नई दिल्ली : म्यांमार की सीमा से लगे पूर्वी नगालैंड के मोन जिले में स्थानीय लोगों के बीच जंगल की आग की तरह एक कोयला खदान में हीरे मिलने की अफवाह फैल गई, जिससे वहां एक बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई.
दरअसल, इस इलाके में इस सप्ताह की शुरुआत में एक निजी भूमि में तीन-चार क्रिस्टल पाए गए थे, जिसने यहां कई प्रकार के उन्मादों को जन्म दिया. कहा जा रहा है कि भूमि में हीरे हो सकते हैं. हालांकि अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है.
इस संबंध में मोन के डिप्टी कमिश्नर थावासीलन के ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि नगालैंड सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ जियोलॉजी एंड माइनिंग की ओर से अगले हफ्ते एक टीम यहां भेजी जा रही है, ताकि यह जांचा जा सके कि ये क्रिस्टल किस चीज के हैं.
उल्लेखनीय है कि खोज का सटीक स्थान मोन के बाहरी इलाके में वांचिंग गांव के पास है, जो जिले का मुख्यालय भी है.
बता दें कि 2017 में एक इंडो-जर्मन अध्ययन में दो भू-वैज्ञानिकों- भुवनेश्वर के सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल्स एंड मटेरियल्स टेक्नोलॉजी के बिभुरंजन नायक और जर्मनी के आचेन से फ्रांज माइकल मेयर द्वारा प्रस्तुत किए पेपर में नगालैंड में हीरे की उपस्थिति की बात कही गई थी.
नगालैंड के त्युनसांग जिले के पोकफुर क्षेत्र की चट्टानों पर अपने शोध का संचालन करने के बाद दोनों भूवैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि नगालैंड-म्यांमार सीमा में पटकाई रेंज पर ओपियोलाइट चट्टानों की एक अच्छी रचना है, जिसमें मैंगनीमिल्माइट होता है. यह भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज की अभूतपूर्व खोज है.
रिसर्च पेपर के मुताबिक, मैंगनीमिल्माइट को एक हीरे का सूचक खनिज माना जाता है और ओपियोलाइट्स दुनिया में कहीं भी माइक्रोडायमंड्स का एक नया प्रलेखित है. ऐसे में पोकफुर मैग्नेटाइट में मौजूद इंडो-म्यांमार पर्वतमाला की चट्टानों में मैंगनीमिल्माइट की उपस्थिति माइक्रोडायमंड्स की मौजूदगी की ओर इशारा करती है.
पहाड़ी राज्य के कई अन्य जिलों की तरह मोन में भी प्रचुर मात्रा में कोयला जमा है.
थावासीलन ने कहा कि यह जगह एक कोयला बेल्ट के पास है, जहां लोग दशकों से कोयले की खुदाई कर रहे हैं. ऐसे में केवल एक यह ही संभावना है कि क्रिस्टल अब हीरे में तब्दील हो जाए.
उन्होंने कहा कि गहरे-स्रोत वाले ज्वालामुखीय विस्फोटों के कारण हीरे लंबे समय तक कोयले पर पड़ने वाले अत्यधिक दबाव और ऊष्मा से निर्मित होते हैं.
इस बीच इंटरनेट और सोशल मीडिया पर पागल-भीड़ में शामिल लोगों के साथ यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई.
पढ़ें- पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी पर चीन-भारत में गहन संवाद जारी : चीनी सेना
इस संबंध में एक स्थानीय निवासी नोकप कोन्याक का कहना है कि मैंने इंटरनेट पर वांचिंग के पास पाए जाने वाले हीरे के बारे में पढ़ा. कई लोगों का मानना है कि यह सच है और इसलिए बहुत से लोग इस जगह पर जमा हो गए हैं.
मोन नागाओं के कोन्याक जनजाति का पारंपरिक घर है. यह भयंकर योद्धाओं के रूप में जाने जाते हैं. इसके अलावा कोन्याक को हेडहिंटिंग प्रथा का सख्ती से पालन करने के लिए जाना जाता है.