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CRPF On Terrorism In JK: घाटी में खत्म हुईं पत्थरबाजी की घटनाएं, आतंकवाद से लड़ाई जारी: सीआरपीएफ - सीआरपीएफ महानिरीक्षक

श्रीनगर में सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अर्द्धसैनिक बल आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. हमें जो भी आदेश दिया जाएगा, उसका पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं समाप्त हो गयी हैं. आतंकवाद खात्मे की ओर है.

CRPF On Terrorism
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Published : Mar 5, 2023, 1:38 PM IST

जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अगर अर्द्धसैनिक बल को कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियानों में मुख्य भूमिका निभाने के लिए कहा जाता है, तो वह इसके लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में घाटी में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन बल सतर्कता बरतते हुए आपराधिक तत्वों पर नजर रख रहा है.

सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (कश्मीर अभियान) एमएस भाटिया ने कहा है कि सीआरपीएफ के पास ऐसे (आतंकवाद-रोधी) परिदृश्यों में प्रभावी ढंग से काम करने की दक्षता, क्षमता, प्रशिक्षण और तकनीक मौजूद है, इस मामले में मैं बस यही कह सकता हूं.

उन्होंने पिछले महीने एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र की एक खबर के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही, जिसमें दावा किया गया था कि केंद्र सरकार कश्मीर में सक्रिय तौर पर चरणबद्ध तरीके से सेना हटाने पर विचार कर रही है.

भाटिया ने कहा कि यह एक नीतिगत मुद्दा है, जिस पर उच्चतम स्तर पर फैसला किया जाता है और हमें जो भी आदेश दिया जाएगा, हम उसका पालन करेंगे. अब भी, हम सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं. सीआरपीएफ ने 2005 में कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियानों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की जगह ले ली थी.

भाटिया ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में स्थिति में 'बड़ा बदलाव' आया है. उन्होंने कहा कि अगर हम (अनुच्छेद 370) निरस्त करने से पहले की स्थिति और मौजूदा स्थिति की बात करें तो पिछले दो-तीन सालों में इसमें काफी सुधार हुआ है. यह उल्लेखनीय है.

ये भी पढ़ें- NIA Attaches Property in Kupwara : एनआईए ने की पाकिस्तान में मारे गए आतंकी की संपत्ति कुर्क

हा‌लांकि, सीआरपीएफ महानिरीक्षक ने आगे कहा कि हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि हमने उग्रवाद या आतंकवाद को पूरी तरह से मिटा दिया है, लेकिन पहले जैसी स्थिति थी, उसकी तुलना में (आतंकवादी घटनाओं की) संख्या कम हुई है. आतंकवादी संगठनों में युवाओं का शामिल होना कम हो गया है. हो सकता है कि कुछ भटके हुए युवा आतंकवाद में शामिल होते हों, लेकिन उन्हें भी बहुत तेजी से समाप्त किया जा जा रहा है.

भाटिया ने कहा कि खुफिया नेटवर्क 'बहुत अच्छा' है, जो अपराधियों पर नजर रखने में मदद करता है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, जबकि पत्थरबाजी की घटनाएं समाप्त हो गयी हैं.

(पीटीआई-भाषा)

जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अगर अर्द्धसैनिक बल को कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियानों में मुख्य भूमिका निभाने के लिए कहा जाता है, तो वह इसके लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में घाटी में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन बल सतर्कता बरतते हुए आपराधिक तत्वों पर नजर रख रहा है.

सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (कश्मीर अभियान) एमएस भाटिया ने कहा है कि सीआरपीएफ के पास ऐसे (आतंकवाद-रोधी) परिदृश्यों में प्रभावी ढंग से काम करने की दक्षता, क्षमता, प्रशिक्षण और तकनीक मौजूद है, इस मामले में मैं बस यही कह सकता हूं.

उन्होंने पिछले महीने एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र की एक खबर के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही, जिसमें दावा किया गया था कि केंद्र सरकार कश्मीर में सक्रिय तौर पर चरणबद्ध तरीके से सेना हटाने पर विचार कर रही है.

भाटिया ने कहा कि यह एक नीतिगत मुद्दा है, जिस पर उच्चतम स्तर पर फैसला किया जाता है और हमें जो भी आदेश दिया जाएगा, हम उसका पालन करेंगे. अब भी, हम सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं. सीआरपीएफ ने 2005 में कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियानों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की जगह ले ली थी.

भाटिया ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में स्थिति में 'बड़ा बदलाव' आया है. उन्होंने कहा कि अगर हम (अनुच्छेद 370) निरस्त करने से पहले की स्थिति और मौजूदा स्थिति की बात करें तो पिछले दो-तीन सालों में इसमें काफी सुधार हुआ है. यह उल्लेखनीय है.

ये भी पढ़ें- NIA Attaches Property in Kupwara : एनआईए ने की पाकिस्तान में मारे गए आतंकी की संपत्ति कुर्क

हा‌लांकि, सीआरपीएफ महानिरीक्षक ने आगे कहा कि हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि हमने उग्रवाद या आतंकवाद को पूरी तरह से मिटा दिया है, लेकिन पहले जैसी स्थिति थी, उसकी तुलना में (आतंकवादी घटनाओं की) संख्या कम हुई है. आतंकवादी संगठनों में युवाओं का शामिल होना कम हो गया है. हो सकता है कि कुछ भटके हुए युवा आतंकवाद में शामिल होते हों, लेकिन उन्हें भी बहुत तेजी से समाप्त किया जा जा रहा है.

भाटिया ने कहा कि खुफिया नेटवर्क 'बहुत अच्छा' है, जो अपराधियों पर नजर रखने में मदद करता है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, जबकि पत्थरबाजी की घटनाएं समाप्त हो गयी हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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