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Rajasthan : दो दिन में 40 से ज्यादा मृत मिले कौए, प्रवासी पक्षी कुरजां की बर्ड फ्लू से हुई थी मौत

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Published : Nov 20, 2021, 6:02 PM IST

जयपुर के सांभर झील एरिया में दो साल पहले हजारों पक्षी संक्रमण के कारण मारे गए थे. अब इसी इलाके में दो दिन में 40 से ज्यादा कौए मारे जा चुके हैं और कई पक्षी अचेत मिल रहे हैं. पशुपालन और वन विभाग सकते में है. पक्षियों के सैंपल भोपाल भिजवाए गए हैं. नवंबर महीने में ही जोधपुर में प्रवासी पक्षी कुरजां के भी बर्ड फ्लू से मौतों के मामले सामने आ चुके हैं.

crows
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जयपुर : सांभर कस्बे में कौओं की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. आज शनिवार को सांभर कस्बे में 22 कौए मृत मिले हैं. जबकि पांच कौए और एक-एक चील व कबूतर अचेत मिले हैं.

जयपुर से आई पशुपालन विभाग की टीम पक्षियों में फैल रही इस बीमारी का पता लगाने में जुटी है. शवों के सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित लैब में भेजे जा रहे हैं. पशुपालन विभाग जयपुर के संयुक्त निदेशक प्रवीण कुमार की अगुवाई में सांभर पहुंची. टीम ने मृत कौओं के सैंपल इकठ्ठा किए और शवों को दफनाया. जबकि घायल और अचेत मिले पक्षियों का उपचार किया गया है.

संयुक्त निदेशक प्रवीण कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले जोधपुर में प्रवासी पक्षी कुरजां की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई थी. सांभर में पक्षियों की मौत का कारण पता लगाने के लिए शवों के सैंपल भोपाल भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां पक्षियों के शव मिल रहे हैं. वहां अनावश्यक रूप से लोगों की आवाजाही रोकना जरूरी है. इसके लिए प्रशासन से बातचीत की जा रही है. सांभर तहसीलदार ने कर्मचारियों को नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं.

पशुपालन और वन विभाग सकते में

वन विभाग ने बनाए दो रेस्क्यू सेंटर और अस्थाई चौकी

इधर सांभर झील में सर्दियों में प्रवास करने वाले प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर भी वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. हालांकि झील के निरीक्षण के दौरान पक्षियों के शव नहीं मिले हैं. यहां वन विभाग की ओर से दो रेस्क्यू सेंटर बनाकर एक अस्थाई चौकी स्थापित की गई है. उप वन संरक्षक जयपुर ने बताया कि सांभर कस्बे में कुछ पक्षियों की मौत की जानकारी आई है. लेकिन झील क्षेत्र में किसी भी पक्षी की मौत का मामला अभी तक सामने नहीं आया है.

पढ़ें- Sambhar Lake में 20 से ज्यादा कौवे मरे मिले...बर्ड फ्लू की आशंका

18 नवंबर को 20 कौए मिले थे मृत

गुरुवार 18 नवंबर की सुबह सांभर झील एरिया में 20 से ज्यादा कौए मरे हुए मिले थे. पशुपालन और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. कौओं की मौत का कारण पता लगाने के लिए शवों के सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए. सांभर कस्बे में तलाई वाले बालाजी मंदिर के आसपास कौए मरे हुए मिले थे. इसके अलावा कई कौए घायल और अचेत हालत में भी मिले थे. स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पशुपालन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे.

2019 में सांभर में हुई थी पक्षी त्रासदी

दो साल पहले सांभर झील एरिया में हजारों पक्षी मृत पाए गए थे. प्रवासी पक्षियों की मौत (Death of Migratory Birds) के बाद सांभर झील देशभर में सुर्खियों में आ गई थी. अब सांभर झील (Sambhar Lake) कस्बे में कौओं की मौत से हड़कंप मचा हुआ है.

जोधपुर में बर्ड फ्लू से हुई कुरजां की मौत

नवंबर के दूसरे सप्ताह में जोधपुर के बिलाड़ा क्षेत्र के कापरड़ा गांव में कुरजां प्रवासी पक्षी भी बड़ी तादाद में मृत मिले थे, इन प्रवासी पक्षियों की रिपोर्ट भोपाल लैब से आई तो बर्ड फ्लू का खुलासा हुआ था. कुरजां का इलाज रानीखेत बीमारी मानकर किया जा रहा था लेकिन भोपाल से रिपोर्ट आने के बाद साफ हो गया कि पश्चिमी राजस्थान में कुरजां पक्षी की मौत रानीखेत से नहीं बल्कि बर्ड फ्लू से हो रही थी.

जयपुर : सांभर कस्बे में कौओं की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. आज शनिवार को सांभर कस्बे में 22 कौए मृत मिले हैं. जबकि पांच कौए और एक-एक चील व कबूतर अचेत मिले हैं.

जयपुर से आई पशुपालन विभाग की टीम पक्षियों में फैल रही इस बीमारी का पता लगाने में जुटी है. शवों के सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित लैब में भेजे जा रहे हैं. पशुपालन विभाग जयपुर के संयुक्त निदेशक प्रवीण कुमार की अगुवाई में सांभर पहुंची. टीम ने मृत कौओं के सैंपल इकठ्ठा किए और शवों को दफनाया. जबकि घायल और अचेत मिले पक्षियों का उपचार किया गया है.

संयुक्त निदेशक प्रवीण कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले जोधपुर में प्रवासी पक्षी कुरजां की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई थी. सांभर में पक्षियों की मौत का कारण पता लगाने के लिए शवों के सैंपल भोपाल भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां पक्षियों के शव मिल रहे हैं. वहां अनावश्यक रूप से लोगों की आवाजाही रोकना जरूरी है. इसके लिए प्रशासन से बातचीत की जा रही है. सांभर तहसीलदार ने कर्मचारियों को नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं.

पशुपालन और वन विभाग सकते में

वन विभाग ने बनाए दो रेस्क्यू सेंटर और अस्थाई चौकी

इधर सांभर झील में सर्दियों में प्रवास करने वाले प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर भी वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. हालांकि झील के निरीक्षण के दौरान पक्षियों के शव नहीं मिले हैं. यहां वन विभाग की ओर से दो रेस्क्यू सेंटर बनाकर एक अस्थाई चौकी स्थापित की गई है. उप वन संरक्षक जयपुर ने बताया कि सांभर कस्बे में कुछ पक्षियों की मौत की जानकारी आई है. लेकिन झील क्षेत्र में किसी भी पक्षी की मौत का मामला अभी तक सामने नहीं आया है.

पढ़ें- Sambhar Lake में 20 से ज्यादा कौवे मरे मिले...बर्ड फ्लू की आशंका

18 नवंबर को 20 कौए मिले थे मृत

गुरुवार 18 नवंबर की सुबह सांभर झील एरिया में 20 से ज्यादा कौए मरे हुए मिले थे. पशुपालन और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. कौओं की मौत का कारण पता लगाने के लिए शवों के सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए. सांभर कस्बे में तलाई वाले बालाजी मंदिर के आसपास कौए मरे हुए मिले थे. इसके अलावा कई कौए घायल और अचेत हालत में भी मिले थे. स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पशुपालन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे.

2019 में सांभर में हुई थी पक्षी त्रासदी

दो साल पहले सांभर झील एरिया में हजारों पक्षी मृत पाए गए थे. प्रवासी पक्षियों की मौत (Death of Migratory Birds) के बाद सांभर झील देशभर में सुर्खियों में आ गई थी. अब सांभर झील (Sambhar Lake) कस्बे में कौओं की मौत से हड़कंप मचा हुआ है.

जोधपुर में बर्ड फ्लू से हुई कुरजां की मौत

नवंबर के दूसरे सप्ताह में जोधपुर के बिलाड़ा क्षेत्र के कापरड़ा गांव में कुरजां प्रवासी पक्षी भी बड़ी तादाद में मृत मिले थे, इन प्रवासी पक्षियों की रिपोर्ट भोपाल लैब से आई तो बर्ड फ्लू का खुलासा हुआ था. कुरजां का इलाज रानीखेत बीमारी मानकर किया जा रहा था लेकिन भोपाल से रिपोर्ट आने के बाद साफ हो गया कि पश्चिमी राजस्थान में कुरजां पक्षी की मौत रानीखेत से नहीं बल्कि बर्ड फ्लू से हो रही थी.

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