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राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलिन हुए शहीद जवान मंगाराम - jawan mangaram debburma

शहीद सीआरपीएफ जवान मंगाराम देबबर्मा को आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. उनके अंतिम दर्शन लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद को याद करते हुए उनके परिवार के नाम पांच लाख रुपये की सहायता राशि घोषणा की.

त्रिपुरा मुख्यमंत्री बिपल्व कुमार देब
त्रिपुरा मुख्यमंत्री बिपल्व कुमार देब
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Published : Mar 28, 2021, 3:17 PM IST

अगरतलाः बिलखकर रोती शहीद जवान की विधवा और उनके बच्चे, पूरे शहर में शौक की लहर. मौका था शहीद शहीद उप-निरीक्षक मंगाराम देबबर्मा की अंतिम विदाई का. आज शहीद मंगाराम देबबर्मा पंचतत्व में विलिन हो गए.

त्रिपुरा के गोमती जिले के दक्षिण ताईवडू गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके बेटे 26 वर्षीय राजेश्वर ने उन्हें मुखाग्नि दी. उनकी विधवा पत्नी और बेटियां श्रीमिला और सुसिमी ने सेल्यूट कर शहीद को अंतिम विदाई दी. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. मंगाराम के बलिदान ने परिवार, रिश्तेदारों और गांव वालों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.

बता दें कि केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 73वीं बटालियन में तैनात शहीद उप-निरीक्षक मंगा राम देबबर्मा का पार्थिव शव शनिवार को यहां महाराज बीर बिक्रम हवाई अड्डे पर पहुंचा, जहां शहीद जवान के पार्थिव शव को लेने के लिए सुबह हवाई अड्डे पर उनका 26 वर्षीय बेटा राजेश्वर तीन अन्य रिश्तेदारों के साथ मौजूद थे.

इसके अलावा सीआरपीएफ अधिकारी और पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी डॉ शैलेश कुमार यादव, लोकसभा सांसद प्रतिमा भौमिक भी वहां मौजूद मौजूद थे.

यह भी पढ़ेंः त्रिपुरा के टिशू कल्चर प्रयोगशाला में तैयार हो रहे है आलू, केले के पौधे

मुख्यमंत्री बिपल्व कुमार देब ने मौके पर शहीद जवान के परिवार के नाम पांच लाख रुपये की सहायता राशि घोषणा की. इसके साथ ही शहीद के परिवार को हरसंभव मदद मुहैया कराने का भी आश्वासन दिया.

मुख्यमंत्री ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मंगाराम के शहादत को हम जाया होने नहीं देंगे.

अगरतलाः बिलखकर रोती शहीद जवान की विधवा और उनके बच्चे, पूरे शहर में शौक की लहर. मौका था शहीद शहीद उप-निरीक्षक मंगाराम देबबर्मा की अंतिम विदाई का. आज शहीद मंगाराम देबबर्मा पंचतत्व में विलिन हो गए.

त्रिपुरा के गोमती जिले के दक्षिण ताईवडू गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके बेटे 26 वर्षीय राजेश्वर ने उन्हें मुखाग्नि दी. उनकी विधवा पत्नी और बेटियां श्रीमिला और सुसिमी ने सेल्यूट कर शहीद को अंतिम विदाई दी. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. मंगाराम के बलिदान ने परिवार, रिश्तेदारों और गांव वालों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.

बता दें कि केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 73वीं बटालियन में तैनात शहीद उप-निरीक्षक मंगा राम देबबर्मा का पार्थिव शव शनिवार को यहां महाराज बीर बिक्रम हवाई अड्डे पर पहुंचा, जहां शहीद जवान के पार्थिव शव को लेने के लिए सुबह हवाई अड्डे पर उनका 26 वर्षीय बेटा राजेश्वर तीन अन्य रिश्तेदारों के साथ मौजूद थे.

इसके अलावा सीआरपीएफ अधिकारी और पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी डॉ शैलेश कुमार यादव, लोकसभा सांसद प्रतिमा भौमिक भी वहां मौजूद मौजूद थे.

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मुख्यमंत्री बिपल्व कुमार देब ने मौके पर शहीद जवान के परिवार के नाम पांच लाख रुपये की सहायता राशि घोषणा की. इसके साथ ही शहीद के परिवार को हरसंभव मदद मुहैया कराने का भी आश्वासन दिया.

मुख्यमंत्री ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मंगाराम के शहादत को हम जाया होने नहीं देंगे.

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