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पर्यटन स्थलों, बाजारों में बिना मास्क के लोगों का नजर आना चिंता का विषय : पीएम मोदी

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Published : Jul 13, 2021, 7:33 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये चर्चा की. इस दौरान पीएम ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक है और मुख्यमंत्रियों से सतर्क रहने तथा इसका और प्रसार रोकने के लिए तेजी से कदम उठाने को कहा. इसके साथ ही पीएम मोदी ने पर्वतीय पर्यटन स्थलों और बाजारोंमें बड़ी संख्या में बिना मास्क लगाए और सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए भीड़ के उमड़ने पर चिंता जाहिर की है.

पीएम मोदी
पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पर्वतीय पर्यटन स्थलों और बाजारों ( hill stations and markets ) में बड़ी संख्या में बिना मास्क लगाए और सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए भीड़ के उमड़ने पर चिंता जाहिर की है तथा सभी से कोरोना वायरस की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिये कोविड नियमों का पालन करने का अनुरोध किया.

उन्होंने टीकाकरण अभियान में लगातार तेजी लाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, 'यदि हम सजग रहेंगे और सतर्कता बरतेंगे तो हम तीसरी लहर को रोक पाएंगे… इसमें कोई समझौता नहीं होना चाहिए.'

प्रधानमंत्री आठ पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये चर्चा कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में कोविड-19 ( Covid-19) की स्थिति चिंताजनक है और मुख्यमंत्रियों से सतर्क रहने तथा इसका और प्रसार रोकने के लिए तेजी से कदम उठाने को कहा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म स्तर पर वायरस का प्रसार रोकने के लिये सख्त कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने सूक्ष्म निषेध केंद्रों पर ज्यादा जोर दिए जाने का आह्वान किया.

कोरोना वायरस के तेजी से स्वरूप बदलने की प्रकृति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि इसमें आने वाले बदलावों की सख्त निगरानी रखी जाए और सभी स्वरूपों पर नजर रखी जाए. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ लगातार इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि उत्परिवर्तन के बाद वायरस कितना परेशानी पैदा करने वाला हो सकता है, किंतु ऐसी बदलती परिस्थितियों में रोकथाम और उपचार बेहद महत्वपूर्ण हैं.

मोदी ने जोर दिया कि सामाजिक दूरी, मास्क और टीकों की उपयोगिता स्पष्ट है और परीक्षण, निगरानी व उपचारण इससे निपटने की एक सिद्ध रणनीति है.

मोदी ने कहा, 'यह सच है कि कोरोना के कारण पर्यटन और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. लेकिन मैं आज जोर देते हुए यह कहना चाहूंगा कि पर्वतीय पर्यटन स्थलों और बाजारों में बिना मास्क के भारी भीड़ का जुटना गंभीर चिंता का विषय है और यह सही नहीं है.'

प्रधानमंत्री ने लोगों से इस तर्क को छोड़ देने को कहा कि वे 'कोरोना वायरस की तीसरी लहर से पहले आनंद लेना चाहते हैं.'

मोदी ने कहा, 'कई बार हम यह तर्क सुनते हैं और कई लोग तो सीना तान के बोलते हैं,‘अरे भाई तीसरी लहर आने से पहले हम एंज्वॉय (मजा) करना चाहते हैं’. यह बात लोगों को समझाना जरूरी है कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी.'

उन्होंने कहा कि हमारे दिमाग में मुख्य रूप से जो सवाल होना चाहिए वह यह कि तीसरी लहर को कैसे रोका जाए और कोविड संबंधी नियमों का सख्ती से पालन किया जाए.'

मोदी ने कहा कि विशेषज्ञ बार-बार लापरवाही और भीड़ जुटने को लेकर चेतावनी दे रहे हैं क्योंकि इससे मामलों में काफी बढ़ोतरी हो सकती है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की सख्त वकालत की कि जिन जगह भीड़-भाड़ को टाला जा सकता है वहां ऐसा जरूर किया जाना चाहिए.

इस डिजिटल बैठक में असम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और अन्य लोग शामिल हुए.

मुख्यमंत्रियों ने कोविड-19 महामारी को संभालने के लिए समय पर कार्रवाई के वास्ते प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया और पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष तवज्जो और चिंता को लेकर उनकी सराहना की.

अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के 'सभी के लिये टीका-सभी के लिये मुफ्त' अभियान में पूर्वोत्तर को भी बराबर का महत्व दिया गया है और टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया.

टीकाकरण को लेकर मिथक और लोगों को प्रेरित करने के लिये मोदी ने मुख्यमंत्रियों से सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं, चर्चित हस्तियों और धार्मिक संगठनों को जोड़ने को कहा. उन्होंने उन इलाकों में टीकाकरण अभियान तेज करने का आह्वान किया जहां वायरस से प्रसार की आशंका ज्यादा है.

यह भी पढ़ें- देशद्रोह कानून की संवैधानिकता पर उठे सवाल, मीडिया पेशेवरों ने भी दी चुनौती

जांच और उपचार के लिये अवसंरचना में सुधार के उद्देश्य से मंत्रिमंडल द्वारा 23 हजार करोड़ रुपये के पैकेज को हाल में दी गई मंजूरी के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पूर्वोत्तर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार में मदद मिलेगी. इस पैकेज से पूर्वोत्तर में जांच, निदान और जीनोम अनुक्रमण में मदद मिलेगी.

मोदी ने पूर्वोत्तर में बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन सुविधाएं और बच्चों के देखभाल के लिये आधारभूत सुविधाओं में तेजी से इजाफा करने की जरूरत पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पीएम-केयर्स’ कोष के जरिये देश में सैकड़ों ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं और पूर्वोत्तर को भी करीब 150 संयंत्र मिले हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्रियों से इन संयंत्रों को स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से पूरी करने का अनुरोध किया. मोदी ने पूर्वोत्तर की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया.

मोदी ने कहा कि आज देश 20 लाख जांच प्रतिदिन की क्षमता तक पहुंच गया है और ऐसे में प्रभावित जिलों में जांच अवसंरचना को और मजबूत करने की आवश्यकता है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामलों की दैनिक संख्या में कुल मिलाकर आई कमी का जिक्र किया लेकिन चेताया कि इन्हें देखकर किसी को भी लापरवाह नहीं बनना चाहिए और ऐहतियात बरतना कम नहीं किया जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में कोविड-19 की स्थिति और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में उच्च संक्रमण दर को लेकर एक प्रस्तुति भी इस दौरान दी.

प्रधानमंत्री मोदी 16 जुलाई को तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र और केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ इन राज्यों में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करेंगे.

इन राज्यों के कई जिलों में या तो कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी गई है अथवा अन्य कई राज्यों में जिस तरह मामलों में गिरावट दर्ज की गई है, वैसे हालात इन छह राज्यों में नहीं दिखाई दिए हैं.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पर्वतीय पर्यटन स्थलों और बाजारों ( hill stations and markets ) में बड़ी संख्या में बिना मास्क लगाए और सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए भीड़ के उमड़ने पर चिंता जाहिर की है तथा सभी से कोरोना वायरस की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिये कोविड नियमों का पालन करने का अनुरोध किया.

उन्होंने टीकाकरण अभियान में लगातार तेजी लाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, 'यदि हम सजग रहेंगे और सतर्कता बरतेंगे तो हम तीसरी लहर को रोक पाएंगे… इसमें कोई समझौता नहीं होना चाहिए.'

प्रधानमंत्री आठ पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये चर्चा कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में कोविड-19 ( Covid-19) की स्थिति चिंताजनक है और मुख्यमंत्रियों से सतर्क रहने तथा इसका और प्रसार रोकने के लिए तेजी से कदम उठाने को कहा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म स्तर पर वायरस का प्रसार रोकने के लिये सख्त कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने सूक्ष्म निषेध केंद्रों पर ज्यादा जोर दिए जाने का आह्वान किया.

कोरोना वायरस के तेजी से स्वरूप बदलने की प्रकृति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि इसमें आने वाले बदलावों की सख्त निगरानी रखी जाए और सभी स्वरूपों पर नजर रखी जाए. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ लगातार इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि उत्परिवर्तन के बाद वायरस कितना परेशानी पैदा करने वाला हो सकता है, किंतु ऐसी बदलती परिस्थितियों में रोकथाम और उपचार बेहद महत्वपूर्ण हैं.

मोदी ने जोर दिया कि सामाजिक दूरी, मास्क और टीकों की उपयोगिता स्पष्ट है और परीक्षण, निगरानी व उपचारण इससे निपटने की एक सिद्ध रणनीति है.

मोदी ने कहा, 'यह सच है कि कोरोना के कारण पर्यटन और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. लेकिन मैं आज जोर देते हुए यह कहना चाहूंगा कि पर्वतीय पर्यटन स्थलों और बाजारों में बिना मास्क के भारी भीड़ का जुटना गंभीर चिंता का विषय है और यह सही नहीं है.'

प्रधानमंत्री ने लोगों से इस तर्क को छोड़ देने को कहा कि वे 'कोरोना वायरस की तीसरी लहर से पहले आनंद लेना चाहते हैं.'

मोदी ने कहा, 'कई बार हम यह तर्क सुनते हैं और कई लोग तो सीना तान के बोलते हैं,‘अरे भाई तीसरी लहर आने से पहले हम एंज्वॉय (मजा) करना चाहते हैं’. यह बात लोगों को समझाना जरूरी है कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी.'

उन्होंने कहा कि हमारे दिमाग में मुख्य रूप से जो सवाल होना चाहिए वह यह कि तीसरी लहर को कैसे रोका जाए और कोविड संबंधी नियमों का सख्ती से पालन किया जाए.'

मोदी ने कहा कि विशेषज्ञ बार-बार लापरवाही और भीड़ जुटने को लेकर चेतावनी दे रहे हैं क्योंकि इससे मामलों में काफी बढ़ोतरी हो सकती है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की सख्त वकालत की कि जिन जगह भीड़-भाड़ को टाला जा सकता है वहां ऐसा जरूर किया जाना चाहिए.

इस डिजिटल बैठक में असम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और अन्य लोग शामिल हुए.

मुख्यमंत्रियों ने कोविड-19 महामारी को संभालने के लिए समय पर कार्रवाई के वास्ते प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया और पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष तवज्जो और चिंता को लेकर उनकी सराहना की.

अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के 'सभी के लिये टीका-सभी के लिये मुफ्त' अभियान में पूर्वोत्तर को भी बराबर का महत्व दिया गया है और टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया.

टीकाकरण को लेकर मिथक और लोगों को प्रेरित करने के लिये मोदी ने मुख्यमंत्रियों से सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं, चर्चित हस्तियों और धार्मिक संगठनों को जोड़ने को कहा. उन्होंने उन इलाकों में टीकाकरण अभियान तेज करने का आह्वान किया जहां वायरस से प्रसार की आशंका ज्यादा है.

यह भी पढ़ें- देशद्रोह कानून की संवैधानिकता पर उठे सवाल, मीडिया पेशेवरों ने भी दी चुनौती

जांच और उपचार के लिये अवसंरचना में सुधार के उद्देश्य से मंत्रिमंडल द्वारा 23 हजार करोड़ रुपये के पैकेज को हाल में दी गई मंजूरी के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पूर्वोत्तर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार में मदद मिलेगी. इस पैकेज से पूर्वोत्तर में जांच, निदान और जीनोम अनुक्रमण में मदद मिलेगी.

मोदी ने पूर्वोत्तर में बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन सुविधाएं और बच्चों के देखभाल के लिये आधारभूत सुविधाओं में तेजी से इजाफा करने की जरूरत पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पीएम-केयर्स’ कोष के जरिये देश में सैकड़ों ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं और पूर्वोत्तर को भी करीब 150 संयंत्र मिले हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्रियों से इन संयंत्रों को स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से पूरी करने का अनुरोध किया. मोदी ने पूर्वोत्तर की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया.

मोदी ने कहा कि आज देश 20 लाख जांच प्रतिदिन की क्षमता तक पहुंच गया है और ऐसे में प्रभावित जिलों में जांच अवसंरचना को और मजबूत करने की आवश्यकता है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामलों की दैनिक संख्या में कुल मिलाकर आई कमी का जिक्र किया लेकिन चेताया कि इन्हें देखकर किसी को भी लापरवाह नहीं बनना चाहिए और ऐहतियात बरतना कम नहीं किया जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में कोविड-19 की स्थिति और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में उच्च संक्रमण दर को लेकर एक प्रस्तुति भी इस दौरान दी.

प्रधानमंत्री मोदी 16 जुलाई को तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र और केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ इन राज्यों में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करेंगे.

इन राज्यों के कई जिलों में या तो कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी गई है अथवा अन्य कई राज्यों में जिस तरह मामलों में गिरावट दर्ज की गई है, वैसे हालात इन छह राज्यों में नहीं दिखाई दिए हैं.

(पीटीआई भाषा)

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