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हरियाणा : सिस्टम की नाकामी से हारा सीआरपीएफ का जवान, नियमों ने कर दिया 'शहीद'

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Published : Apr 6, 2021, 8:42 PM IST

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले का एक जवान सिस्टम के आगे जिंदगी की जंग हार गया. सड़क हादसे में घायल जवान के परिजन उसे इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर भटकते रहे, लेकिन इलाज नहीं मिला और जवान की मौत हो गई.

वक्त पर नहीं मिला इलाज
वक्त पर नहीं मिला इलाज

चंडीगढ़ : हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव खातोद निवासी 34 वर्षीय सीआरपीएफ जवान कृष्ण कुमार सिस्टम से जंग हार गए. इलाज में देरी के कारण ज्यादा खून बह गया जिससे उनकी मौत हो गई. उनके सात साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी.

वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर गई सीआरपीएफ जवान की जान

दरअसल, रविवार को सीआरपीएफ जवान अपने जीजा के साथ किसी काम से रेवाड़ी जा रहे थे. इस दौरान गांव सिगड़ी के बस स्टैंड के पास एक ट्रॉला की चपेट में आने से वो घायल हो गए. उन्हें नागरिक अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद दूसरे अस्पताल रेफर किया गया जिसके बाद परिजन उन्हें रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी गंभीर हालत के चलते उनको गुरुग्राम के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल रेफर किया गया.

अस्पताल प्रशासन ने घायल सीआरपीएफ जवान का इलाज छूट कार्ड की जगह कैश से करने के लिए कहा. इसके बाद घायल सीआरपीएफ जवान को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां भी कार्ड से इलाज करने से मना कर दिया गया. परिजन करीब 6 घंटे तक सीआरपीएफ जवान को गंभीर हालत में लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन इलाज नहीं मिलने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया.

पढ़ें :- झारखंड : सीआरपीएफ के जवान ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या

बाद में पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया. जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. मृतक कृष्ण कुमार के सात वर्षीय बेटे ने उन्हें मुख्याग्नि दी. उनकी एक 6 वर्ष की बेटी भी है.

सैनिक की मौत का पूरे गांव को दुख था. वहीं हर कोई सिस्टम को कोस रहा था. दिल में दर्द छुपाए हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक बात थी की काश देश का सिस्टम सही होता तो आज हमारा एक जवान सिस्टम के आगे जिंदगी की जंग ना हारता.

चंडीगढ़ : हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव खातोद निवासी 34 वर्षीय सीआरपीएफ जवान कृष्ण कुमार सिस्टम से जंग हार गए. इलाज में देरी के कारण ज्यादा खून बह गया जिससे उनकी मौत हो गई. उनके सात साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी.

वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर गई सीआरपीएफ जवान की जान

दरअसल, रविवार को सीआरपीएफ जवान अपने जीजा के साथ किसी काम से रेवाड़ी जा रहे थे. इस दौरान गांव सिगड़ी के बस स्टैंड के पास एक ट्रॉला की चपेट में आने से वो घायल हो गए. उन्हें नागरिक अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद दूसरे अस्पताल रेफर किया गया जिसके बाद परिजन उन्हें रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी गंभीर हालत के चलते उनको गुरुग्राम के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल रेफर किया गया.

अस्पताल प्रशासन ने घायल सीआरपीएफ जवान का इलाज छूट कार्ड की जगह कैश से करने के लिए कहा. इसके बाद घायल सीआरपीएफ जवान को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां भी कार्ड से इलाज करने से मना कर दिया गया. परिजन करीब 6 घंटे तक सीआरपीएफ जवान को गंभीर हालत में लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन इलाज नहीं मिलने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया.

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बाद में पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया. जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. मृतक कृष्ण कुमार के सात वर्षीय बेटे ने उन्हें मुख्याग्नि दी. उनकी एक 6 वर्ष की बेटी भी है.

सैनिक की मौत का पूरे गांव को दुख था. वहीं हर कोई सिस्टम को कोस रहा था. दिल में दर्द छुपाए हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक बात थी की काश देश का सिस्टम सही होता तो आज हमारा एक जवान सिस्टम के आगे जिंदगी की जंग ना हारता.

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