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गुजरात: कच्छ में मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में उमड़ी भीड़, गाइडलाइंस की उड़ी धज्जियां - कच्छ में मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में उमड़ी भीड़

मुस्लिम धर्मगुरु हजरत हाजी अहमदशाह बाबा बुखारी मुफ्ती का 97 साल के उम्र में निधन हो गया. कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी. उन्होंने मुस्लिम समाज में शिक्षा को लेकर जागृति लाने का बहुत अहम काम किया.

hazrat haji ahmed shah baba bukhari mufti funeral
कच्छ में मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में उमड़ी भीड़
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Published : May 9, 2021, 9:06 PM IST

Updated : May 9, 2021, 9:53 PM IST

कच्छ: देश में कोरोना संक्रमण का प्रभाव दिन पर दिन बढ़ रहा है. केंद्र औऱ राज्य सरकारें लगातार इसके प्रभाव को कम करने के प्रयास में जुटी हैं. इसी सिलसिले में कई राज्यों ने लॉकडाउन भी लागू कर दिया है. लोगों से अपील की जा रही है कि बिना बेवजह घर से बाहर न निकलें, लेकिन कुछ ऐसे लोग अभी भी हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोविड प्रोटोकॉल के नियमों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा रहे हैं.

कच्छ में मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में उमड़ी भीड़

ऐसा ही एक मामला गुजरात के कच्छ से सामने आया है. जहां कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन किया जा रहा है. बता दें, मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में काफी भीड़ उमड़ी. सैकड़ों की संख्या में लोग बिना मास्क लगाए शामिल हुए. इसके साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं. जानकारी के मुताबिक ये तस्वीरें कच्छ के मांडवी से सामने आई हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. शुक्रवार 7 मई की रात मुस्लिम धर्मगुरु हजरत हाजी अहमदशाह बाबा बुखारी मुफ्ती का इंतकाल हुआ था जिनके जनाजे में यह भीड़ उमड़ी थी.

बता दें, मुस्लिम धर्मगुरु हजरत हाजी अहमदशाह बाबा बुखारी मुफ्ती का 97 साल के उम्र में निधन हो गया. कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी. उन्होंने मुस्लिम समाज में शिक्षा को लेकर जागृति लाने का बहुत अहम काम किया. इलाके के लोगों के साथ-साथ दूर-दराज के लोग भी उन्हें बहुत मानते थे और यही कारण रहा कि उनके जनाजे में इतनी भीड़ जमा हुई.

मुस्लिम समाज ने खोया दिया एक नेता

हाजी अहमदशाह बावा बुखारी मुफ्ती के निधन से न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि कच्छ के हिंदू समुदाय को भी शोक हुआ है. वह 1963 में मांडवी आए और तब से वहीं रह रहे हैं. परिवार में उनके 5 बेटे हैं. मुस्लिम समुदाय ने एक नेता को खो दिया है.

पढ़ें: रतलाम सिविल अस्पताल के गेट पर इलाज के लिए तड़पता रहा मरीज, बेटे की गोद में निकला दम

गुजरात और गुजरात के बाहर भी शोक

उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया. भुज और मांडवी में कई अनाथ बच्चों की शिक्षा में उनका योगदान रहा है. उन्होंने अपना जीवन सामाजिक धर्म के प्रचारक के तौर पर समर्पित किया था. हाजी अहमदशाह बावा बुखारी मुफ्ती के निधन से कच्छ सहित पूरे देश में रहने वाले उनके अनुयायी शोक में हैं.

कच्छ: देश में कोरोना संक्रमण का प्रभाव दिन पर दिन बढ़ रहा है. केंद्र औऱ राज्य सरकारें लगातार इसके प्रभाव को कम करने के प्रयास में जुटी हैं. इसी सिलसिले में कई राज्यों ने लॉकडाउन भी लागू कर दिया है. लोगों से अपील की जा रही है कि बिना बेवजह घर से बाहर न निकलें, लेकिन कुछ ऐसे लोग अभी भी हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोविड प्रोटोकॉल के नियमों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा रहे हैं.

कच्छ में मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में उमड़ी भीड़

ऐसा ही एक मामला गुजरात के कच्छ से सामने आया है. जहां कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन किया जा रहा है. बता दें, मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में काफी भीड़ उमड़ी. सैकड़ों की संख्या में लोग बिना मास्क लगाए शामिल हुए. इसके साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं. जानकारी के मुताबिक ये तस्वीरें कच्छ के मांडवी से सामने आई हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. शुक्रवार 7 मई की रात मुस्लिम धर्मगुरु हजरत हाजी अहमदशाह बाबा बुखारी मुफ्ती का इंतकाल हुआ था जिनके जनाजे में यह भीड़ उमड़ी थी.

बता दें, मुस्लिम धर्मगुरु हजरत हाजी अहमदशाह बाबा बुखारी मुफ्ती का 97 साल के उम्र में निधन हो गया. कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी. उन्होंने मुस्लिम समाज में शिक्षा को लेकर जागृति लाने का बहुत अहम काम किया. इलाके के लोगों के साथ-साथ दूर-दराज के लोग भी उन्हें बहुत मानते थे और यही कारण रहा कि उनके जनाजे में इतनी भीड़ जमा हुई.

मुस्लिम समाज ने खोया दिया एक नेता

हाजी अहमदशाह बावा बुखारी मुफ्ती के निधन से न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि कच्छ के हिंदू समुदाय को भी शोक हुआ है. वह 1963 में मांडवी आए और तब से वहीं रह रहे हैं. परिवार में उनके 5 बेटे हैं. मुस्लिम समुदाय ने एक नेता को खो दिया है.

पढ़ें: रतलाम सिविल अस्पताल के गेट पर इलाज के लिए तड़पता रहा मरीज, बेटे की गोद में निकला दम

गुजरात और गुजरात के बाहर भी शोक

उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया. भुज और मांडवी में कई अनाथ बच्चों की शिक्षा में उनका योगदान रहा है. उन्होंने अपना जीवन सामाजिक धर्म के प्रचारक के तौर पर समर्पित किया था. हाजी अहमदशाह बावा बुखारी मुफ्ती के निधन से कच्छ सहित पूरे देश में रहने वाले उनके अनुयायी शोक में हैं.

Last Updated : May 9, 2021, 9:53 PM IST

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