मुंबई : स्वेज नहर जलमार्ग से जलयानों का आवागमन जल्द बहाल होने से तेल की सप्लाई बेअसर होने की उम्मीदों से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोमवार को फिर कच्चे तेल के दाम पर दबाव बना हुआ था, जिसका असर घरेलू वायदा बाजार में भी दिखा. जानकार बताते हैं कि करीब एक सप्ताह से अवरुद्ध स्वेज नहर जलमार्ग अब जल्द खुलने की उम्मीद जगी है, जिससे कच्चे तेल की सप्लाई दुरुस्त हो जाएगी. कोरोना वायरस संक्रमण का कहर दोबारा गहराने से तेल की खपत में कमी की आशंकाओं से पहले ही तेल के दाम पर दबाव बना हुआ है.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शाम 8.43 बजे कच्चे तेल के अप्रैल अनुबंध में बीते साल से 36 रुपये यानी 0.81 फीसदी की कमजोरी के साथ 4,420 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था.
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के मई डिलीवरी अनुबंध में बीते सत्र से 0.57 फीसदी की नरमी के साथ 64.06 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले दैनिक कारोबार के दौरान ब्रेंट का भाव 63.01 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा. न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर डब्ल्यूटीआई के मई अनुबंध में बीते सत्र से 0.57 फीसदी की गिरावट के साथ 60.62 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 59.42 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा.
पढ़ें : स्वेज नहर में परिवहन बाधित होने से वैश्विक व्यापार पर पड़ सकता है दबाव
स्वेज नहर जलमार्ग में एक विशाल कंटेनर जहाज के फंस जाने से करीब एक सप्ताह से जलयानों का आवागमन अवरुद्ध है, लेकिन यूरोप और एशिया के बीच व्यापार का प्रमुख जलमार्ग से आवागमन सुचारु करने की दिशा में काम चल रहा है और जानकार बताते हैं कि जल्द ही जलमार्ग खुलने की उम्मीद है.