जयपुर. भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान की ओर से दिसंबर में आयोजित की गई सीएस प्रोफेशनल और एग्जिक्यूटिव परीक्षा का परिणाम शनिवार को जारी किया गया. सीएस प्रोफेशनल परीक्षा में राजधानी जयपुर की रिया भागचंदानी ने ऑल इंडिया लेवल पर तीसरा स्थान प्राप्त किया.
रिया ने इस परीक्षा में 61.33 फीसदी अंक प्राप्त किए. सीएस प्रोफेशनल परीक्षा के मॉड्यूल-1 में जयपुर चैप्टर का परीक्षा परिणाम 15.89 फीसदी, मॉड्यूल-2 में 16.88 फीसदी और मॉड्यूल-3 का परीक्षा परिणाम 12.50 फीसदी रहा. सीएस एग्जिक्यूटिव परीक्षा में मॉड्यूल वन का परीक्षा परिणाम 9.77 फीसदी और मॉडयूल टू का परीक्षा परिणाम 11.44 फीसदी रहा.
ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल करने वाली रिया भागचंदानी ने फोन पर बताया कि उन्होंने हमेशा से ही सेल्फ स्टडी पर फोकस किया और अपने सब्जेक्ट खुद ही तैयार किए. उनका मानना है कि जो पढ़ रहे हैं, उसे समझना भी जरूरी है. रिया ने बताया कि उनका पूरा दिन पढ़ाई में ही निकलता था, थोड़ा ब्रेक लेती और फिर पढ़ाई में ही जुट जाती थी. उन्होंने ऑनलाइन लेक्चर भी लिए और प्लान बना कर पढ़ाई की. रात को पढ़ना शुरू करती थी और सुबह 4-5 बजे तक पढ़ती रहती थी. शुरुआत में 10 से 12 घंटे पढ़ाई की और बाद में इस समय को और बढ़ा दिया. अब उनका प्लान अपनी ट्रेनिंग पूरी कर कॉरपोरेट सेक्टर में जॉब करना है.
वहीं, सीएस प्रोफेशनल परीक्षा में जयपुर चैप्टर में दूसरे पायदान पर रही उर्वशी अग्रवाल ने बताया कि वो नियमित रूप से 10 से 12 घंटे पढ़ती थी. लेकिन उन्हें टीवी देखने का भी बेहद शौक है, इसलिए अपना स्ट्रेस दूर करने के लिए पढ़ाई से ब्रेक लेकर टीवी देखना कभी नहीं छोड़ा. जहां तक पढ़ाई की बात है तो वो तभी पढ़ाई करती थी जब उनका मन होता था, कभी भी कोई शेड्यूल बनाकर पढ़ाई नहीं की. उनका सपना है कि वो कॉरपोरेट में जाए. यही वजह है कि जब वह स्कूल में थी उसी वक्त उन्होंने सीएस करने के बारे में सोच लिया था.
जयपुर चैप्टर पर सीएस प्रोफेशनल परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली मिताली अग्रवाल ने बताया कि ऐसे कोर्सेज के लिए सेल्फ स्टडी सबसे ज्यादा जरूरी होती है. यदि अभ्यर्थी ऐसा नहीं करते तो वो एग्जाम क्लीयर नहीं कर सकते. उन्होंने नियमित रूप से तकरीबन 13 घंटे पढ़ाई की, जब भी ब्रेक लेना होता था उस समय वो डांस करना, कुछ देर फ्रेंड्स और पैरेंट्स के साथ समय बिताना पसंद करती थी. उन्होंने कहा कि माइंड को फ्रेश करने के लिए ब्रेक लेना भी बेहद जरूरी है. मिताली की बहन भी सीएस है यही वजह है कि उन्होंने इस फील्ड को चुना. उन्हें सीईओ शब्द हमेशा से आकर्षित करता रहा है, इसलिए उन्होंने सीएस करना पसंद किया और अब उन्हें किसी बड़ी कम्पनी को जॉइन करना है, ताकि वो अपना सपना पूरा कर सके.