बर्मिंघम: मौजूदा विश्व चैम्पियन मुक्केबाज निकहत जरीन, अमित पंघाल, सागर और नीतू गंघास ने शनिवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों की अपनी स्पर्धाओं के फाइनल में पहुंचकर भारत के लिये रजत पदक पक्के कर लिये जबकि जैसमीन, हुसामुद्दीन और रोहित टोकस ने सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक जीता. जैसमीन लाइटवेट (57-60 किग्रा) स्पर्धा के सेमीफाइनल में इंग्लैंड की जेमा पेज रिचर्डसन से 2-3 से हार गई. जिससे उन्होंने कांस्य पदक से संतोष किया.
रोहित को पुरुष वेल्टरवेट (63.5 किग्रा-67 किग्रा) के सेमीफाइनल में जाम्बिया के स्टिफेन जिंबा ने 3-2 के खंडित फैसले से हराया. मोहम्मद हुसामुद्दीन पुरुष फेदरवेट (57 किग्रा) को सेमीफाइनल में घाना के जोसेफ कोमे ने 4-1 के खंडित फैसले से मात दी. निकहत ने लाइट फ्लाईवेट (48-50 किग्रा) के एकतरफा सेमीफाइनल में इंग्लैंड स्टबले अलफिया सवानाह को 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से पराजित किया. 26 साल की इस मुक्केबाज ने अपना दबदबा जारी रखते हुए तीनों दौर में सर्वाधिक अंक जुटाये. वह फाइनल में उत्तरी आयरलैंड की कार्ले मैकनाॉल के सामने हाोंगी.
पढ़ें: CWG 2022: कुश्ती में रवि, विनेश और नवीन को स्वर्ण, भारत को तीन कांस्य भी
अमित पंघाल ने पुरूषों की फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन के बूते राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार फाइनल में प्रवेश किया. पिछली बार उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था जिससे इस बार वह पदक का रंग बदलना चाहेंगे. उन्होंने सेमीफाइनल में जिम्बाब्वे के पैट्रिक चिनयेम्बा को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया. सात अगस्त को फाइनल में उनका सामना इंग्लैंड के मैकडोनल्ड कियारान से होगा. पंघाल ने कहा कि मैं जानता हूं कि अगला मुकाबला मुश्किल होगा क्योंकि मेजबान मुक्केबाज के लिये ज्यादा उत्साहवर्धन होगा. लेकिन मैं ध्यान लगाये हूं. इस बार हाथ से नहीं जाने दे सकता.
हरियाणा के 22 साल के सागर ने भारतीय खिलाड़ियों के दिन के आखिरी मुकाबले में पुरूषों के सुपर हेवीवेट (+91 किग्रा) वर्ग के सेमीफाइनल में नाईजीरिया के इफीनी ओनयेकवेरे को 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराकर कम से कम रजत पदक पक्का किया. फाइनल में उनके सामने इंग्लैंड के डेलिसियस ओरी की चुनौती होगी. सबसे पहले रिंग में उतरी नीतू (45-48 किग्रा) अपने पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंच गयी. जिसमें वह इंग्लैंड के रेश्जटान डेमी जेड के सामने होंगी.
पढ़ें: CWG 2022: विनेश फोगाट ने कुश्ती में रचा इतिहास, लगातार तीसरी बार जीता गोल्ड मेडल
उन्होंने मिनिममवेट वर्ग के सेमीफाइनल में कनाडा की प्रियंका ढिल्लों को आरएससी (रैफरी द्वरा मुकाबला रोकना) से पराजित कर अपना रजत पदक पक्का किया. पदार्पण कर रही 21 साल की नीतू के चेहरे पर आत्मविश्वास साफ झलक रहा था, वह ‘ओपन गार्ड’ खेल रही थी ताकि प्रतिद्वंद्वी को मुक्के मारने के लिये उकसा सकें और वह अपने सीधे मुक्केबाजें का बखूबी इस्तेमाल कर सकें. उन्होंने लगातार ‘एक-दो’ मुक्कों से दबदबा बनाया जिससे रैफरी को मुकाबला रोकने के लिये बाध्य होना पड़ा.
वहीं 26 साल के पंघाल पर उनके आक्रामक प्रतिद्वंद्वी ने शुरू में ही मुक्कों की बरसात कर दी जिससे विश्व चैम्पियनशिप का रजत पदक मुक्केबाज शुरूआती राउंड में 2-3 से पिछड़ गया था. लेकिन तोक्यो ओलंपिक के निराशाजनक प्रदर्शन को पीछे छोड़ने की कोशिश में जुटे पंघाल ने अपने अनुभव का फायदा उठाकर अपनी मर्जी के मुताबिक ‘हुक्स और जैब्स’ लगाने के बाद प्रतिद्वंद्वी को हावी होने का मौका नहीं दिया और जजों ने भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में फैसला दिया.