweyELU

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'महाराष्ट्र में बिपरजॉय से तट के लिए कोई खतरा नहीं'

मुंबई क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख सुनील कांबले ने बताया कि हालांकि समुद्र अशांत है लेकिन महाराष्ट्र के तट के लिए कोई खतरा नहीं है. बिपरजॉय चक्रवात के कारण प्रति घंटा हवा की गति बहुत अधिक है और दो दिनों में यह तूफान लौटेगा. उन्होंने कहा कि चक्रवात के कारण सुरक्षा उपाय के तौर पर मौसम विभाग ने मछुआरों के समुद्र में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात की ओर बढ़ गया है. सौराष्ट्र होते हुए यह पाकिस्तान के कराची पहुंचेगा. भारतीय मौसम विभाग ने इस संदर्भ में तटीय इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. महाराष्ट्र सरकार ने भी एहतियात के तौर पर मछुआरों के समुद्र में जाने पर रोक लगा दी है. वहीं समुद्र तटों पर एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है. पुलिस की ओर से हिदायत दी जा रही है कि कोई भी व्यक्ति समुद्र में न जाए.

चक्रवात बिपरजॉय अब और नहीं डालेगा मानसून पर असर: आईएमडी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय मानसून के प्रवाह से पूरी तरह अलग हो चुका है और वह वर्षा करने वाली इस प्रणाली या उसके प्रदर्शन पर कोई बुरा असर नहीं डालेगा. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने नई दिल्ली में मीडिया से बात करते कहा कि चक्रवात ने अरब सागर के ऊपर भमध्यरेखा के पार प्रवाह बढ़ाकर मानसून को प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में आगे बढ़ने में मदद पहुंचायी है. उन्होंने कहा, 'अब यह मानूसन प्रवाह से बिल्कुल अलग हो गया है . हमें मानसून के आगे बढ़ने या उसके प्रदर्शन पर चक्रवात द्वारा बड़े पैमाने पर असर डालने की उम्मीद नहीं है.' वैज्ञानिकों ने पहले कहा था कि चक्रवात ने नमी एवं संवहन खींच लिया है तथा मानसून की तीव्रता पर असर डाला है एवं केरल में मानसूनी वर्षा में देरी हुई है. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा था कि प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों से मानसून चक्रवात के बीत जाने के बाद ही आगे बढ़ेगा. मानसून अपने सामान्य निर्धारित समय से करीब एक सप्ताह बाद आठ जून को भारत में केरल पहुंचा था. अनुसंधान से पता चलता है कि केरल पर मानसून के फैलने में देरी के कारण जरूरी नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में भी मानसून में देरी हो.

शाह ने गुजरात सरकार से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को कहा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात सरकार से कहा कि वह चक्रवात बिपरजॉय की तैयारियों के तहत संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था करे और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करे. चक्रवात की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोजित एक ऑनलाइन बैठक में शाह ने यह बात कही. बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, दो केंद्रीय मंत्रियों, गुजरात के कई मंत्रियों और सांसदों, विधायकों और उन आठ जिलों के अधिकारियों ने भाग लिया, जिनके चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है.

  • #WATCH गुजरात: ड्रोन वीडियो कच्छ के कांडला पोर्ट से है जहां चक्रवाती तूफान बिपरजोय को लेकर तैयारियां की गई हैं।#BiparjoyCyclone pic.twitter.com/1CbtosVZtM

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उन्होंने कहा कि तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि किसी तरह की क्षति होने पर इन सेवाओं को तुरंत बहाल किया जा सके. शाह ने सभी संबंधित अधिकारियों को मोबाइल और लैंडलाइन संपर्क सुनिश्चित करने और सभी अस्पतालों में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया. गृह मंत्री ने कहा कि चक्रवात के कारण 8-10 इंच बारिश होने का अनुमान है, जिससे कच्छ और सौराष्ट्र में बाढ़ आ सकती है. उन्होंने अधिकारियों से सोमनाथ और द्वारका मंदिरों के आसपास जरूरी व्यवस्था करने को कहा. उन्होंने कहा कि मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और जो समुद्र में हैं उन्हें वापस सुरक्षित स्थान पर बुला लिया गया है. अब तक कुल 21,595 नाव, 27 जहाज और 24 बड़े जहाजों तैयार रखे गये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि निकासी के उद्देश्य से संवेदनशील गांवों की एक सूची तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि तूफान से संभावित प्रभावित क्षेत्रों में 450 अस्पतालों को चिन्हित किया गया है और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है. बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में आश्रय स्थलों की भी व्यवस्था की गई है और 597 दलों को तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 18 दलों और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12 दलों को तैनात किया गया है.

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(इनपुट-एजेंसी)

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द्वारका में इंडियन कोस्ट गार्ड ने रेस्क्यू कर 50 लोगों को बचाया.
एक रिपोर्ट

अहमदाबाद/नई दिल्ली/मुंबई : चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए गुजरात सरकार ने एक विशेष बैठक की. इसमें मुख्य सचिव ने तटीय जिले के कलेक्टरों से बात की. इस दौरान जरूरी निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया गया है. वहीं मौसम विभाग ने चक्रवाती हवाओं के साथ क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना जताई है. इस वजह से प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में मौसम में बदलाव देखा गया है. वहीं जूनागढ़ इलाके में भी मानसून की स्थिति देखी गई, जबकि वेरावल और सूत्रपाड़ा में भारी बारिश के कारण जगह-जगह जल जमाव की स्थिति पैदा हो गई. पांच इंच बारिश होने से निचले इलाकों में पानी भर गया है. दूसरी तरफ गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका के माढवाड गांव में कल रात भारी बारिश और विशाल समुद्री लहरों के कारण छह घर ढह गए. घरों में रहने वाले सभी लोगों को मंदिर, प्राथमिक विद्यालय और सामुदायिक वाडी में आश्रय दिया गया है. वहीं द्वारका के समुद्र में स्थित ऑयल रिंग में काम कर रहे 50 लोगों को इंडियन कोस्ट गार्ड ने रेस्क्यू कर बचाया है. इससे पहले कल द्वारका और ओखा के बीच समुद्र में एक ऑयल रिंग में फंसे एक निजी कंपनी के 11 कर्मचारियों को भारतीय तटरक्षक के हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया गया था. गुजरात सरकार ने 21,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को मौके पर तैनात कर दिया गया है. साथ ही सौराष्ट्र और कच्छ जाने वाली करीब 90 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. गुजरात एसटी निगम द्वारा आज 350 बसों को रद्द कर दिया गया है.

  • Cyclone Biparjoy | More than 20,000 people from the affected districts evacuated so far. Migration of 500 people in Junagadh district, 6,786 in Kutch, 1,500 in Jamnagar, 543 people in Porbandar, 4,820 in Dwarka, 408 in Gir-Somnath, 2,000 people in Morbi and 4,031 in Rajkot:…

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चक्रवात की वजह से भुज, अंजार, भचाऊ, मांडवी, रापर और जामनगर में बारिश हुई. बारिश के साथ गांधीधाम और नलिया में जीरो विजिबिलिटी देखी गई. बता दें कि मौसम विभाग ने 15 और 16 जून को कच्छ, द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी में बेहद भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. हालांकि गुजरात राज्य मौसम विभाग ने तूफान की स्थिति को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट की घोषणा की है. मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय अरब सागर में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ सकता है. मंगलवार दोपहर को, यह पोरबंदर से 300 किमी, द्वारका से 290 किमी, जाखौ बंदरगाह से 340 किमी, नलिया से 340 किमी और कराची, पाकिस्तान से 480 किमी दूर केंद्रित देखा गया था. हालांकि, तेज गति के कारण यह तेजी से आगे बढ़ रहा है.

बिपरजॉय की वजह से दोपहर के दौरान हवा की गति 135 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई. वही बिपरजॉय की वजह से कच्छ और सौराष्ट्र के तट पर हल्की से भारी बारिश हो सकती है. जबकि कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. साथ ही 15 जून तक इस सिस्टम से भारी बारिश हो सकती है.

बिपरजॉय को देखते हुए मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी तटीय जिलों के कलेक्टरों के साथ स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान जिले के प्रभारी मंत्री एवं विशेष प्रभार वाले मंत्री भी मौजूद रहे. बिपरजॉय के कारण ओखा, जाखौ, मांडवी, मुंद्रा, कांडला, नवलखी, सिक्का और बेदीबंदर को खतरे के संकेत में रखा गया है. साथ ही राज्य सरकार के केंद्र सरकार के अनुरोध पर एनडीआरएफ की चार टीमों को महाराष्ट्र की राजधानी पुणे से और दो टीमों को जयपुर से बुलाया गया था. यानी राज्य के बाहर से कुल छह अतिरिक्त टीमों को बुलाया गया है. वडोदरा में कुल 13 टीमें इकट्ठी हुईं. इसके अलावा छह अन्य दस्तों को स्टैंड बाई रखा गया है.

बिपरजॉय 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कच्छ से गुजरेगा और राजस्थान राज्य में प्रवेश करेगा, जिससे भारी से बहुत भारी बारिश की पूरी संभावना है. मंगलवार को मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 12 तालुकों में बारिश हुई. इससे देखा गया कि सौराष्ट्र में मानसून सक्रिय हो गया है.

  • #WATCH 15 जून की शाम के आसपास यह चक्रवात सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के तटीय इलाके को पार करेगा। उस समय इसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा रहेगी, इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। 14 और 15 जून को भारी बारिश होगी: चक्रवात बिपरजोय पर डॉ मृत्युंजय महापात्र, महानिदेशक, IMD, दिल्ली pic.twitter.com/Ra8w8hFOK1

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भुज में दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत- भुज में दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई है. इनमें एक छह साल की लड़की और चार साल का लड़का शामिल है. इसके अलावा राजकोट जिले के जसदण तालुका में अपने पति के साथ जा रही हर्षबेन बावलिया की पेड़ गिरने से मौत हो गई. भारी बारिश के कारण कई पेड़ जड़ से उखड़ गए. बारिश की वजह से सौराष्ट्र कच्छ के आठ जिलों में कुल 6827 लोगों को सलामल स्थान पर स्थानांतरित किया गया है. जबकि बिजली विभाग की कुल 577 टीमों को स्टैंड बाई पर रखा गया है. फीडरों पर विशेष नजर रखी जा रही है.

चक्रवात बिपारजॉय गुजरात के कच्छ में जखौ बंदरगाह से तेजी से गुजरात की ओर बढ़ रहा है. इस वजह से यहां से 7 हजार लोगों को शिफ्ट किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को केंद्रीय अधिकारियों, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मुख्य सचिव राजकुमार के साथ साइक्लोन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात की थी.

सेना का दस्ता भी तैयार- इतना ही नहीं एनडीआरएफ ही नहीं सेना की टुकड़ी को भी स्टैंड बाई पर रखा गया है जामनगर से सेना की विशेष मदद ली जा सकती है. सेना के साथ ही तटरक्षक एजेंसी को भी विशेष आदेश दिए गए हैं. स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में एसटी विभाग का कामकाज भी रोक दिया गया है.

गिर सोमनाथ में 6 घर गिरे - चक्रवात बिपरजॉय की वजह से गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका के माढवाड गांव में कल रात भारी और विशाल समुद्री लहरों के कारण छह घर ढह गए. घरों में रहने वाले सभी लोगों को मंदिर, प्राथमिक विद्यालय और सामुदायिक वाडी में आश्रय दिया गया. माढवाड गांव मछुआरा समुदाय का गांव है. गांव ठीक तट पर स्थित है, इसलिए सामान्य मानसून के दिनों में भी समुद्र का पानी यहां लोगों के घरों में घुस जाता है. चक्रवात जैसी स्थिति में सरकारी सहायता को लेकर गांव के लोग सरकार और व्यवस्था के खिलाफ रोष व्यक्त कर रहे हैं. यहां के लोग वर्षों से वे मांग कर रहे हैं कि सरकार उन्हें तटीय क्षेत्र से स्थायी रूप से अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करे, लेकिन अभी तक कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों में अब सरकार व व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश है. माढवाड गांव में हुए नुकसान का जायजा लेने तालुका विकास अधिकारी वाई.एम. रावल गांव पहुंचे. उन्होंने कहा कि समुद्र की लहरों के कारण छह घर ढह गए हैं. इसके अलावा तटीय क्षेत्रों में अभी भी 100 से अधिक घर हैं. अगर इन घरों में रहने वाले लोगों को निकालने की स्थिति बनी तो माढवाड गांव से करीब 1500 से 2000 लोगों को शिफ्ट करना पड़ेगा. फिलहाल जिन लोगों के घर समुद्र की लहरों के कारण ढह गई हैं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.

  • प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा (बिपरजोय) से निपटने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं। आपदा प्रबंधन के सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। बचाव, राहत और पुनर्वास व्यवस्था सुनिश्चित की है। मैं सभी से अपील करता हूं कि समय-समय पर राज्य… pic.twitter.com/4F8aFDttCi

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गुजरात के भुज में तैयारी संबंधी कदमों की समीक्षा की

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को भुज में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश गणेशभाई के साथ मिलकर चक्रवात बिपरजॉय के मद्देनजर केंद्र और राज्य प्रशासन द्वारा तैयारी के सिलसिले में उठाये गये कदमों की समीक्षा की. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय गुजरात समेत पश्चिमी तट के सभी राज्यों के अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के निरंतर संपर्क में है और उन्हें चक्रवात के सिलसिले में तैयारी हेतु जरूरी सहयोग देने का निर्देश दिया गया है. वैसे अबतक सहयोग का कोई अनुरोध मंत्रालय को नहीं प्राप्त हुआ है.

  • #WATCH गुजरात: केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कच्छ में चक्रवाती तूफान बिपरजोय की तैयारियों का जायजा लेने के लिए कांडला पोर्ट का दौरा किया। pic.twitter.com/EtEbtuvqqA

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राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी), सफदरजंग अस्पताल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली, एम्स जोधपुर, और एम्स नागपुर के बहु-विषयक छह त्वरित कार्रवाई चिकित्सक दल आपात चिकित्सा देखभाल प्रदान करने की जरूरत की स्थिति के लिए तैयार रखे गए हैं. बयान के अनुसार बेंगलुरु के निमहैंस की कई टीम को भी प्रभावित लोगों को मनोचिकित्सा प्रदान करने के लिए तैयार रखा गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सभी राज्यों में समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम को राज्य एवं जिला निगरानी इकाइयों के मार्फत आपदा के बाद निगरानी/सर्वेक्षण का जिम्मा सौंपा गया है ताकि चक्रवात के बाद किसी भी संभावित महामारी का समय रहते पता लगा लिया जाए. उसने कहा कि राज्यों को किसी भी तरह के चिकित्सकीय उपकरणों की जरूरत की स्थिति के लिए एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड को उसकी आपूर्ति का जिम्मा सौंपा गया है. बयान के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार चक्रवात पर नजर रख रहा है और किसी भी आकस्मिक स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी कदम उठा रहा है.

  • #WATCH बिपरजोय के मद्देनजर द्वारका जिला प्रशासन ने समंदर के तट पर बसे 38 और आस-पास के 44 गांव के निचले इलाकों पर रहने वाले 4 हजार परिवारों को स्थानांतरित किया है। 138 महिलाओं की 20 तारीख से पहले डिलीवरी होनी है उन्हें उनके परिजन के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है: गुजरात के… pic.twitter.com/KDz9O4pn7l

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पुलिस ने 102 वर्षीय दिव्यांग महिला को शेल्टर में शिफ्ट किया

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के मद्देनजर प्रशासन तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए अलग-अलग शेल्टर होम में आश्रय उपलब्ध करा रहा है. इसी क्रम में दरिया कांठा क्षेत्र के गांवों और कंडला बंदरगाह पर काम करने वाले लोगों को किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने के विशेष निर्देश दिए गए हैं. इसलिए उन्हें बस से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. पलायन की प्रक्रिया के दौरान कंडला में पुलिस में 102 वर्षीय दिव्यांग महिला व उसके 65 वर्षीय बेटे को शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया.

कच्छ जिले में सभी शिक्षण संस्थान तीन दिन के लिए बंद

कच्छ के तटीय इलाकों से 8000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, बचाव कार्यों के लिए जिले में अब तक एनडीआरएफ की 4 और एसडीआरएफ की 2 टीमों को तैनात किया गया है. कच्छ के 18 मछली पकड़ने के केंद्रों पर 1900 नावों को मजबूती से बांध दिया गया है, जखौ बंदरगाह पर 70 बड़ी सौर नौकाओं की सुरक्षा तेज कर दी गई है. जखौ बंदरगाह पर समुद्री धाराएं देखी जा रही हैं और तूफानी लहरें भी देखी जा रही हैं. निकट भविष्य में जखौ बंदरगाह पर हवा की गति 130 से 150 किमी प्रति घंटा हो सकती है, भारी से बहुत भारी बारिश भी हो सकती है. इसी के मद्देनजर जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं में 13 से 15 जून तक छुटी घोषित कर दी गई है. वहीं कच्छ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कोटेश्वर, नारायण सरोवर और स्मृतिवन भूकंप संग्रहालय और स्मारक को 3 दिन के लिए बंद कर दिया गया है. कच्छ रूट की सभी ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. चक्रवात आपात स्थिति के कारण जिला कलेक्टर ने सुरक्षा कारणों से कच्छ जिले में खनन कार्यों पर रोक लगा दी है, इसलिए खनन कार्य 15 जून तक बंद रहेंगे.

  • #WATCH गुजरात: द्वारका के गोमती घाट पर चक्रवात 'बिपरजोय' का प्रभाव देखने को मिल रहा है। ज्वार की लहरें समुद्र में ऊंची उठ रही हैं। pic.twitter.com/uZuPweyELU

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'महाराष्ट्र में बिपरजॉय से तट के लिए कोई खतरा नहीं'

मुंबई क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख सुनील कांबले ने बताया कि हालांकि समुद्र अशांत है लेकिन महाराष्ट्र के तट के लिए कोई खतरा नहीं है. बिपरजॉय चक्रवात के कारण प्रति घंटा हवा की गति बहुत अधिक है और दो दिनों में यह तूफान लौटेगा. उन्होंने कहा कि चक्रवात के कारण सुरक्षा उपाय के तौर पर मौसम विभाग ने मछुआरों के समुद्र में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात की ओर बढ़ गया है. सौराष्ट्र होते हुए यह पाकिस्तान के कराची पहुंचेगा. भारतीय मौसम विभाग ने इस संदर्भ में तटीय इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. महाराष्ट्र सरकार ने भी एहतियात के तौर पर मछुआरों के समुद्र में जाने पर रोक लगा दी है. वहीं समुद्र तटों पर एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है. पुलिस की ओर से हिदायत दी जा रही है कि कोई भी व्यक्ति समुद्र में न जाए.

चक्रवात बिपरजॉय अब और नहीं डालेगा मानसून पर असर: आईएमडी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय मानसून के प्रवाह से पूरी तरह अलग हो चुका है और वह वर्षा करने वाली इस प्रणाली या उसके प्रदर्शन पर कोई बुरा असर नहीं डालेगा. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने नई दिल्ली में मीडिया से बात करते कहा कि चक्रवात ने अरब सागर के ऊपर भमध्यरेखा के पार प्रवाह बढ़ाकर मानसून को प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में आगे बढ़ने में मदद पहुंचायी है. उन्होंने कहा, 'अब यह मानूसन प्रवाह से बिल्कुल अलग हो गया है . हमें मानसून के आगे बढ़ने या उसके प्रदर्शन पर चक्रवात द्वारा बड़े पैमाने पर असर डालने की उम्मीद नहीं है.' वैज्ञानिकों ने पहले कहा था कि चक्रवात ने नमी एवं संवहन खींच लिया है तथा मानसून की तीव्रता पर असर डाला है एवं केरल में मानसूनी वर्षा में देरी हुई है. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा था कि प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों से मानसून चक्रवात के बीत जाने के बाद ही आगे बढ़ेगा. मानसून अपने सामान्य निर्धारित समय से करीब एक सप्ताह बाद आठ जून को भारत में केरल पहुंचा था. अनुसंधान से पता चलता है कि केरल पर मानसून के फैलने में देरी के कारण जरूरी नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में भी मानसून में देरी हो.

शाह ने गुजरात सरकार से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को कहा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात सरकार से कहा कि वह चक्रवात बिपरजॉय की तैयारियों के तहत संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था करे और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करे. चक्रवात की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोजित एक ऑनलाइन बैठक में शाह ने यह बात कही. बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, दो केंद्रीय मंत्रियों, गुजरात के कई मंत्रियों और सांसदों, विधायकों और उन आठ जिलों के अधिकारियों ने भाग लिया, जिनके चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है.

  • #WATCH गुजरात: ड्रोन वीडियो कच्छ के कांडला पोर्ट से है जहां चक्रवाती तूफान बिपरजोय को लेकर तैयारियां की गई हैं।#BiparjoyCyclone pic.twitter.com/1CbtosVZtM

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उन्होंने कहा कि तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि किसी तरह की क्षति होने पर इन सेवाओं को तुरंत बहाल किया जा सके. शाह ने सभी संबंधित अधिकारियों को मोबाइल और लैंडलाइन संपर्क सुनिश्चित करने और सभी अस्पतालों में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया. गृह मंत्री ने कहा कि चक्रवात के कारण 8-10 इंच बारिश होने का अनुमान है, जिससे कच्छ और सौराष्ट्र में बाढ़ आ सकती है. उन्होंने अधिकारियों से सोमनाथ और द्वारका मंदिरों के आसपास जरूरी व्यवस्था करने को कहा. उन्होंने कहा कि मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और जो समुद्र में हैं उन्हें वापस सुरक्षित स्थान पर बुला लिया गया है. अब तक कुल 21,595 नाव, 27 जहाज और 24 बड़े जहाजों तैयार रखे गये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि निकासी के उद्देश्य से संवेदनशील गांवों की एक सूची तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि तूफान से संभावित प्रभावित क्षेत्रों में 450 अस्पतालों को चिन्हित किया गया है और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है. बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में आश्रय स्थलों की भी व्यवस्था की गई है और 597 दलों को तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 18 दलों और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12 दलों को तैनात किया गया है.

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(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Jun 13, 2023, 11:04 PM IST
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